वैब सीरीज ‘हीरामंडी’ को ले कर टीवी आर्टिस्ट संजीदा शेख काफी चर्चा में है, क्योंकि उन्होंने उस सीरीज में दमदार अभिनय किया है, जिसे दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं. संजीदा शेख टीवी की जानीमानी अभिनेत्री हैं और प्रोफैशनल लाइफ के साथ पर्सनल लाइफ को ले कर भी चर्चा में रहती हैं. रियल लाइफ में पति अभिनेता आमिर अली के साथ 10 साल साथ रहने के बाद तलाक हो चुका है. उन की एक बेटी है जिस की परवरिश वे अकेले कर रही हैं और इस बात से खुश हैं कि वे सिंगल मदर हैं. एक जगह उन्होंने कहा है कि ‘मेरी बेटी मेरी स्ट्रेंथ है, उस ने जिंदगी में मुझे ऐसे स्टेप्स लेने की हिम्मत दी है जिन के बारे में मैँ सोच भी नहीं सकती थी. अब मैँ पहले से अधिक स्ट्रोंग हो चुकी हूं. मैं ने जब पहली बार अपनी बेटी को देखा तो लगा कि छोटी संजीदा आ गई है, मेरी जिंदगी उस के आसपास घूमती है.
आत्मनिर्भर बनना जरूरी
देखा जाए तो आज महिलाएं आत्मनिर्भर हैं और वे हर काम अकेले हर क्षेत्र में कर सकती हैं. सुमन भी 10 साल के बेटे की सिंगल मां हैं और एक आईटी कंपनी में काम करती हैं. उन्होंने पति को तलाक इसलिए दिया क्योंकि वे डोमेस्टिक वौयलेंस की शिकार थीं. पहले तो उन के परिवार वालों ने सुमन को काफी मनाने की कोशिश की, ताकि वे तलाक न लें, लेकिन सुमन रोजरोज के झगड़े से तंग आ चुकी थीं और उन्हें काम पर मन लगाना भी मुश्किल हो रहा था. बच्चे को वे इस माहौल से हट कर पालना चाहती थीं, इसलिए अपनी बात पर अड़ी रहीं और डिवोर्स लिया. आज वे अपनी जिंदगी से बहुत खुश हैं.
मानसिकता हो सही
यह सही है कि सिंगल मदर होने पर बड़े शहरों में अधिक समस्या नहीं होती, लेकिन छोटे शहरों में कई बार बहुत ताने महिला को सुनने पड़ते हैं. यही वजह है कि डिवोर्स के बाद 6 साल की बेटी को ले कर अनुसूया वाराणसी से मुंबई जौब ले कर आई और आज उस के इस निर्णय को परिवार वाले भी मानने लगे हैं. परिवार की मानसिकता सब से अधिक सही होना आवश्यक है, ताकि कोई महिला सिंगल पेरैंट होने से घबराए नहीं.
आंकड़े क्या कहते हैं
भारत में 4.5 फीसदी घर अकेली कमाने वाली औरतों के दम पर चलते हैं. यह बात संयुक्त राष्ट्र महिला (यूएन वुमेन) की एक रिपोर्ट में सामने आई है. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सिंगल मदर्स की संख्या 1.3 करोड़ है. रिपोर्ट के मुताबिक, अनुमानित ऐसी ही 3.2 करोड़ महिलाएं संयुक्त परिवारों में भी रह रही हैं. रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि 10 में से 8 सिंगल पेरैंट परिवारों को महिलाएं (84 फीसदी) घर चला रही हैं. यानी, 10.13 करोड़ परिवारों में महिलाएं अपने बच्चे के साथ रहती हैं.
सिंगल मदर पर बनी फिल्में
बौलीवुड में ऐसी कई फिल्में सिंगल मदर पर बनी हैं जिन्हें दर्शकों ने काफी पसंद किया है.
निल बटे सन्नाटा
2016 में आई फिल्म ‘नील बटे सन्नाटा’ में स्वरा भास्कर ने सिंगल मदर का रोल निभाया है, जो पढ़ीलिखी नहीं है पर अपने बच्चे को पढ़ालिखा कर, आत्मनिर्भर बनाकर, बड़े सपने देखने को प्रेरित कर उसे शिक्षा के महत्त्व को बताती नजर आई है.
जज्बा
यह क्रिमिनल स्टोरी वाली फिल्म है. फिल्म ‘जज्बा’ में ऐश्वर्या राय लौयर और सिंगल मां का रोल निभा रही है.
हैलिकौप्टर ईला
एक मां अपने बच्चे का हौसला बढ़ाती है, पर बच्चा भी अपनी मां को फिर से उस के सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित कर सकता है. काजोल, रिद्धि सेन स्टारर फिल्म ‘हैलिकौप्टर ईला‘ 2018 में रिलीज़ हुई थी.
कहानी 2
वर्ष 2016 में आई सस्पैंस फिल्म ‘कहानी 2’ में सिंगल मदर विद्या बालन अपनी बेटी को तलाश करते नजर आई.
पा
वर्ष 2009 में रिलीज हुई फिल्म ‘पा’ में विद्या बालन सिंगल मदर के किरदार में है और अपने दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त बच्चे की देखभाल कर रही होती है और कहानी तब मोड़ लेती है जब उस की मुलाकात बच्चे के असली पिता से सालों बाद होती है.
इंटरटेनमैंट इंडस्ट्री की सिंगल मदर्स
इतना ही नहीं, बौलीवुड की कई ऐसी अदाकारा हैं जो सिंगल मदर हो कर बच्चों की सही ढंग से परवरिश कर रही हैं और उन्हें समाज या धर्म से कोई सरोकार नहीं क्योंकि वे अपनी जिंदगी अपनी तरीके से जीना चाहती हैं. इस में सब से पहला नाम अभिनेत्री नीना गुप्ता का आता है. उन्होंने बिना किसी की परवा किए बेटी मसाबा को जन्म दिया और आज एक खुशनसीब मां हैं.
श्वेता तिवारी
एकता कपूर के फेमस टीवी सीरियल ‘कसौटी जिंदगी की’ में प्रेरणा की भूमिका निभा चुकी श्वेता तिवारी सिंगल मदर हैं. श्वेता बेहतरीन ऐक्ट्रैस होने के साथ ही एक बेहद स्ट्रौंग महिला हैं. श्वेता ने 2 शादियां कीं, लेकिन दोनों ही असफल रहीं. अपनी बेटी और बेटे की वे अकेली ही जिम्मेदारी उठा रही हैं. श्वेता ने एक इंटरव्यू में कहा कि ‘सिंगल मदर बनना आसान नहीं होता, लेकिन अगर आप किसी गलत परिवेश में हैं तो उस से निकलना जरूरी होता है.’ दरअसल, सिंगल मदर बन कर भी बच्चे की परवरिश करने की शक्ति हर महिला में होती है.
जूही परमार
टीवी सीरियल ‘कुमकुम’ की लीड ऐक्ट्रैस रहीं जूही परमार भी सिंगल मदर हैं. जूही ने पति सचिन श्रौफ से शादी के 9 साल बाद जब अलग होने का फैसला लिया तब उन के कंधों पर बेटी समायरा की परवरिश की जिम्मेदारी थी. इस बात से जूही घबराईं नहीं, बल्कि बेटी की कस्टडी अपने पास रखी और उसे अच्छी लाइफ देने के लिए फिर से काम शुरू किया.
उर्वशी ढोलकिया
अभिनेत्री उर्वशी ढोलकिया एक फेमस ऐक्ट्रैस होने के साथ ही उर्वशी 2 बेटों की मां भी हैं. उर्वशी जब 16 वर्ष की थीं, तब ही उन की शादी हो गई थी और 17 साल की उम्र में उन के 2 जुड़वां बच्चे हुए थे. शादी के 2 साल में ही उर्वशी ने रिश्ते में इतनाकुछ सह लिया था कि तलाक के अलावा उन के सामने कोई रास्ता ही नहीं बचा था. इतनी कम उम्र में 2 बच्चों की जिम्मेदारी उठाने के लिए उर्वशी ने टीवी इंडस्ट्री में काम शुरू किया.
कोंकणा सेन शर्मा
‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ ऐक्ट्रैस कोंकणा सेन शर्मा ने भी शादी के 5 वर्षों बाद पति रणवीर शौरी से अलग होने का फैसला लिया. उन्होंने अपने बेटे हारून शोरी की परवरिश सिंगल मदर के तौर पर की.
पूजा बेदी
बौलीवुड की सिंगल मदर की लिस्ट में पूजा बेदी का नाम भी शामिल है, जिन्होंने साल 1994 में बिजनैसमैन फरहान फर्नीचरवाला से शादी की थी, लेकिन साल 2003 में वे अपने पति से अलग हो गईं. इस के बाद ऐक्ट्रैस ने अपनी बेटी आलिया फर्नीचरवाला और उमर फर्नीचरवाला की परवरिश अकेले ही की.
सुष्मिता सेन
ऐक्ट्रैस सुष्मिता ने इंडस्ट्री में खूब नाम कमाया है. लेकिन पर्सनल लाइफ में उन्हें काफी उतारचढ़ाव का सामना करना पड़ा. ऐक्ट्रैस ने अभी तक शादी नहीं की है. उन्होंने 2 बेटियों रिनी और अलीशा को गोद लिया हुआ है और उन की परवरिश वो अकेले ही कर रही हैं. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि ‘सिंगल मदर बनने की बात मैं ने 16 साल की उम्र में सोची थी और यह निर्णय पहले मेरे पिता ने नहीं माना था, लेकिन मेरी जिद के आगे उन्होंने अपनी सहमति दी.’
करिश्मा कपूर
कपूर खानदान की बेटी और बेहतरीन ऐक्ट्रैस करिश्मा कपूर भी अब सिंगल मदर हैं. उन्होंने शादी में काफी दुख झेला और इसी के चलते पति संजय कपूर से तलाक लिया. तलाक के बाद करिश्मा ने दूसरी शादी नहीं की. ऐक्ट्रैस अकेले ही अपने दोनों बच्चों की परवरिश कर रही हैं और फिर से काम भी कर रही हैं.
अमृता सिंह
अभिनेता सैफ अली खान की एक्स वाइफ अमृता सिंह भी एक स्ट्रोंग मदर हैं. ऐक्ट्रैस ने अकेले ही सारा अली खान और इब्राहिम अली खान का पाला है.
सिंगल मदर्स के लिए कुछ टिप्स
वैसे तो सिंगल मदर बन कर काम करने के साथ बच्चे को पालना आसान नहीं होता, कई प्रकार की चुनौतियों का सामना उन्हें करना पड़ता है, लेकिन कुछ खास बातों का ध्यान रखने पर बच्चा अनुशासित और आत्मनिर्भर बन जाता है. कुछ टिप्स निम्न हैं-
• बच्चों के लिए नियम और सीमाएं स्थापित करें, ताकि उन्हें पता चले कि कब और कैसे उन्हें आप के साथ व्यवहार करना है. उन्हें बचपन से ही हर गलत और सही की पहचान करवाएं.
• अपने जीवन में उन की भागीदारी के नियम बनाएं, मसलन साथसाथ किचन में हाथ बंटाना, घर की साफसफाई में उन का सहयोग लेना, किसी बात को उन से शेयर करना आदि.
• बच्चों के साथ फैमिली टाइम का शैड्यूल बनाएं, ताकि उन्हें आप की कमी महसूस न हो, बच्चे के साथ किसी पारिवारिक गेटटूगेदर का कार्यक्रम भी बनाएं.
• अच्छे व्यवहार के लिए पुरस्कृत करना न भूलें, इस से बच्चों में अच्छे व्यवहार करने की भावना विकसित होती है, जो उन के भविष्य में भी उन के काम आती है.
• आप को अकेले रहने या अधिक काम पड़ने पर किसी प्रकार की समस्या न हो, इस के लिए एक सपोर्ट सिस्टम होना जरूरी है जो आप को तनाव को दूर करने में मदद कर सके और आप के पीछे आप को सहारा दे सके.