Deepika Padukone : दीपिका पादुकोण वैसे तो दुनियाभर में चर्चित अभिनेत्री हैं मगर उन का कद क्या इतना ऊंचा हो गया है कि वे हौलीवुड वाल औफ फेम का हिस्सा बन गईं. इसे ले कर राय दो धड़ों में बंट गई है.

3 जुलाई, 2025 को ‘हौलीवुड चैम्बर्स औफ कौमर्स’ ने अपने यूट्यूब चैनल पर लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान जो घोषणा की, उस के बाद बौलीवुड अदाकारा दीपिका पादुकोण इतिहास रचते हुए ‘हौलीवुड वाक औफ फेम’ में जगह बनाने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री बन गई हैं. जिन्हें ‘मोशन पिक्चर्स’ की कैटेगरी में 2026 क्लास में चुना गया है. उन्हें इस क्लास में 35 इंटरनैशनल हस्तियों में से चुना गया है. इस पर दीपिका पादुकोण ने खुशी जताते हुए इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी लिख कर धन्यवाद भी अदा किया. इस से पहले 1960 में यह उपलब्धि दक्षिण के अभिनेता साबू दस्तगीर को मिली थी. यह अलग बात है कि तब तक वह अमरीकी नागरिक बन चुके थे.

उस हिसाब से कहा जा रहा है कि ‘हौलीवुड वाक औफ फेम’ सम्मान पाने वाली दीपिका पादुकोण एकमात्र भारतीय कलाकार हैं. पर बौलीवुड और उस के बाहर भी यह बहस का मुद्दा बन गया है. सवाल उठाया जा रहा है कि यह दीपिका पादुकोण और भारतीय सिनेमा के लिए कितनी बड़ी उपलब्धि है. कुछ लोग तो यहां तक कह रहे हैं कि यह उपलब्धि है भी नहीं. कहीं यह अपना घर फूक कर दीवाली मनाने अथवा अपने गाल पर अपने हाथों से थप्पड़ मारने वाला मसला तो नहीं है?

हम याद दिला दें कि ‘हौलीवुड वाक औफ फेम’ में दिग्गज आर्टिस्ट्स जैसे एमिली ब्लंट, टिमोथी चालमेट, रामी मालेक, रैचेल मैकऐडम्स, स्टैनली टुच्ची, डेमी मूर सहित ढाई हजार से ज्यादा हौलीवुड कलाकारों के नाम शामिल हैं.

बौलीवुड में दीपिका पादुकोण के पीआर की तरफ से बाकायदा इसे बहुत बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है. कहा जा रहा है कि यह सम्मान विश्व सिनेमा में किसी भारतीय प्रतिभा के लिए मील का पत्थर है.

दीपिका पादुकोण की इस उपलब्धि व सम्मान को कमतर क्यों आंका जा रहा है? इस पर सवालिया निशान क्यों उठाए जा रहे हैं. उस के लिए ‘हौलीवुड वाक औफ फेम’ की चयन प्रक्रिया को समझना होगा.

पहली बात तो ‘हौलीवुड वाक औफ फेम’ क्या है? तो कैलीफोर्निया के लौस एंजेल्स में हौलीवुड बोलेवार्ड और वाइन स्ट्रीट के किनारे पर एक फुटपाथ है. हौलीवुड बोलेवार्ड के फुटपाथ पर 15 ब्लौक पर व वाइन स्ट्रीट के 3 ब्लौक पर पंचकोणीय चांदी और ताम्बे के सितारे जड़े हैं. 1960 में पहली बार स्थायी रूप से इन तारों को स्थापित किया गया था, जिन पर अभिनेताओं, संगीतकारों, निर्माताओं, निर्देशकों, नाट्य/संगीत समूहों, एथलीटों, काल्पनिक पात्रों और अन्य लोगों के नाम अंकित है.

10 जुलाई 2025 तक मार्लिन ब्राडो व चार्ली चैप्लीन सहित 2816 नाम अंकित हो चुके हैं. वाक औफ फेम का रखरखाव व देखभाल हौलीवुड चैम्बर औफ कौमर्स व हौलीवुड हिस्ट्री ट्रस्ट करती है. यह एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. हर साल करीबन एक करोड़ पर्यटक आते हैं. हौलीवुड चैंबर चयनित मशहूर हस्तियों या उन के प्रायोजकों से हर साल शुल्क के रूप में (वर्तमान में 85,000 डौलर अर्थात लगभग 73 लाख रूपए) एकत्र करता है जिस से तारे के निर्माण और स्थापना के साथसाथ वाक औफ फेम के रखरखाव का खर्च वहन किया जाता है.

मसलन, स्टारज केबल नेटवर्क ने अपनी श्रृंखला क्रैश के प्रचार के लिए डेनिस हौपर के स्टार के लिए भुगतान किया. जबकि इस सम्मान को पाने के लिए दीपिका पादुकोण ने 73 लाख रुपए चुकाए हैं. कुल मिला कर जिस सम्मान को ले कर दीपिका पादुकोण खुशी जाहिर कर रही हैं, इंस्टाग्राम पर पोस्ट लिख रही हैं, उसे उन्होंने 73 लाख रुपए चुका कर पाया है. तो लोग सवाल उठा रहे हैं कि यह किस तरह की उपलब्धि है? क्या इस तरह खरीदे गए सम्मान से किसी व्यक्ति या सिनेमा या देश का सम्मान बढ़ता है? क्या इस तरह की उपलब्धि को उपलब्धि माना जाना चाहिए? क्या दीपिका पादुकोण अभिनय जगत में सभी को मात दे चुकी हैं?

बौलीवुड का ही एक तबका इसे अवार्ड या सम्मान के बजाय पीआर ऐक्टिविटी ही बता रहा है. पर इन सवालों का जवाब दीपिका पादुकोण की तरफ से नहीं दिया गया. हां, मीडिया में उन के पीआर की मारफत लेख छप रहे हैं कि हर साल हौलीवुड वाक औफ फेम में 200 नौमिनेशन आते हैं, उन में से 24 का ही चयन किया जाता है.

लोग तो सवाल यह उठा रहे हैं कि अगर प्रतिभा के बल पर यह सम्मान मिलता, तो फिर हौलीवुड वाक औफ फेम में ओम पुरी, इरफान, नसीरुद्दीन शाह, अमिताभ बच्चन, औस्कर विजेता ए आर रहमान का चयन क्यों नहीं किया गया. इतना ही नहीं, हौलीवुड से भी एंजिला जूली, अल पचीनो, रौबर्ट डाउनी ज्यूनियर, रौबर्ट डिनेरो, जिम केरी, ब्रैड पिट, लिनियार्डो डी कैपियो सहित कई बेहतरीन व नामचीन हौलीवुड स्टार भी हौलीवुड वाक औफ फेम का हिस्सा नहीं हैं. इन्होंने पैसा नहीं दिया तो क्या इन का सिनेमा जगत में कोई योगदान नहीं है? पर दीपिको पादुकोण की इस उपलब्धि पर कोई खुल कर कुछ कहने को तैयार नहीं. सभी के मुंह सिले हुए हैं.

लेकिन दीपिका पादुकोण के अति करीबी ने अपना नाम न बताने पर कहा, ‘लोग बेवजह बात का बतंगड़ बना रहे हैं.’ हौलीवुड वाक औफ फेम का हिस्सा बनना आसान नहीं है. हौलीवुड चैंबर्स औफ कौमर्स की चयन प्रक्रिया बहुत कठिन है. जहां तक 73 लाख रुपए का सवाल है, तो कलाकार का नाम सम्मान के साथ जिन तारों के साथ लिखा जाता है, वह सड़क पर है. यह क्षेत्र करीबन दो किलोमीटर में फैला हुआ है. ऐसे में साफसफाई व रखरखाव पर बहुत बड़ी धनराशि खर्च होती है. उसी को हौलीवुड चैंबर्स औफ कौमर्स वसलूता है, जिसे कहीं से भी गलत नहीं कहा जा सकता और इस से कलाकार को मिलने वाले सम्मान या उस की उपलब्धि कम नहीं हो जाती.’

भारत में एक मापदंड बन गया है कि अगर किसी भारतीय ने विदेश में कुछ पा लिया है, तो वह महान मान लिया जाता है. उस ने वह सम्मान कैसे पाया, कोई नहीं देखता. सिर्फ सम्मान ही क्यों, हमारे यहां कांस इंटरनैशनल फिल्म फैस्टिवल भी हौआ बना हुआ है. कुछ फिल्मकार अपनी फिल्म का कांस इंटरनैशनल फिल्म फैस्टिवल में चयन न होने पर अपने खर्च से कान इंटरनैशनल फिल्म फैस्टिवल जाते हैं और बाजार खंड का हिस्सा बन कर अपने खर्च पर डिस्ट्रीब्यूटरों को अपनी फिल्म दिखाते हैं. वहां से वापस आ कर भारतीय मीडिया में खबर छपवाते हैं कि कांस में उन की फिल्म को जबरदस्त सराहना मिली.

यों तो इस से पहले भी दीपिका पादुकोण को कई बार अंतर्राष्ट्रीय पटल पर सम्मानित किया जा चुका है. 2018 में टाइम मैगजीन की 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में उन का नाम था. उन्हें टाइम 100 इंपैक्ट अवार्ड भी मिल चुका है. 2022 में कतर में फीफा वर्ल्ड कप के दौरान ट्रौफी को अनवील करने का अवसर उन्हें मिला था.

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