ज्यादातर लोग उन्हें लता दी, लता जी, लता ताई और स्वर कोकिला कहते थे वैसे उनका नाम था लता मंगेशकर. लता मंगेशकर का जन्म आज के दिन साल 1929 में हुआ था. साल 2022 में 6 फरवरी को इस गायिका का निधन हो गया. आज उनके संगीतमय जीवन के सुखदुख से जुड़े कुछ रोचक पहलुओं के पन्ने को पलटते हैं
जब प्रधानमंत्री की आंखें हो गई थी नम
लता मंगेशकर एक सुरीली गायिका थी, जिनका गाना ‘ऐ मेरे वतन के लोगों ’ सुन कर देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की आंखें नम हो गई थी. यहां बात हो रही है साल 1963, 27 जनवरी की. लता जी स्टैज पर कवि प्रदीप का लिखा गाना ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गा रही थीं, गाने के बाद वह स्टैज के पीछे कौफी पीने चली गईं. तभी उस जमाने के मशहूर फिल्म निर्देशक महबूब खान ने उनसे कहा, “तुम्हें पंडितजी (नेहरूजी) बुला रहे हैं”. लताजी, नेहरू जी के पास गईं. नेहरू जी ने कहा, “इस लड़की ने मेरे आंखों में पानी ला दिया”. यह कह कर उन्होंने लता को गले से लगा लिया.
लता मंगेशकर का शुरुआती जीवन बहुत ही गरीबी में बीता. गायक पिता दीनानाथ मंगेशकर की मृत्यु के बाद उनके ऊपर चार भाईबहनों की जिम्मेदारी आ गई. न चाहते हुए भी उन्हें मूवी में एक्टिंग करनी पड़ी. अपनी पहली मूवी ‘मंगलागौर’ में उन्होंने एक्ट्रैस की बहन का रोल निभाया. उन्होंने इस तरह से 5 फिल्मों में काम किया, जिनके नाम थे ‘माझे झोल’, ‘गजा भाउ’, ‘बड़ी मां’, ‘जीवन यात्रा’, ‘सुभद्रा’ और ‘मंदिर’.
एक जमाने में राशन की दुकान पर साड़ियां मिला करती थीं, पैसे की तंगी के दिनों में लता मंगेशकर इन्हीं साड़ियों को पहना करती थी. उनके पास साड़ियों की इस्त्री कराने के भी पैसे नहीं थे इसलिए साड़ियों को अपने हाथों से धोती, फिर सुखाती और सूखने के बाद उसको अच्छी तरह से तह लगा कर सिरहाने रख कर सोया करती, इससे साड़ियां प्रैस हो जाती. यह साल 1947-48 की बात है, उन दिनों ये पतले लाल बौर्डर की सूती की साड़ियां केवल 12 रुपए में मिला करती थी.
शरलौक होम्स की जासूसी कहानियां पढ़ती थीं
लता जी को हिंदी, इंग्लिश, ऊर्दू, मराठी का ज्ञान था हलांकि वह स्कूली पढ़ाई नहीं कर पाई थी. इसकी एक रोचक कहानी है, कहा जाता है कि लता मंगेशकर बचपन में जब पहली बार स्कूल गई, तो अपनी छोटी बहन आभा भोसले को भी साथ ले गई. उस समय आभा भोसले की उम्र करीब 10 महीने थी. टीचर ने लता को कहा कि इतने छोटे बच्चों को स्कूल लेकर मत आओ, अब लता जी को इस बात पर गुस्सा आ गया. वह क्लास के बीच से ही घर आ गई और दोबारा कभी स्कूल का रुख नहीं किया. बाद में उन्होंने अपने आसपास के लोगों से लिखनापढ़ना सीखा. स्कूली शिक्षा नहीं लेने के बावजूद भी वह अंग्रेजी जासूसी कहानियां पढ़ने की शौकीन थी. वह शरलौक होम्स के नौवल्स पढ़ा करती थीं.
कार, क्रिकेट और हीरो की शौकीन थी लता मंगेशकर
यश चोपड़ा के डायरेक्शन में बनी मूवी ‘वीर जारा’ के बारे में एक किस्सा बेहद मशहूर है. एक्टर शाहरुख खान और एक्ट्रैस प्रीती जिंटा की हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बैकग्राउंड में बनी इ मूवी के गाने बहुत सुरीले हैं, इसके गानों को लता जी ने अपनी आवाज से सजाया था. जब यश चोपड़ा ने लता जी को गाने की फीस देनी चाही, तो उन्होंने लेने से इनकार कर दिया. लता मंगेशकर ने कहा कि यश चोपड़ा उनके भाई जैसे हैं इसलिए वह गाने की फीस नहीं लेंगी. जब यह मूवी रिलीज हुई तो यश जी ने उन्हें तोहफे के तौर पर एक मर्सिडीज कार भेंट की. लता मंगेशकर की पहली कार ग्रे कलर की हिलमैन थी, इसे उन्होंने 8000 रुपए में खरीदा था. तब वह एक गाने के लिए 200 से लेकर 500 रुपए तक फीस लिया करती थीं. जब उन्हें शो मैन राजकपूर की मूवी में काम करने के लिए 2000 रुपए मिले, तो हिलमैन को बेच कर ब्लू कलर की शेवरले कार खरीदी. कार के अलावा उन्हें डायमंड का बहुत शौक था. जब उन्होंने कमाना शुरू किया, तो अपनी कमाई को जोड़ कर 700 रुपए में हीरे की अंगूठी बनवाई. उन्हें सोने के गहनों का शौक नहीं थी लेकिन वह सोने के पायल जरूर पहनती थी जबकि आज भी ज्यादातर महिलाएं चांदी के पायल ही पहना करती हैं. लता मंगेशकर को क्रिकेट देखना बेहद पसंद था. आष्ट्रेलियाई क्रिकेटर डौन ब्रैडमैन ने उन्हें अपना सिग्नेचर किया हुआ एक फोटोग्राफ भी भेंट किया था. उन्होंने 1946 में मुंबई के ब्रेबौर्न स्टैडियम में पहली बार इंडिया और आस्ट्रेलिया का मैच देखा.
नौनवेज फूड्स बनाने में माहिर थी लता मंगेशकर
लता जी के बारे में यह बात मशहूर है कि वह बेहद लजीज मटन पसंदा बनाती थी. इसके अलावा वह गोवन फिश करी और समुद्री झींगा मछली भी बहुत अच्छा पकाती थी. पकाने के साथ ही इन्हें खाना भी पसंद करती थीं. इतना ही नहीं वह कीमे के समोसे बहुत शौक से खाती थीं. मिठाइयों में जलेबी, इंदौर के गुलाब जामुन, सूजी का हलवा इनको अच्छा लगता था. कई लोग यह जान कर चकित रह जाएंगें कि लता जी को गोलगप्पा, ज्वार की रोटी और नीबू का अचार बेहद लजीज लगते थे.
लताजी ने क्यों नहीं की शादी
एक बार एक इंटरव्यू के दौरान लता मंगेशकर की बहन मीना ताई मंगेशकर ने कहा था कि अपने भाईबहनों की जिम्मेदारियों का बोझ उनके ऊपर इतना था कि वह कभी अपने बारे में सोच नहीं सकी. मीना मंगेशकर ने कहा हमारी मां उनसे शादी के लिए कहा करती थी, लेकिन लता जी को लगता था कि शादी के बाद वे हम सबसे दूर हो जाएंगी क्योंकि मैं केवल दस साल की थी जब हमारे बाबा इस दुनिया से चले गए. मेरी बहन आशा मुझसे भी छोटी, मेरा भाई हृदय सबसे छोटा था, ऐसे में लता अपनी शादी की सोच ही नहीं सकी.
लता की उपलब्धियों की लिस्ट के कुछ महत्वपूर्ण अंश
- लता जी को तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला.
- करीब 60 साल के करियर मेें 30 से अधिक भाषाओं में 8 हजार गाने गाए.
- लंदन के रौयल अल्बर्ट हौल में परफौर्म करने वाली पहली इंडियन होने का गौरव हासिल था.
- फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान औफिसर औफ द लीजन औफ औनर से सम्मानित जा चुका है.
- लता जी को साल 1999 में उच्च सदन यानी राज्य सभा के लिए नौमिनेट किया गया, उन्होंने 1999 से 2005 तक सांसद के रूप में काम किया.
- लता मंगेशकर को साल 1989 में दादा साहब फाल्के अवार्ड दिया गया.
साल 2001 में इन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया