(एक स्टार)

लगभग एक साल पहले मनोज बाजपेयी के अभिनय से सजी व अपूर्व सिंह कर्की के निर्देशन में बनी फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ ओटीटी प्लेटफौर्म ‘जी5’ पर स्ट्रीम हुई थी. इसे काफी पसंद किया गया था. निर्देशक के साथ ही मनोज बाजपेयी ने भी जम कर तारीफें बटोरी थीं. इस से मनोज बाजपेयी इस कदर हवा में उड़े कि उन्होंने अपूर्व सिंह कर्की के निेर्देशन में फिल्म ‘भैयाजी’ में न सिर्फ शीर्ष भूमिका निभाई बल्कि विनोद भानुशाली व समीक्षा शैल ओसवाल के संग इस का निर्माण भी किया.

फिल्म में निर्माता के तौर पर मनोज बाजपेयी की पत्नी शबाना रजा बाजपेयी का नाम है. ‘भैयाजी’ मनोज बाजपेयी के कैरियर की सौंवी फिल्म है, जिस में वह पहली बार एक्शन हीरो बन कर आए हैं. अति कमजोर कहानी व पटकथा के चलते यह फिल्म काफी निराश करती है. फिल्म ‘भैयाजी’ देख कर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है कि इसी फिल्म के लेखक व निर्देशक अपूर्व सिंह कर्की ने एक साल पहले ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ का लेखन व निर्देशन कर चुके हैं.

फिल्म की कहानी बिहार के पूपरी गांव, सीतामढ़ी से शुरू होती है. जहां रामचरण त्रिपाठी उर्फ भैयाजी (मनोज बाजपेयी) का अपना रूतबा है. कभी उन के पिता की ही तरह वह भी बहुत बड़े दबंग, खूंखार माफिया थे. एक वक्त वह था जब अपने फावड़े से भैयाजी ने अच्छेअच्छे वीरों को मौत के घाट उतारा था और गरीबों की मदद किया करते थे. अब उन के परिवार में उन की सौतेली मां (भागीरथी बाई) व उन का सौतेला भाई वेदांत (आकाश मखीजा) है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...