प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट पर बड़ा गंभीर आरोप लगा है कि ‘यह बजट नरेंद्र मोदी की कुरसी बचाओ अभियान है.’ यह एक कौपीपेस्ट बजट है. इस में कांग्रेस की घोषणा की नकल है. इस में ओडिशा के साथ अन्याय है. कुल मिला कर यह देश के लिए एक ‘सिरदर्द बढ़ाओ बजट’ है.
इस का अभिप्राय यह है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को पैकेज दे कर अपनी दोनों बैसाखियों को नरेंद्र मोदी ने मजबूत करने का काम किया है. दरअसल, इस से होगा यह कि थाली का अगर अधिकांश भोजन अपने दुलारे बच्चों को मां खिला दे तो दूसरे बच्चे भूखे रह जाएंगे, और यही बजट के दरमियान दिखाई दिया. यही कारण है कि वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि कोई विशेष पैकेज बिहार या आंध्र प्रदेश को नहीं दिया जा रहा है. यह कहने का मतलब ही साफ है कि वित्त मंत्री गलतबयानी कर रही हैं. पैकेज तो दिया गया है, अगर नहीं दिया गया है तो फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपनीअपनी प्रतिक्रियाओं में खुशी क्यों जाहिर की?
सारा देश जानता है, देख रहा है इस के बाद भी सच को नकारने का माद्दा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिखाया है. अच्छा होता उस की जगह सरकार सामने आती और स्वीकार करती कि हां, हम ने अपने सहयोगियों को मदद की, इस में कोई बुराई नहीं है.
सच यह है कि बिहार और आंध्र प्रदेश दोनों स्टेट आज नरेंद्र मोदी सरकार से अपनी बात मनवाने के लिए सक्षम हैं. और इन प्रदेशों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं कहीं जा सकती.
इधर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया- सरकार ने ‘कुरसी बचाओ’ बजट पेश किया है, जिस में भारतीय जनता पार्टी को खुश करने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए गए हैं. यह बजट कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र और पिछले कुछ बजटों की नकल है.
राहुल गांधी के मुताबिक, बिहार व आंध्र प्रदेश के अपने सहयोगियों को खुश करने के लिए अन्य राज्यों की कीमत पर उन से खोखले वादे किए गए हैं. अपने मित्रों को खुश किया गया और उन को लाभ दिया गया. लेकिन आम भारतीय को कोई राहत नहीं दी गई. वित्त मंत्री सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है जिस के तहत युवाओं को इंटर्नशिप के साथ 5,000 रुपए का मासिक भत्ता मिलेगा. यह एक मजेदार बात है और शायद इतिहास में पहली बार हुई है कि कांग्रेस ने हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र (न्यायपत्र) में प्रशिक्षुता के अधिकार का वादा किया था जिस के तहत उस ने डिप्लोमा एवं डिग्रीधारक बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ एक साल तक हर महीने 8,500 रुपए देने का वादा किया था. कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को ‘पहली नौकरी पक्की’ नाम भी दिया था. इसे ही सीधेसीधे नरेंद्र मोदी सरकार ने इस बजट में अमली जामा पहना दिया. स्पष्ट है कि कांग्रेस की दशा और दिशा मजबूत है और इस से नरेंद्र मोदी सरकार भयभीत है.
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने यह दावा भी किया कि इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की समस्याओं को ले कर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए तथा आम लोगों को कोई राहत प्रदान नहीं की गई. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के मुताबिक, वित्त मंत्री ने देश की तरक्की वाला नहीं, बल्कि ‘मोदी सरकार बचाओ’ बजट पेश किया है. उन्होंने कहा कि यह ‘नकलची बजट’ है जिस में सरकार कांग्रेस के ‘न्याय’ के एजेंडे की ठीक तरह से नकल भी नहीं कर पाई है. कांग्रेस के बड़े चेहरे पी चिदंबरम ने केंद्रीय बजट को निराशाजनक करार देते हुए कहा- ‘महंगाई एवं बेरोजगारी को ले कर कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं तथा आम लोगों को कोई राहत नहीं दी गई है.’ सचमुच यह बजट अपनेआप में यह संकेत दे गया है कि नरेंद्र मोदी की सरकार किस तरह बैसाखियों पर आगे चलेगी. यह संदेश यह भी बताता है कि आने वाले समय में नरेंद्र मोदी के लिए सिरदर्द बढ़ने वाला है.