Meditation Posture : हारवर्ड के बिजनैस स्कूल के एक प्रोफैसर क्लेटन क्रिस्टेंसन का कहना है कि शारीरिक और मानसिक सक्रियता आपस में जुड़ी है और जो स्थिर बैठे रहते हैं वे कुछ नया नहीं कर पाते हैं. जिन्होंने नया अनुसंधान किया या नई खोज की वे हमेशा बेचैनी से घूमते, हिलतेडुलते, चलते रहते हैं. वे नई जगह देखते हैं, नए रास्तों पर चलते हैं, नई चीजें सीखते हैं और पुराने कामों को एकदम नए ढंग से करने की सोचते हैं.

ध्यानमुद्रा में वर्षों एक जगह स्थिर बैठ कर तपस्या करने वालों को समाज तो सिरआंखों पर रखता है लेकिन वह घिसीपिटी लाइनों पर चलता है और तालाब के स्थिर पानी कर तरह सड़ जाता है. ज्यादातर धार्मिक अनुष्ठान बिलकुल एक पैटर्न को फौलो करते हैं और इसीलिए अतिधार्मिक स्थानों में कुछ नया नहीं होता. आप के घरपरिवार में ऐसा हो रहा है क्या?

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