Sanam Teri Kasam : फरवरी 2025 माह के पहले सप्ताह यानी कि 7 फरवरी की शुरूआत धमाकेदार रही. इस सप्ताह ओटीटी पर ‘मिसेज’ और ‘द मेहता बौयज’ यह दो फिल्में रिलीज हुईं तो वहीं सिनेमाघरों में तीन पुरानी फिल्में ‘सनम तेरी कसम’, ‘बरेली की बर्फी ’ और ‘पद्मावत’ रीरिलीज हुईं. जबकि 3 नई फिल्में ‘लवयापा’, ‘बैडएस रवि कुमार’ और तेलुगु की हिंदी में डब फिल्म ‘थंडेल’ रिलीज हुई. ‘लवयापा’ का निर्माण मशहूर अभिनेता आमिर खान ने किया है और इस के निर्देशन की जिम्मेदारी आमिर खान के साथ बतौर सहायक 30 वर्षों से कार्यरत अद्वैत चंदन ने किया है.

‘लवयापा’ से दो नेपोकिड्स की अपने कैरियर की शुरूआत

फिल्म ‘लवयापा’ से एक नहीं दोदो नेपोकिड्स जुनैद खान व खुशी कपूर ने अपने कैरियर की शुरूआत की है. यूं तो इन दोनों की फिल्में ओटीटी पर क्रमश: ‘महाराज’ और ‘आर्चीज’ आ चुकी हैं, पर बड़े परदे पर ‘लवयापा’ से दोनों ने शुरूआत की है. यह दोनों नेपोकिड सोने का चम्मच ले कर पैदा हुए हैं. यह हैं आमिर खान के बेटे जुनैद खान और श्रीदेवी व बोनी कपूर की बेटी तथा अभिनेत्री जान्हवी कपूर की बहन खुशी कपूर. आमिर खान ने खुद ‘लवयापा’ के प्रमोशन में पूरी मेहनत झोंक रखी थी.

यहां तक कि उन्होंने अपने बेटे जुनैद खान की फिल्म ‘लवयापा’ के प्रमोशन के लिए लगभग पूरी फिल्म इंडस्ट्री को लगा रखा था. खुद जुनैद खान कभी औटो की सवारी की रील्स सोशल मीडिया पर पोस्ट करते तो कभी, खुशी कपूर के साथ प्रमोशनल इवेंट में डांस करते हुए वीडियो अपलोड करते हुए लगातार ट्रोल हो रहे थे. यहां तक कि उन की पीआर टीम ने उन्हें चंद टीवी चैनलों, यूट्यूबरों व प्रिंट मीडिया के पत्रकारों से इंटरव्यू भी करवाएं.

कहा जा रहा है कि सही पत्रकारों तक जुनैद खान को पहुंचाया ही नहीं गया. यह अच्छा ही किया गया. आमिर खान ने अपनी तरफ से ऐसा माहौल बना दिया था कि लग रहा था कि ‘‘लवयापा’’ बौक्स औफिस पर सारे रिकौर्ड तोड़ देगी. हुआ भी वही, मगर ‘लवयापा’ ने जो रिकौर्ड तोड़ा, उस से दोनों नेपोकिड यानी कि जुनैद खान और खुशी कपूर के कैरियर पर सवालिया निशान लग गया, ‘लवयापा’ बौक्स औफिस पर बुरी तरह से असफल हो गई.

इस से फिल्म ‘लवयापा’ के निर्माता की पूरी लागत डूब गई तो वहीं फिल्म इंडस्ट्री व सिनेमा का नुकसान हुआ. जुनैद खान व खुशी कपूर की फिल्म ‘लवयापा’ पूरे 7 दिन के अंदर साढ़े 6 करोड़ रूपए भी नहीं एकत्र कर सकी. इस में से निर्माता की जेब में शून्य रकम ही आएगी. शर्मनाक बात यह है कि इसी वर्ष 17 जनवरी को रिलीज हुई दो नेपोकिड्स, अमन देवगन और राशा थडाणी की फिल्म ‘आजाद’ ने एक सप्ताह में 7 करोड़ से कुछ अधिक रकम बौक्स औफिस पर एकत्र कर लिए थे.

आमिर खान के साथ ही जुनैद खान व खुशी कपूर के लिए इस से भी बड़ी शर्मनाक बात यह रही कि, 2016 में 18 करोड़ की लागत से बनी फिल्म ‘सनम तेरी कसम’ रिलीज हुई थी, तब इस फिल्म ने महज 9 करोड़ रुपए ही बौक्स औफिस पर एकत्र किए थे. लेकिन पूरे 9 वर्ष बाद जब यह फिल्म 7 फरवरी को ‘रीरिलीज’ हुई तो इस ने एक सप्ताह में लगभग बीस करोड़ रूपए एकत्र कर लिए. मतलब यह कि पुरानी फिल्म बीस करोड़ रुपए एकत्र कर रही है और जुनैद खान व खुशी कपूर की फिल्म ‘लवायापा’ साढ़े 6 करोड़ रुपए भी नहीं कर पाई.

मजेदार बात यह है कि ‘लवयापा’ और ‘सनम तेरी कसम’ दोनों ही रोमांटिक फिल्में हैं. ‘सनम तेरी कसम’ के हीरो हर्षवर्धन राणे और पाकिस्तानी अभिनेत्री मावरा हुसैन को आज भी कोई नहीं जानता. इस फिल्म में अभिनय करने के बाद मावरा हुसैन पाकिस्तान वापस चली गई थीं. तब से वह वापस बौलीवुड नहीं आई.

महज 20 करोड़ के बजट में बनी ‘बैडएस रवि कुमार’

7 फरवरी को ही गायक, संगीतकार व अभिनेता हिमेश रेशमिया की फिल्म ‘बैडएस रवि कुमार’ भी रिलीज हुई. फिल्म के रिलीज से पहले ही हिमेश रेशमिया ने ऐलान कर दिया था कि उन की फिल्म का बजट महज 20 करोड़ रुपए ही है, जिसे वह संगीत व अन्य राइट्स बेच कर वसूल कर चुके हैं.

अब यह फिल्म बौक्स औफिस पर जो कुछ एकत्र करेगी, वह उन का शुद्ध मुनाफा होगा. ‘बैडएस रवि कुमार’ ने 7 दिन के अंदर बौक्स औफिस पर आठ करोड़ रुपए एकत्र कर हिमेश रेशमिया को खुशी दे दी है. जुनैद व खुशी की फिल्म ‘लवयापा’ तो ‘बैडएस रवि कुमार’ से भी काफी पीछे रह गई.

7 फरवरी को ही तेलुगु भाषा में बनी और हिंदी में डब हो कर रिलीज हुई फिल्म ‘थंडेल’ का बजट 50 करोड़ रुपए बताया जा रहा है. यह फिल्म पूरे भारत में हिंदी व तेलुगु मिला कर लगभग 50 करोड़ रुपए एकत्र कर लिए.

रीरिलीज हुई ‘बरेली की बर्फी’ को दर्शकों ने नहीं पूछा

7 फरवरी को ही राजकुमार राव की 2013 की फिल्म ‘बरेली की बर्फी’ रीरिलीज हुई, पर इन्हें दर्शकों ने नहीं पूछा. यह फिल्म 7 दिन में बामुश्किल 7 लाख रुपए ही एकत्र कर सकी. यही हाल संजयलीला भंसाली की रीरिलीज फिल्म ‘पद्मावत’’ का रहा. यह दोनों रीरिलीज फिल्में 10 लाख का भी आंकड़ा नहीं छू सकीं.

ओटीटी की बजाय सिनेमाघरों में ‘द मेहता बौयज’ को किया जाना चाहिए था रिलीज

7 फरवरी को ही ओटीटी प्लेटफौर्मस पर मलयालम फिल्म का हिंदी रीमेक ‘मिसेज’ और बोमन ईरानी के निर्देशन में बनी पहली मौलिक फिल्म ‘द मेहता बौयज’ स्ट्रीम होना शुरू हुई हैं. इन में से ‘द मेहता बौयज’ की काफी प्रशंसा हो रही है. कहा जा रहा है कि बोमन ईरानी को चाहिए था कि उन्हें अपनी फिल्म ‘द मेहता बौयज’ को ओटीटी की बजाय सिनेमाघरों में रिलीज करना चाहिए था.

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