Obesity In India : दिल्ली में आईजेसीपी ग्रुप द्वारा आयोजित ओबेसिटास मिडटर्म 2025 सम्मेलन में, दक्षिण एशियाई मोटापा फोरम और एशियाई मोटापा जर्नल के सहयोग से, वहां मौजूद विशेषज्ञों ने मोटापे को एक दीर्घकालिक और बारबार लौटने वाली बीमारी के रूप में मान्यता देने और उस का गंभीर प्रबंधन करने की आवश्यकता पर जोर दिया है.
उन्होंने कहा कि मोटापा भारत में गैर संक्रामक रोगों के संकट को बढ़ा रहा है, जैसे कि मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, जिगर की समस्याएं, प्रजनन जटिलताएं, श्वसन संबंधी समस्याएं और मानसिक व सामाजिक चुनौतियां. विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य प्रणाली और नीति निर्माताओं से इसे प्राथमिकता देने का आग्रह किया.
आईजेसीपी ग्रुप और मेडटौक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निलेश अग्रवाल ने कहा, “मोटापा हमारे समय की प्रमुख स्वास्थ्य चुनौती है. यह हर चिकित्सा क्षेत्र, हर परिवार और हर समुदाय को प्रभावित कर रहा है.”
वहां मौजूद डा. संजय कालरा, जो कि अंतरराष्ट्रीय एंडोक्रिनोलौजी सोसाइटी के शिक्षा कार्य समूह के अध्यक्ष हैं, ने कहा, “शिक्षा ही मोटापे की समस्या में बदलाव की नींव है. हमें चिकित्सकों को ऐसा ज्ञान उपलब्ध कराना चाहिए जो व्यावहारिक, सहज और सहानुभूतिपूर्ण हो.” और डा. दीना श्रेष्टा ने इसे एक दीर्घकालिक बीमारी बताया.
भारत समेत दुनियाभर में मोटापा बड़ी समस्या बन कर उभरा है. एनएफएचएस का डाटा बताता है कि भारत में 24 प्रतिशत महिलाएं और 23 प्रतिशत पुरुष का वजन सामान्य से अधिक है.
यूसीएमएस के एंडोक्रिनोलौजी विभाग के प्रमुख निशांत रायजादा, “हम विज्ञान और वास्तविक चिकित्सा अभ्यास के बीच पुल बना रहे हैं, जिस में पोषण संबंधी विज्ञान, आंत्रजीव विज्ञान, दवाओं का उपयोग और शस्त्रक्रिया शामिल हैं.”
वहीं प्रो. नितिन कपूर, एंडोक्रिनोलौजी विभाग, सीएमसी वेल्लोर ने छिपे हुए जोखिमों पर ध्यान दिलाया, उन्होंने कहा, “मांसपेशियों के नुकसान और अतिरिक्त वसा का संयोजन, यानी मांसपेशियों की कमजोरी के साथ मोटापा, अब विकलांगता का एक छिपा हुआ कारण बन रहा है. मोटापे की देखभाल में ताकत बनाए रखना, जटिलताओं को रोकना और दीर्घकालिक जीवन शक्ति सुनिश्चित करना जरूरी है.”
बता दें इस सम्मलेन में 400 से अधिक स्वस्थ्य पेशेवरों ने भाग लिया. जिसे में मोटापे के कारण, निदान और उपचार के पहलुओं पर चर्चा की गई. नई पद्धतियों पर चर्चा हुई. ख़ास बात इस में युवा शोधकर्ताओं के पेपर और पोस्टर का प्रस्तुतीकरण भी हुआ. Obesity In India