इस बार दीवाली के अवसर पर एक नवंबर को रोहित शेट्टी निर्देशित फिल्म ‘सिंघम अगेन’ और अनीस बज़मी निर्देशित फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ एक साथ रिलीज हुई. इन दोनों औसत दर्जे की फिल्मों ने एक ही दिन सिनेमाघरों में आ कर आपस में टकराते हुए अपना नुकसान ही किया है,जबकि 8 नवंबर और 15 नवंबर को एक भी बड़ी फिल्म प्रदर्शित नहीं हो रही है.
अगर इन दोनों फिल्मों के निर्माता आपस में बात कर अलगअलग सप्ताह में अपनी फिल्म ले कर आते,तो दोनों को फायदा होता. नवंबर माह के पहले सप्ताह ‘भूल भ्रुलैया 3’ और ‘सिंघम अगेन’ ने जो कमाई की है,उस की वजह इन फिल्मों का बेहतरीन होना कदापि नहीं है, बल्कि 2024 के पूरे साल में दर्शक सिनेमा देखने के लिए प्यासा था, तो छुट्टियों के वक्त वह इन फिल्मों को देखनेे चला गया.
दीवाली के अवसर पर 15 दिनों के लिए स्कूल,कालेज भी बंद चल रहे हैं. इस के अलावा दीवाली की शुक्रवार, शनिवार, रविवार को छुट्टी रही, रविवार के दिन ‘भाई दूज’ का त्योहार भी रहा पर कमाई के आंकड़ों में बड़ा घालमेल होने के आरोप भी लग रहे हैं.
भारतीय सिनेमा के इतिहास में और कम से कम मेेरे 42 साल के फिल्म पत्रकारिता के वक्त जिस तरह की गला काट प्रतिस्पर्धा ‘सिंघम अगेन’ और ‘भूलभुलैया 3’ के निर्माताओं के बीच नजर आई, वह इस से पहले कभी नहीं हुआ. इस की अपनी वजहें रही हैं.
पहले बात रोहित शेट्टी निर्देशित एक्शन प्रधान फिल्म ‘सिंघम अगेन’ की. ‘सिंघम अगेन’ का निर्माण रोहित शेट्टी,अजय देवगन और मुकेश अंबानी की कंपनी ‘जियो स्टूडियो’ ने किया है. अजय देवगन पिछले कई वर्षों से लगातार असफलता का दंश झेलते आ रहे हैं. बतौर अभिनेता तो छोड़िए, पिछले 4 वर्ष के अंतराल में अजय देवगन की बतौर निर्माता, जिन में मुख्य भूमिका अजय देवगन ने निभाई, ‘छलांग’, ‘द बिग बुल’, ‘भुज द प्राइड औफ इंडिया’, ‘रन वे 34’, ‘भोला’, ‘शैतान’, ‘औरों में कहां दम था’ जैसी 7 असफल फिल्में दे चुके हैं. तो वहीं बतौर निर्माता व निर्देशक रोहित शेट्टी पिछले एक वर्ष में ‘सर्कस’ और ‘इंडियन पोलिस फोर्स’ की बुरी तरह से असफलता का दंश झेलते आ रहे हैं. ऐसे में अजय देवगन और रोहित शेट्टी ने साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपना कर अपनी फिल्म ‘सिंघम अगेन’ को सफलतम फिल्म साबित करवाने के सारे प्रयास कर डाले, पर उन्हें सफलता हाथ लगी हो, ऐसा कहना मुश्किल है.
रोहित शेट्टी ने ‘सिंघम अगेन’ में अजय देवगन, करीना कपूर खान, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, अक्षय कुमार, टाइगर श्रौफ जैसे स्टार कलाकारों की फौज खड़ी कर डाली, पर वह यह भूल गए कि यह सभी स्टार कलाकार पिछले 5 – 6 वर्ष से लगातार असफल फिल्में ही दे रहे हैं. अभी कुछ दिन पहले ही अक्षय कुमार और टाइगर श्रौफ की जोड़ी की फिल्म ‘छोटे मियां बड़े मियां’ बौक्स औफिस पर बुरी तरह से मात खा चुकी है. रणवीर सिंह पिछले 4 साल से एक आध फिल्म छोड़ कर घर पर बैठ कर मक्खी मार रहे हैं. रणवीर सिंह के साथ कोई भी फिल्मकार फिल्म बनाने के लिए तैयार नहीं है. इतना ही नहीं अजय देगवन व रोहित शेट्टी ने ‘सिंघम अगेन’ में धर्म, हनुमान, ‘रामायण’ को बेचने के साथसाथ ‘अंध भक्तों’ को लुभाने के लिए फिल्म के अंदर ‘जय श्री राम’ के नारे लगवाने, हनुमान चालीसा का पाठ, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ सहित सब कुछ कर डाला. पर कुछ भी काम नहीं आया. काश रोहित शेट्टी और उन के 9 लेखकों ने यह सब करने में पैसा व ताकत बरबाद करने की बजाय फिल्म की कहानी, पटकथा व संवाद पर मेहनत कर एक मनोरंजक फिल्म बनाई होती तो आज बाक्स आफिस पर फिल्म की दर्गति नही होती.
‘सिंघम अगेन’ में कहानी नहीं है. संवाद चेारी के हैं. यह फिल्म दिमागी टार्चर है. इसे 15 मिनट से ज्यादा झेलना दर्शक के लिए मुश्किल हो रहा है. वास्तव में ‘सिंघम अगेन’ रोहित शेट्टी की बजाय एक ऐसे फिल्मकार की फिल्म है, जो कि पूरी तरह से सत्ता के तले दबा और मजबूर नजर आता है. ‘सिंघम अगेन’ एक अति घटिया प्रपोगंडा और सरकार परस्त फिल्म है.
‘आदिपुरुष’ की ही तरह इस फिल्म में भी रावण को मुसलिम किरदार के रूप में पेश करते हुए ‘राम’ के हाथों मरवा कर यही बात कहने का प्रयास किया गया कि मुस्लिम हत्या करने योग्य हैं. क्या एक फिल्मकार को इस तरह के दृश्य गढ़ना शोभा देता है. इस के बावजूद जिस तरह के निर्माता की तरफ से पहले दिन से ही बौक्स औफिस के आंकड़े पेश किए जा रहे हैं, उसे देख कर इन आंकड़ों की सचाई पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. केआरके ने तो खुलेआम ट्वीट कर कई आरोप लगाए हैं.
इतना ही नहीं ‘सिंघम अगेन’ को ‘भूल भुलैया 3’ से ज्यादा सफल फिल्म साबित करवाने के लिए रोहित शेट्टी ने ‘सिंघम अगेन’ का डिस्ट्रीब्यूटर ‘पीवीआर आयनौक्स’ को ही बनाया और 60 प्रतिशत स्क्रीन्स पर केवल ‘सिंघम अगेन’ को ही रिलीज किया. ‘भूल भुलैया 3’ को महज 40 प्रतिषत स्क्रीन्स मिले.
इतना ही नहीं रामानंद सागर के पोते शिव सागर एक सीरियल ‘कागभुसुंडी रामायण’ ले कर आ रहे हैं, तो ‘सिंघम अगेन’ के ही बैकड्राप पर खड़े हो कर अजय देवगन ने ‘कागभुसूंडी रामायण’ सीरियल देखने की वकालत करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर जारी कर ‘सिंघम अगेन’ की तरफ लोगों का ध्यान खींचने का प्रयास किया.
इस के बावजूद 375 करोड़ रूपए की लागत में बनी ‘सिंघम अगेन’ 7 दिनों के अंदर महज 173 करोड़ रुपए ही बौक्स औफिस पर एकत्र कर सकी, इस में से निर्माता की जेब में आएंगे लगभग 90 करोड़ रुपए. अब अंदाजा लगा लें कि साम, दाम, दंड,भेद की नीति अपनाने के साथ ही धर्म को बेच कर भी ‘सिंघम अगेन’ कितनी सफल हुई?
173 रुपए बौक्स औफिस कलेक्शन का दावा निर्माता ने किया है, जबकि आरोप है कि यह आंकड़े गलत हैं. उन पर कौरपोरेट बुकिंग करवाने, फिल्म से जुड़े हर कलाकार व निर्माता द्वारा टिकटें खरीद कर मुफ्त में बांटने सहित कई आरोप लग रहे हैं. मजेदार बात यह है कि ‘सिंघम अगेन’ का डिस्ट्रीब्यूशन ‘पीवीआर आयनौक्स’ के पास है. निर्माता की तरफ से दावे किए जा रहे हैं कि फिल्म अच्छा कमा रही है. तो फिर एक नवम्बर के बाद ‘पीवीआर आयनौक्स’ के शेयर के दाम 5 से 7 प्रतिशत तक क्यों गिरे? यदि फिल्म कमा रही है,तो फिर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के शेयर के दामों में उछाल आना चाहिए. इस का जवाब तो फिल्म के निर्माता और पीवीआर आयनौक्स ही बेहतर दे सकता है.
अब बात टी सीरीज निर्मित और अनीस बज्मी निर्देशित हौरर कौमेडी फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ की, जिस में कार्तिक आर्यन, माधुरी दीक्षित, विद्या बालन, तृप्ति डीमरी, राजपाल यादव, संजय मिश्रा जैसे कलाकार हैं. यह फिल्म भी मौलिक नहीं बल्कि 2007 में प्रदर्शित प्रियदर्शन निर्देशित व अक्षय कुमार और विद्या बालन के अभिनय से सजी फिल्म ‘भूल भुलैया’ का तीसरा भाग है. इस का दूसरा भाग 15 वर्ष बाद 2022 में ‘भूल भुलैया 2’ के नाम से आया था, जिस का निर्देशन अनीस बज्मी ने किया था.
इस फिल्म में कार्तिक आर्यन के साथ तब्बू थीं. फिल्म को अच्छी सफलता मिल गई थी. इसी सफलता को भुनाने के लिए निर्माता टीसीरीज और निर्देशक अनीस बज़मी ‘भूल भुलैया 3’ लेकर आ गए. ‘भूल भुलैया 3’ भी औसत दर्जे की ही फिल्म है, पर ‘सिंघम अगेन’ के मुकाबले 10 प्रतिशत अच्छी कही जा सकती है. लेकिन ‘भूलभुलैया 3’ में भी धर्म व अंधविश्वास को बढ़ावा देने के साथ ही जितने मसाले हो सकते थे, उन्हें जबरन ठूंसा गया है. कार्तिक आर्यन से ले कर विद्या बालन, माधुरी दीक्षित, राजपाल यादव व संजय मिश्रा के अभिनय में काफी कमियां नजर आती हैं.
2007 की फिल्म ‘भूल भुलैया’ के मुकाबले ‘भूल भुलैया 3’ 10 प्रतिशत भी नहीं है. मगर 150 करोड़ रुपए की लागत में बनी फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ ने 7 दिन में 168 करोड़ 80 लाख रुपए बौक्स औफिस पर एकत्र किए हैं. इस में से निर्माता की जेब में लगभग 80 करोड़ रुपए जा सकते हैं. मगर यह आंकड़े वह हैं, जो कि निर्माता की तरफ से पेश किए जा रहे हैं, जिन्हें कोई सच मानने को तैयार नहीं है. इस फिल्म के निर्माताओं पर भी कौरपोरेट बुकिंग, फर्जी आंकड़े देने से ले कर टिकटें खरीद कर मुफ्त में बांटने के आरोप लग रहे हैं. सब से बड़ा आरेाप तो कार्तिक आर्यन और उस की पीआर टीम पर लग रहा है कि इन्होंने अपनी जेब से पैसे खर्च कर जम कर टिकटें खरीदी हैं.