शेफाली के बौयफ्रैंड ने उस के दिमाग पर इस तरह काबू कर लिया था कि वह हर काम उस के कहे अनुसार करती. उस ने उसे इतना मजबूर कर दिया था कि उस की सोचनेसमझने और फैसला लेने की शक्ति खत्म हो चुकी थी. वह उसे हमेशा कहता था, “तुम फूहड़ हो, तुम्हारी ड्रेसिंग सेंस कितनी खराब है,” जिस से उस का आत्मविश्वास लगातार गिरता जा रहा था.
शेफाली पूरी तरह यह मान बैठी थी कि वह किसी लायक नहीं है, उस में ढेरों कमियां हैं, और वह किसी काम को सही तरीके से करने लायक नहीं है. वह खुद से नफरत करने लगी, खुद पर अपना नियंत्रण खोने लगी, और जीवन से निराश हो कर उस के दिमाग में सुसाइड के ख्याल आने लगे.
कहीं आप को तो नहीं गैसलाइटिंग
“तुम किसी काम के नहीं हो… तुम्हारे और मेरे भाई को देखो… उन्होंने नई गाड़ी और नया घर ले लिया है, और तुम अभी भी वही पुरानी गाड़ी ले कर घूम रहे हो.”
“तुम अभी भी क्लर्क की पोजीशन पर हो, और देखो तुम्हारे साथ के दोस्त मैनेजर बन गए हैं.”
“तुम कुछ भूल रहे हो, तुम ने ऐसा नहीं कहा था, तुम्हें ठीक से याद नहीं.”
“वह मुझ पर चिल्लाता था और मुझ से कहता था कि मैं पागल हूं और छोटीछोटी बातों पर जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया देती हूं, ड्रामा करती हूं.”
गैसलाइटिंग में सामने वाला आप को महसूस कराता है कि आप बहुत इमोशनल हैं. वह आप की पर्सनैलिटी को ले कर कुछ भी उल्टासीधा कहता है, फिर आप को ब्लेम करता है कि आप तो मजाक भी नहीं समझतीं.
क्या और कैसे होती है गैसलाइटिंग?
गैसलाइटिंग करने वाला व्यक्ति सामने वाले को उस के विवेक या समझदारी पर संदेह करने पर मजबूर कर देता है. गैसलाइटिंग धीरेधीरे विकसित होती है, जिस से व्यक्ति यह समझ नहीं पाता कि वह इस का शिकार बन रहा है. गैसलाइटिंग के शिकार व्यक्ति को अपनी ही काबिलियत पर शक होने लगता है. नैशनल डोमेस्टिक वायलेंस हौटलाइन के मुताबिक, गैसलाइटिंग का उद्देश्य खुद को बेहतर और दूसरे को कमतर साबित करना, कंट्रोल करना, पर्सनालिटी बदल देना या अपनी जैसी सोच बना देना होता है.
कई बार गैसलाइटिंग को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति अपने अहंकार की संतुष्टि के लिए भी इस मानसिक खेल को खेलता है. इस में झूठ बोलना, झूठे आरोप लगाना, या कुछ छिपाना जैसी चीजें शामिल होती हैं. जैसे डराना, सामने वाले की भावनाओं की कद्र न करना, उसे इमोशनली कमजोर बनाना, और उसे वही करने के लिए मजबूर करना जो वे कराना चाहते हैं.
गैसलाइटर को ऐसे पहचानें
आप के आसपास का कोई भी इंसान जिस से बात करने के बाद आप का खुद पर से विश्वास उठ जाए, जो आप की हर बात, सोच, धारणा और इच्छा को गलत माने, और आप की हिम्मत तोड़ने की कोशिश करे, वह ‘गैसलाइटर’ होता है.
गैसलाइटिंग पूरी तरह से एक साइकोलौजिकल खेल है, जिस में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति में उस की आदत, रंगरूप या व्यवहार को ले कर नकारात्मक भावनाएं भरता है. अपनी गलतियों को छिपाने के लिए वह सामने वाले को बारबार गलत महसूस कराता है. गैसलाइटिंग एक तरह की मानसिक हिंसा है, जिस का इस्तेमाल पर्सनल और प्रोफैशनल रिश्तों में गलत फायदे उठाने के लिए किया जाता है.
गैसलाइटिंग का नकारात्मक प्रभाव
गैसलाइटिंग के शिकार व्यक्ति का खुद पर से भरोसा उठ जाता है, और उस के मन में खुद के प्रति नकारात्मक भावनाएं आ जाती हैं. वह खुद पर संदेह करने लगता है. जब उसे समझ आता है कि सामने वाले ने उस के साथ इमोशनली धोखा किया है, तो उस के अंदर उदासी और निराशा की भावनाएं पनपने लगती हैं. गैसलाइटिंग के शिकार व्यक्ति समाज से कटने लगते हैं और किसी नए रिश्ते से डरने लगते हैं. उन्हें अपनी याददाश्त, इमोशन्स, और सेंसेस पर भरोसा नहीं रहता.
इस का बुरा असर उन की मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी पड़ता है. गैसलाइटिंग के लंबे समय तक रहने वाले नकारात्मक प्रभावों में ट्रामा, एंग्जायटी, और डिप्रेशन शामिल हैं. इस वजह से वे उस गलत व्यक्ति पर निर्भरता महसूस करने लगते हैं, जो उन की इस हालत का जिम्मेदार होता है.
कौनकौन हो सकता है गैसलाइटर?
रिश्तों में गैसलाइटिंग पतिपत्नी, बौस जूनियर, बौयफ्रैंडगर्लफ्रैंड, सास-बहू, ननद भाभी या किसी भी रिश्ते में हो सकती है, जहां एक व्यक्ति दूसरे पर अपना नियंत्रण बनाए रखना चाहता है.
सामान्य तौर पर यह समझा जाता है कि पतिपत्नी के रिश्तों में गैसलाइटिंग ज्यादा होती है, लेकिन कई मामलों में महिलाएं भी गैसलाइटिंग करती हैं.
गैसलाइटिंग का सामना कैसे करें?
जब आप को यह समझ आ जाए कि सामने वाला गैसलाइटर है, तो उस का सामना करने के लिए अपने किसी दोस्त या काउंसलर को इस बारे में बताएं. चैट, वौयस मैसेज के रिकौर्ड्स रखना शुरू करें ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें सबूत के रूप में पेश किया जा सके. अपने लिए सेफ्टी प्लान तैयार रखें और सारे सबूत किसी सीक्रेट जगह पर सुरक्षित रखें. अपना फोन लौक रखें और अपने भरोसेमंद दोस्त या रिश्तेदार के साथ अपने सबूत साझा करें ताकि वह सुरक्षित रहें. जब गैसलाइटिंग शारीरिक हिंसा में बदल जाए, तो तुरंत मदद लें. इस के लिए डोमेस्टिक एब्यूज और्गेनाइजेशन्स से भी मदद ली जा सकती है. अगर गैसलाइटिंग से आप की मानसिक सेहत प्रभावित हो रही है, तो किसी अनुभवी डाक्टर की सलाह लें.