Anglerfish : हाल में समुद्र की सतह पर एंगलरफिश तैरती पाई गई, आमतौर पर ऐसा होता नहीं क्योंकि यह 1,000 फुट नीचे गहरे अंधेर समुद्र में पाई जाती है, इसे ले कर सोशल मीडिया पर रिऐक्शन देखने को मिले.

फरवरी में, संरक्षण संगठन कोंड्रिक टेनेरिफ के रिसर्चर्स टेनेरिफ आइलैंड के तट से लगभग 2 किलोमीटर दूर शार्क की तलाश में थे. तभी उन की नजर कुछ अजीबोगरीब चीज पर पड़ी. उस दौरान फोटोग्राफर डेविड जारा बोगुन्या ने एक हम्पबैक एंगलरफिश (एक प्रकार की ब्लैक सी डेविल) को सूरज की रोशनी में तैरते देखा और अपने कैमरे से फिल्माया. यह मछली आमतौर पर समुद्र के ट्विलाइट जोन यानी समुद्र की ऊपर सतह से 200 से 1,000 मीटर की गहराई में रहती है और इसे पहले कभी दिन के उजाले में जीवित नहीं देखा गया था.

एंगलरफिश की अजीबोगरीब जिंदगी

एंगलरफिश आमतौर पर उतनी बड़ी नहीं होती जितनी अकसर लोग सोचते हैं. बोगुन्या द्वारा फिल्माई गई यह मछली एक मादा थी, जो आमतौर पर 15 सैंटीमीटर तक बढ़ती है. इस का साइज अधिकतम किसी लैपटौप के कीबोर्ड जितना होता है. यह समुद्र की गहराई में शिकार को आकर्षित करने के लिए लाइट पैदा करती है.

नर एंगलरफिश में यह प्रतिष्ठित ल्यूर नहीं होता और वे आकार में बहुत छोटे होते हैं, आमतौर पर केवल 3 सैंटीमीटर तक बढ़ते हैं. नर अपने जीवन का पहला हिस्सा एक मादा की तलाश में बिताते हैं, जिस से वे जुड़ जाते हैं. वे आखिरकार अपने संचार प्रणाली को मादा के साथ जोड़ लेते हैं और पूरी तरह से उस पर पोषण के लिए निर्भर रहते हैं, जिस से वे एक ‘जीवित अंडकोष’ की तरह जीवन व्यतीत करते हैं.

सतह के पास तैरती हुई मछली

यह स्पष्ट नहीं है कि यह मछली सतह के पास क्यों तैर रही थी. रिसर्चरों ने अनुमान लगाया कि हो सकता है जलवायु परिवर्तन के चलते यह सतह के नजदीक हो या यह मछली अपने जीवन के अंत में हो सकती है. देखने वालों ने मछली को कई घंटों तक देखा, जब तक कि वह मर नहीं गई. इस के शरीर को संरक्षित कर के सांताक्रुज डे टेनेरिफ़ के प्रकृति और पुरातत्व लैब में ले जाया गया, जहां इस पर और अध्ययन किया जाएगा. मगर इस पूरी घटना ने सोशल मीडिया पर चर्चा छेड़ दी.

सोशल मीडिया पर सहानुभूति की लहर

दरअसल इस घटना के बाद एंग्लरफिश मछली का यह वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिस के बाद सैकड़ों रिऐक्शनरी वीडियोज, मीम्स, एनिमेशन वायरल होने लगे. यहां तक कि ‘इकारस इज द एंगलरफिश’ वाली कविता भी खूब वायरल हुई. यह कविता रिसर्चरों द्वारा एंग्लरफिश के ढूंढें जाने पर बनाई गई.

हौलीवुड में एंग्लरफिश को ले कर कई फिल्में बनाई गईं हैं, जिन में इसे डरावना और हौरिफाइंग दिखाया गया है. यहां तक कि इसे बहुत बड़े समुद्री दैत्य के रूप में प्रस्तुत किया गया जिस का साइज विशाल और बाकी मछलियों के लिए भयानक. इस फिश को समुद्र की गहराइयों में अंधेरेनुमा जगह के रूप में पहचान दी गई, जैसे ‘स्टार वार’, ‘फाइंडिंग नेमो’, ‘लुका’, ‘सिंबाड’ इत्यादि.

सोशल मीडिया पर इस मछली को ले कर सहानुभूति इसलिए जगी है क्योंकि जिस तरह से इस का प्रेजेंटेशन होता आया है उस से अलग यह बहुत ही छोटी और साधारण मछली है.

मछली की वीडियो वायरल होने के बाद एक यूजर्स ने कहा, “मुझे लगता है कि वह एक सम्मानित बुजुर्ग दादी है, जिस ने अपने पूरे जीवन में सूरज की रोशनी और पानी के ऊपर की दुनिया को देखने का सपना देखा है. वह जानती है कि उस का समय निकट है, इसलिए उस ने अपने दोस्तों और परिवार को अलविदा कहा और प्रकाश की ओर तैर गई. उस का जीवन एक एंगलरफिश के रूप में समाप्त हो रहा है.”

एक व्यक्ति ने मछली को अपने ‘फेमिनिस्ट रोमन साम्राज्य’ के रूप में वर्णित किया, जो उस के लिए एक प्रेरणादायक जनून था.

गहरे समुद्र के प्रति बदलती धारणा

एंगलरफिश के प्रति सोशल मीडिया पर सिम्पथी रिऐक्शन शानदार थे. यह मछली अपने दांतों से भरे हुए मुंह व अपने चमकदार ल्यूर से डरावनी लगती है. इस मछली को हमेशा समुद्री एलियंस के रूप दिखाया जाता रहा है.

गहरे समुद्र की चुनौतियां

इस में कोई शक नहीं कि इंसानों का रहनसहन और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार न सिर्फ धरती को प्रभावित कर रहां है बल्कि समुद्र पर भी असर डाल रहा है. विकास के नाम पर, अपने प्रभुत्व को जमाने के नाम पर गहरे समुद्र तल में खनन, प्लास्टिक पौल्यूशन और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बढ़ते खतरों ने समुद्री जीवों पर असर डाला है. उन पर सीधा असर पड़ रहा है. दुनिया का वेस्ट समुद्र में धकेला जाता है. बताया जाता है कि समुद्र में 170 ट्रिलियन प्लास्टिक का कचरा है जिसे कैसे साफ किया जाए, इस पर कोई प्लान नहीं.

एंगलरफिश की यह कहानी न केवल गहरे समुद्र के रहस्यों को उजागर करती है बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाती है कि हमें अपने जलवायु का ध्यान रखना चाहिए. सोशल मीडिया पर इस मछली के प्रति सहानुभूति की लहर ने यह साबित कर दिया है कि लोग अब गहरे समुद्र को केवल राक्षसों का साम्राज्य नहीं मानते, बल्कि इसे एक रहस्यमय और सुंदर दुनिया के रूप में देखने लगे हैं.

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