Punjabi Music : पंजाबी गानों में लग्जरी ब्रांड्स को खूब दिखाया जाता है, सिंगर्स अपने गानों की मेन थीम ही इन ब्रांड्स के इर्दगिर्द रखते हैं. इन गानों को सुनने वाले अधिकतर यूथ हैं और उन पर इस का खासा इम्पैक्ट पड़ता है.
पंजाबी म्यूजिक हर जगह छाया हुआ है. शादियों से ले कर कार की सैर तक, पार्टी हो या दोस्तों के साथ हैंगआउट हो, पंजाबी गाने हर मौके पर बजते हैं. लेकिन इन गानों में सिर्फ मस्ती और नाचगाना ही नहीं, बल्कि महंगे ब्रांड्स का जम कर महिमामंडन भी होता है. गुच्ची, पराडा, वर्साचे जैसे ब्रांड्स के नाम गानों में घुसे रहते हैं. आज का यूथ इन गानों से इतना प्रभावित हो रहा है कि वह महंगी चीजें खरीदने के लिए भाग रहा है, चाहे जेब इजाजत दे या न दे.
आए दिन नएनए पंजाबी गाने रिलीज किए जाते हैं और खूब धड़ाके से सुने भी जाते हैं. इन में न सिर्फ कपड़ों की ब्रांड्स का महिमामंडन किया जाता है बल्कि गाड़ियों, शराब और घड़ियों तक के मंहगे ब्रांड्स का भी बोलबाला है. आज हम ऐसे लेटेस्ट पंजाबी गानों का विश्लेषण करेंगे जिन में ब्रांड्स का जिक्र गया है.
गाना 1- Prada – जस मानक
हो, अखां उत्ते तेरे आ प्राडा सज्जणा
अस्सी टाइम चकदे आ डाडा सज्जणा
मतलब – तुम्हारे आंखों के ऊपर प्राडा का चश्मा है और मैं तुम्हारे सड़क से गुजरने का इंतजार करती हूं.
काली रेंज विच रहना वेल्ली ताड़दा
थोनु चेहरा दिसदा नी साडा सज्जणा
अपनी काली रेंज रोवर में तुम दूसरों को ताड़ते रहते हो, लेकिन मैं तुम्हें नहीं दिखती.
तेरे पीछे साक शड्ड आई 40
गोरी जट्टी घुम्मे बेंटले च काली
प्राडा अखां ला के देख लै
मतलब- तेरे लिए मैं ने 40 लड़कियों को मना कर दिया जो गोरी और सुंदर लड़कियां मेरी बैंटली के आसपास घूमती हैं. अपनी आंखों से ये पराडा का चश्मा उतार के मुझे देखो.
जस मानक का गाना ‘पराडा’ 2018 में रिलीज हुआ, लेकिन 2025 तक भी इस का क्रेज बरकरार है. यह गाना जस मानक ने गाया और लिखा है. इस गाने में ‘पराडा’ ब्रांड का नाम बारबार आता है, जहां गायक अपनी लवर को इम्प्रेस करने के लिए पराडा की सैंडल्स का जिक्र करता है. गाने का लहजा ऐसा है कि पराडा, रेंज रोवर और बैंटली स्टेटस सिंबल बन जाता है.
गाना 2- अजूल- गुरू रंधावा
नी बोतल अजूल दिए
नी बोतल अजूल दिए
इस गाने का नाम है अजूल जो एक फेमस शराब का ब्रांड है और अपना बोतल के डिजाइन की वजह से यह काफी फेमस हुई थी. इस गाने में गुरू रंधावा ने अपनी गर्लफ्रैंड को अजूल से कंपेयर किया है.
ब्लेंडेड स्कौच वांगू रंग तेरा ब्राउन
हेंसी दे वांगू नी तू घुम्मे सारे टाउन
तुम ब्लैंडेड स्कोच की तरह ब्राउन हो और हैनेसी शराब की तरह पूरे शहर में घूमती हो.
मार ले टकीला जेहरा टिक के नी बहंदा
हुस्न आ तेरा टेरेमाना वांगू महंगा
मतलब- जो टकीला मार लेता है वह टिक के नहीं बैठता, तेरा हुस्न टैरे माना शराब की तरह महंगा है.
यह गाना गुरू रंधावा ने गाया है और लिखा है. इस गाने में रंधावा महंगीमहंगी शराबों से अपनी गर्लफ्रैंड को कंपेयर करता है.
गाना 3 – प्लेयर्स – बादशाह और करन औजला
रुसी नू गुच्ची कोई गहन सोनेया
एहना ता करना ही पहना सोहनेया
सोहनेय परादा नी पराडा चाहिदे
सोहनेय परादा नी पराडा चाहिदे
फेर मेलुगा जे दिल लैना सोनेया
अगर तुम रूठ गई तो मुझे तुम्हें मनाने के लिए गुच्ची या कोई गहना (महंगा तोहफा) देना पड़ेगा, सोनिया. मुझे खुश करने के लिए मुझे इतना तो करना ही पड़ेगा. मुझे परांदा नहीं चाहिए, मुझे तो पराडा (महंगा ब्रांड) चाहिए. और फिर अगर मेरा दिल जीत लिया, तो मुझे मिल पाओगे.
ये गाना बादशाह और करन औजला ने गाया है और इस के लीरिक्स जसकरन सिंह औजला और आदित्य प्रतीक सिंह ने लिखे हैं. इस गाने में लड़की पराडा और गुच्ची जैसे महंगे ब्रांड्स की ख्वाहिश करती है.
ब्रांड्स का महिमामंडन और यूथ पर असर
पंजाबी गानों में ब्रांड्स का जिक्र कोई नई बात नहीं है, लेकिन पिछले कुछ सालों में ये ट्रैंड इतना बढ़ गया है कि हर दूसरा गाना लग्जरी लाइफ को ग्लोरिफाई करता है. ये गाने यूथ को एक ऐसी दुनिया दिखाते हैं, जहां गुच्ची, पराडा, रोलेक्स और फरारी ही स्टेटस और सक्सेस की निशानी हैं. लेकिन इस का असर यूथ पर क्या हो रहा है?
महंगी चीजों की चाहत
यूथ इन गानों को सुन कर लग्जरी ब्रांड्स की तरफ भागता है. चाहे जेब में पैसे हों या न हों, ब्रांडेड कपड़े, जूते और गैजेट्स खरीदने की होड़ मच जाती है. कई बार लोग लोन ले कर या उधार मांग कर ये चीजें खरीदते हैं, सिर्फ इसलिए कि उन के फेवरेट सिंगर ने गाने में इन का जिक्र किया है.
सोशल मीडिया और शोऔफ
आजकल सोशल मीडिया का जमाना है. पंजाबी गानों में दिखाए गए ब्रांड्स और लग्जरी लाइफ को देख कर यूथ इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर अपनी ब्रांडेड लाइफ दिखाने की कोशिश करता है. इस से एक तरह का प्रेशर बनता है, जहां हर कोई दूसरों से बेहतर दिखना चाहता है. ये शोऔफ का कल्चर यूथ को फिजूलखर्ची की तरफ धकेलता है.
आर्थिक दबाव और मेंटल स्ट्रेस
हर कोई गुची या रोलेक्स अफोर्ड नहीं कर सकता. लेकिन गानों में इन ब्रांड्स को इतना ग्लोरिफाई किया जाता है कि यूथ को लगता है कि बिना इन के वे कूल नहीं हैं. इस से उन में हीनभावना आती है और वे अपनेआप को दूसरों से कम समझने लगते हैं. कई बार तो महंगी चीजें खरीदने के लिए लोग गलत रास्तों, जैसे चोरी या ठगी, की तरफ भी चले जाते हैं.
गालीगलौज और गुंडागर्दी का भी ग्लोरिफिकेशन
ब्रांड्स के साथसाथ पंजाबी गानों में गालीगलौज और गुंडागर्दी को भी बढ़ावा दिया जाता है. गानों में बंदूकें, गाड़ियां और स्वैग को इस तरह दिखाया जाता है, जैसे ये जिंदगी जीने का सही तरीका हो. यूथ इसे कौपी करने की कोशिश करता है, जिस से समाज में हिंसा और गलत व्यवहार बढ़ रहा है.
पंजाबी गाने अपनी धुन और एनर्जी के लिए मशहूर हैं, लेकिन इनमें ब्रांड्स और गलत चीजों का ग्लोरिफिकेशन कम होना चाहिए. सिंगर्स और गीतकारों को चाहिए कि वे ऐसी चीजें दिखाएं, जो यूथ को सकारात्मक दिशा में ले जाएं. म्यूजिक में पंजाब की संस्कृति, प्यार, और मेहनत की बात होनी चाहिए, न कि सिर्फ महंगे ब्रांड्स और गुंडागर्दी की. Punjabi Music