Relations : आज के समय जब प्रौपर्टी के लिए भाईभाई का दुश्मन है तब कुछ लोग ऐसे भी हैं जो यह साबित करते हैं कि खून के रिश्ते से भी बड़े कुछ रिश्ते होते हैं जो सीधे दिलों से जुड़े होते हैं. ऐसा ही एक मामला गुजरात से सामने आया है. जहां एक शख्श ने अपनी करोड़ों की जायदाद अपनी नौकरानी की पोती के नाम कर दी.

गुजरात के शाहीबाग़ में रहने वाले पेशे से इंजीनियर गुस्ताद बोरजोरजी टाटा इंडस्ट्रीज में काम करते थे. गुस्ताद का कोई कानूनी उत्तराधिकारी नहीं था. उनकी पत्नी का निधन साल 2001 में ही हो गया था. गुस्ताद बोरजोरजी के घर वर्षो से एक महिला नौकरानी के तौर पर काम करती थी. 2001 में गुस्ताद की पत्नी के निधन के बाद से वो बिलकुल अकेले थे. पत्नी के निधन और टाटा से रिटायरमैंट के बाद उन की देखभाल इसी नौकरानी ने ही की. इस नौकरानी की एक पोती थी जिस का नाम था अमीषा मकवाना.

गुस्ताद के अपनी कोई संतान नहीं थी तो वो नौकरानी की छोटी सी पोती अमीषा को ही अपनी संतान की तरह प्यार करने लगे. अमीषा की पढ़ाईलिखाई और उस के बचपन के सारे खर्च की जिम्मेदारी गुस्ताद ने उठाए. स्कूल के बाद अमीषा घर में ही रहती और पढ़ने के साथसाथ घर के कामों में अपनी दादी का हाथ बंटाटी थी. 2014 में जब अमीषा 13 साल की हुई तो गुस्ताद की मौत हो गई.

अपने पीछे इंजीनियर गुस्ताद अपनी वसीयत छोड़ गए जिस में उन्होंने शाहिबाग़ के मकान के साथ अपनी सरि सम्पत्ति अमीषा मकवाना के नाम कर दिया था. क्योंकि जिस दौरान वसीयत को अमीषा के नाम किया गया वह नाबालिग थी. इस के बाद साल 2023 में मकवाना ने वसीयत की प्रोबेट के लिए वकील आदिल सैयद के माध्यम से शहर की सिविल अदालत का दरवाजा खटखटाया और साक्ष्य प्रस्तुत किए कि वह इंजीनियर के साथ रहती थी तथा उन की मृत्यु तक उन की देखभाल करती थी. गुस्ताद की बेटी के तौर पर उन का ध्यान रखा. सब कुछ देखने के बाद कोर्ट ने संपत्ति को अमीषा को दे दिया. Relations

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