Gold Smuggling : अभी तक तो चीन अपना सस्ता इलैक्ट्रोनिक सामान भारत के बाजारों में खपा रहा था मगर अब चीन से भारी मात्रा में सोने की तस्करी की ख़बरें भी सामने आ रही हैं. सोने के अवैध कारोबार से तस्कर हर महीने 15 से 20 करोड़ की कमाई कर रहे हैं. चीन से छुपा कर भारत लाए जा रहे सोने की खपत सब से ज्यादा लखनऊ, गोरखपुर और वाराणसी में हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि तस्करी के सोने की शुद्धता 99.9 फीसदी होती है.
उत्तर प्रदेश से लगते नेपाल बौर्डर से सोने की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है. लग्जरी बसों और अवैध ट्रेवलर से तस्कर इन्हें तय अड्डों पर पहुंचा कर हर माह करीब 15 से 20 करोड़ की कमाई कर रहे हैं. जून में बरामद 20 करोड़ के अवैध सोने की खेप की कड़ी मुंबई, आगरा और पंजाब तक भी जुड़ी. यहां की मंडी भी चीन के सोने से चमक रही है.
पिछले दिनों मथुरा निवासी प्रमोद से एक किलो सोने की छड़ बरामद हुई थी, जिसे वह सिद्धार्थनगर से ले कर जा रहा था. यह सोना नेपाल से सिद्धार्थनगर पहुंचा था. वाराणसी निवासी संजय से बड़ी मात्रा में सोना बरामद हुआ, जिसे वह बहराइच के रुपईडीहा से ले कर जा रहा था. यह सोना उसे लखनऊ के सराय माली खां चौक पर देना था. यह तो बस चंद उदाहरण हैं.
डीआरआई ने मई 2025 में मुंबई निवासी हितेश, राजेश कुमार और विजय कुमार के पास से 18 करोड़ रुपए का सोना जब्त किया. तीनों बिहार संपर्क क्रांति ट्रेन से ट्रौली बैग में कपड़ों के अंदर सोना छिपा कर ले जा रहे थे. यह सोना हांगकांग से नेपाल पहुंचा और फिर वहां से नेपाल होते हुए बिहार लाया गया. मुंबई में इसे पिघला कर राजस्थान के कोटा में आभूषण तैयार किया जाना था. इस के बाद उसे पंजाब, हिमाचल व लखनऊ के अलगअलग व्यापारियों को बेचना था.
तस्करों ने अब सड़क मार्ग को अपनाया है. चीन से सोना पहले नेपाल और फिर वहां से महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, बहराइच व श्रावस्ती के रास्ते पर्यटक परमिट के नाम पर चलने वाली अवैध लग्जरी बसों और ट्रेवलर से भारत में दाखिल हो रहा है. सीमावर्ती जिलों से पंजाब, चंडीगढ़, गुजरात, राजस्थान, हैदराबाद व गोवा के लिए चलने वाले अवैध वाहनों को तस्करों ने माध्यम बना लिया है. इस रूट से तस्करों को एक किलो सोना लाने में करीब 14.48 लाख का मुनाफा हो रहा है.