जब कोई शख्स या व्यापारी छोटेबड़े कर्ज में डूब जाता है तो डिप्रैशन में आ कर आत्महत्या कर लेता है. ऐसी अनेक घटनाएं घटित होती रहती हैं. दरअसल, यह ऐसा समय होता है जब शख्स कुछ भी सकारात्मक सोच नहीं पाता और उस की आंखों के आगे अंधेरा छाता चला जाता है.
वस्तुत: ऐसी स्थिति में धैर्य व बुद्धि से काम लेना चाहिए. अगर थोड़ा समय बीत जाए तो व्यापार के घाटे में डूबा शख्स आत्महत्या करने के विचारों के भंवर से निकल सकता है. ऐसी अनेक घटनाएं घटित हुई हैं जिन पर विस्तार से चर्चा करने से पहले कुछ घटनाक्रम पर दृष्टिपात कर लीजिए.
- प्रथम घटना- एक व्यक्ति ने बेटी की शादी के लिए ब्याज में रुपए लिए और जब वह नहीं अदा कर पाया तो व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली.
- द्वितीय घटना- एक व्यापारी ने व्यापार चलाने के लिए उधार लिया मगर घाटा होने के कारण उस का दीवाला निकल गया, आखिरकार आत्महत्या कर ली.
- तृतीय घटना- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक बेसन मिल के मालिक ने जब रुपयों की रिकवरी नहीं हो पाई तो त्रासदी में आत्महत्या कर ली.
अकसर हमारे आसपास आत्महत्या की खबरें मीडिया के माध्यम से आती रहती हैं, जिन्हें आम आदमी पढ़ कर आगे बढ़ जाता है. दरअसल, इस तरह की घटनाएं यह बताती हैं कि मनुष्य कितना संवेदनशील होता है वह जब किसी से रुपए उधार लेता है या कोई बिजनैस करता है और उस में नुकसान झेलता है तो वह एक तरह से सन्नीपात में चला जाता है. उसे कुछ भी दिखाई नहीं देता और जिंदगी से दूर जा कर इस अवसाद से बचने की कोशिश करता है. मगर वह भूल जाता है कि किसी भी समस्या का हाल आत्महत्या नहीं हो सकता.
ऐसे में अगर वह थोड़ा ध्यान से काम ले, विवेक से सोचे तो इस भंवरजाल से निकल सकता है और आगे की जिंदगी खुशहाली से व्यतीत कर सकता है.
प्रवासी व्यवसायी की आत्महत्या
हाल ही में महाराष्ट्र में अपने व्यापार में नुकसान खाने के बाद छत्तीसगढ़ आ कर एक होटल में रुके व्यवसायी ने आत्महत्या कर ली. वह थोड़ा धैर्य दिखाता, किसी मनोवैज्ञानिक से रायमशवरा कर लेता तो उस की जान सहज बच सकती थी.
छत्तीसगढ़ के स्टील सिटी भिलाई में एक होटल के कमरा नंबर 312 में पिछले 20 दिनों से रुके महाराष्ट्र के एक कारोबारी ने फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली. दरअसल उस पर करोड़ों रुपए का कर्जा था. कर्ज नहीं चुका पाने के चलते वह छिप कर भिलाई में रह रहा था. जब कर्जदारों का दबाव बढ़ा तो उस ने खुदकुशी कर ली. सुपेला पुलिस ने शव को मोर्च्युरी में रखवा कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
सुपेला पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान गोविंद तायाप्पा पवार (41 साल) पिता तायाप्पा पवार, निवासी 1098/2 मार्केट कमेटी शेजरील, दिघंची, आटपाड़ी, सांगली महाराष्ट्र के रूप में हुई है. वह दिसंबर 2023 से भिलाई लगातार अपनी हर्बल कंपनी के काम के सिलसिले में आ रहा था. वह इस होटल में 3 मार्च, 2024 से ठहरा हुआ था.
यहीं उस ने पहले हाथ की नस काटने की कोशिश की. लेकिन जब वह ऐसा नहीं कर सका तो चादर फाड़ कर उस का फंदा बनाया और पंखे पर बांध कर लटक गया. होटल के मैनेजर के मुताबिक गोविंद पवार पिछले 3 मार्च से होटल के कमरा नंबर 312 में रुका हुआ था. वह समय पर पैसा देता था. शनिवार दोपहर जब गोविंद लंच के लिए कमरे से नहीं निकला तो स्टाफ उसे बुलाने गया. काफी आवाज लगाने और डोरबेल बजाने पर भी उस ने कमरा नहीं खोला. इस से होटल स्टाफ को किसी अनहोनी का शक हुआ.
इस के बाद होटल स्टाफ ने मास्टर चाबी से दरवाजा खोलने की कोशिश की. अंदर से बंद होने के चलते दरवाजा नहीं खुला. स्टाफ ने सुपेला पुलिस को इस की सूचना दी. पुलिस होटल पहुंची और दरवाजा तोड़ कर देखा तो गोविंद फंदे पर लटका हुआ था. बैड पर एक चाकू पड़ा हुआ मिला है. हाथ में चाकू से काटने का निशान था. यह घटना अनेक घटनाओं की तरह यह बताती है कि कर्ज लेने के बाद जब व्यवसाय में नुकसान हो जाता है तो छोटा व्यापारी हो या बड़ा व्यवसायी, आत्महत्या का रास्ता अख्तियार कर लेता है.
शिक्षाविद और मनोवैज्ञानिक डाक्टर संजय गुप्ता के मुताबिक जीवन में उतारचढ़ाव की परिस्थितियां आनी स्वाभाविक है. ऐसे घटनाक्रम के दरमियान व्यक्ति को तत्काल परिजनों को सारी घटना से वाकिफ कराना चाहिए और इष्ट मित्रों से परामर्श लेना चाहिए. साथ ही, किसी मनोवैज्ञानिक अथवा अधिवक्ता यानी लीगल एडवाइजर से परामर्श करना चाहिए. ऐसी स्थितियों में इस तरह बड़ी आसानी से भंवरजाल से निकला जा सकता है.