Secular India : महात्मा गांधी ने काठियावाड़ स्थित सोमनाथ मंदिर के विषय पर जोर दे कर कहा था कि इस के जीर्णोद्धार का खर्च भारत सरकार के खर्चे पर न हो क्योंकि भारत अब एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है. सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का खर्च केवल धर्मनिष्ठ हिंदुओं के निजी दान से ही उठाया जा सकता है. उन्होंने कहा, “हम ने सब के लिए सरकार बनाई है. यह एक धर्मनिरपेक्ष सरकार है, यानी यह किसी विशेष धर्म की नहीं है इसलिए यह समुदायों के आधार पर पैसा खर्च नहीं कर सकती.”
ध्यान रहे, गांधीजी एक सनातनी हिंदू थे लेकिन वे एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की मांग कर रहे थे, जबकि जिन्ना एक सांप्रदायिक सिद्धांत पर आधारित राष्ट्र की मांग कर रहे थे. Secular India
(‘जनता वीकली’, सब से पुरानी समाजवादी पत्रिका से साभार)