Smart Eating Habits: आप क्या खाते हैं, आप की लाइफस्टाइल कैसी है, आप की उम्र क्या है, आप के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य व सोचने से ले कर आप के महसूस करने तक आप को जो प्रभावित करता है वह है आप का खाना यानी आप के पोषण संबंधी विकल्प, जो पेट और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर करते हैं.
यदि आप शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से बेहतर महसूस करना चाहते हैं तो हर दिन समझदारी से खाएं और बेहतर महसूस करें. इस के लिए अच्छा खाएं. इस में शामिल करें पर्याप्त अनाज, फल और सब्जियां, पर्याप्त प्रोटीन व कैल्शियम लेकिन ध्यान दें, स्वास्थ्यवर्धक तेल चुनें, जिस्म को हाइड्रेटेड रखें, सेल्फ केयर करें.
हमारा खाना कार्य करने, चलने, सोचने, बढ़ने और हमारे शरीर की मरम्मत करने के लिए ईंधन का काम करता है लेकिन स्वस्थ रहने और महसूस करने के लिए बुद्धिमानी से खाना एक कला है. इस के लिए खाने की सही मात्रा, गुणवत्ता और प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज और विटामिन, अच्छे कार्बोहाइड्रेट-बुरे कार्बोहाइड्रेट, अच्छे वसा व बुरे वसा के संयोजन के बीच सही संतुलन बनाना आवश्यक है. इस के लिए बैलेंस डाइट (संतुलित आहार) लेना एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
तो आखिर क्या है संतुलित आहार? संतुलित आहार दरअसल एक ऐसा आहार है जो समग्र स्वास्थ्य के लिए आवश्यक पोषक तत्व, जैसे विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और मैक्रोन्यूट्रिएंट प्रदान करता है जिस में कार्ब्स, प्रोटीन, वसा, विटामिन, खनिज और फाइबर शामिल होते हैं. अपनी डाइट में ताजे फलों और सब्जियों को शामिल करें जबकि प्रोसेस्ड व जंक फूड्स से दूरी बनाएं. बैलेंस डाइट का उद्देश्य शरीर को ऊर्जावान बनाए रखना, उस की ग्रोथ में सहायता करना, इम्यूनिटी पावर को बढ़ाना और बीमारियों से शरीर को रोकना होता है.
कैसा हो संतुलित आहार?
संतुलित आहार के लिए अपने भोजन में प्रचुर मात्रा में फाइबर, मिनरल्स, विटामिन्स शामिल करना चाहिए. खाने में शकर और वसायुक्त पदार्थ कम से कम लें. फाइबर युक्त आहार के लिए अंकुरित अनाज, मोटे अनाज, कच्ची सब्जियां शामिल करें. खूब पानी पिएं ताकि आप के शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल सकें. संतुलित आहार के लिए खाने में दूध, दही, एंटीऑक्सीडेंट फूड को शामिल करना चाहिए. शरीर को स्वस्थ रखने में विटामिन सी और डी, बी12 की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है. विटामिन डी कैल्शियम को शरीर में अवशोषित करता है. इस से हमारे नाखून, त्वचा की चमक आदि पर अच्छा असर पड़ता है.
कितनी कैलोरी?
आप को कितनी कैलोरी की आवश्यकता है, यह इस बात पर निर्भर है कि आप की दिनचर्या और उम्र क्या है? आप पुरुष हैं या महिला? पुरुषों को महिलाओं के मुकाबले ज्यादा कैलोरी की आवश्यकता होती है. यदि आप की फिजिकल एक्टिविटी कम है तो कम कैलोरी युक्त खाना खाएं. यदि हमें खुद के शरीर को स्वस्थ और सुडौल रखना है तो याद रहे कि हम जितना खाएं उतनी एक्टिविटी भी करें यानी कि जितनी कैलोरी लें उतनी बर्न भी करें. उम्र के हर पड़ाव में न्यूट्रियस और बैलेंस डाइट का शरीर पर अलग-अलग असर पड़ता है.
संतुलित आहार के फायदे
वजन प्रबंधन में मदद: संतुलित भोजन अतिरिक्त कैलोरी के बिना हमारे शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है, जिस से वजन नियंत्रण में रहता है.
बीमारियों से दूर रहते हैं: पोषक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन कार्डियोवैस्कुलर डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज, हाइपरटेंशन जैसे रोगों व कुछ अन्य प्रकार के जोखिम को कम करता है.
ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है: संतुलित आहार शरीर को उचित पोषण देता है और ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है, जिस से कार्य करने की क्षमता बढ़ती है
तनाव को कम करता है: न्यूट्रियस आहार लेने से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है, जिस से मूड स्विंग, अवसाद, चिंता और संज्ञानात्मक गिरावट का जोखिम कम होता है.
पाचन तंत्र बेहतर रहता है: न्यूट्रियस आहार जिस में प्रोटीन, आयरन, विटामिन खासकर सी, ए, और ई, ओमेगा-3 फैटी एसिड, जिंक और सेलेनियम हो, पूरे शरीर को स्वस्थ रखता है.
बच्चों के लिए संतुलित आहार के फायदे
बचपन से ही बच्चों में संतुलित आहार कई फायदे प्रदान करता है जो शरीर के समग्र स्वास्थ्य और विकास में सहायक होता है. इस के लिए बैलेंस डाइट लेना एक बेहतर विकल्प हो सकता है क्योंकि शरीर के सर्वांगीण विकास या ग्रोथ के लिए जिन पोषक तत्त्वों की आवश्यकता होती है वे हमें संतुलित भोजन से ही मिलते हैं. पोषक तत्वों से भरपूर यह खाना इम्यून सिस्टम को मजबूती देता है जिस से बच्चों को संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है.
उचित पोषण संज्ञानात्मक (कॉग्निटिव) कार्य का समर्थन करता है, जिस से बेहतर एकाग्रता, स्मृति और अकादमिक प्रदर्शन में सुधार होता है. संतुलित आहार बनाए रखने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों से बचना आवश्यक है, जैसे प्रोसेस्ड फूड्स, जंक फूड, मीठे जूस, कोल्ड ड्रिंक, अतिरिक्त शर्करा, अत्यधिक सोडियम या नमक और कैलोरी से भरे मॉकटेल्स. वहीं, तले हुए और प्रोसेस्ड फूड्स में ट्रांस फैट पाए जाते हैं जो हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं, इन से भी बचना चाहिए.
महिलाओं के लिए संतुलित भोजन
महिलाओं को घर से लेकर ऑफिस तक की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है. इस के लिए आवश्यक है कि वे खुद पूरी तरह से फिट और स्ट्रांग रहें. इस के लिए उन के खानपान का सही व न्यूट्रियस होना अति आवश्यक है.
अपनी उम्र के अनुसार आहार चुनें: 20 से 35 वर्ष की उम्र ग्रोथ की होती है, इस उम्र में प्रोटीनयुक्त, कार्बोहाइड्रेट्स जैसे गेहूं, चावल, रागी, ज्वार, बाजरा, ड्राई फ्रूट्स, नट्स, घी आदि को अपनी डाइट में शामिल करें.
40 से 50 वर्ष की उम्र में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव आते हैं. उन के इंसुलिन लेवल में बदलाव आता है और हड्डियों से संबंधित मेनोपॉज व और भी कई तरह की समस्याएं शुरू होने लगती हैं. इस के लिए ज्यादा फाइबर युक्त
हरी सब्जियां, कैल्शियम युक्त डेयरी प्रोडक्ट और नट्स अपने भोजन में शामिल करना चाहिए.
उम्र चाहे कोई भी हो, शरीर के जरूरी कार्य के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्त्वों को सुनिश्चित करना, ऊर्जा स्तर को बनाए रखना, वजन को नियंत्रण में रख कर रोगों से शरीर को दूर रखना और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में बैलेंस डाइट का महत्त्वपूर्ण रोल होता है.
खाएं सीजनल और लोकल फूड
कोशिश करें कि हमेशा सीजनल फल व सब्जियां ही अपने आहार में शामिल करें. ध्यान रहे कि वे लोकल हों क्योंकि हर जगह का तापमान, जल और वायु सब कुछ अलग-अलग होते हैं और उसी वातावरण के हिसाब से ही हमारा शरीर ढल जाता है. लोकल और सीजनल फल व सब्जियां सस्ती व हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती हैं. बेमौसम की चीजें खाने से बचें क्योंकि उन को उगाने के लिए काफी रासायनिक और कीटनाशक पदार्थों का उपयोग करना पड़ता है जोकि कहीं न कहीं हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाती हैं. कोशिश करें कि आप की थाली कलरफुल और सीजनल हो ताकि हर प्रकार के न्यूट्रिएंट्स शरीर को मिल सकें.
इस तरह आप अपने भोजन में पोषक तत्वों को शामिल कर के एक अच्छा स्वास्थ्य पा सकते हैं. बस, इस के लिए आवश्यकता है हर दिन आप समझदारी से खाएं और बेहतर महसूस करें. Smart Eating Habits.





