2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भारत रत्न दे कर राजनीतिक समीकरण साधने का काम मोदी सरकार ने किया. इस के बाद मुफ्त प्रचार के लिए नैशनल क्रिएटर्स अवार्ड दे कर सोशल मीडिया के इन्फ्लुएंसर को साधने का काम किया गया.

इस बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर कंटैंट बनाने वालों को अपनी नीतियों पर कंटैंट बनाने का औफर भी दिया. इस चुनाव के प्रचारक इन्फ्लुएंसर को बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए तैयार किया गया है, जिस से सोशल मीडिया को अपने पक्ष में किया जा सके. आजकल जिस तरह से रील्स का प्रयोग बढ़ रहा है उस की ताकत चुनौती बनती जा रही है.

राम मंदिर को ले कर प्रचार में सरकार ने प्रिंट और मीडिया चैनलों को करोड़ों के विज्ञापन दिए. इस के बाद भी प्रिंट और मीडिया चैनलों के मुकाबले सोशल मीडिया पर सब से अधिक प्रचार दिखा. यह प्रचार पूरी तरह से मुफ्त था. ऐसे में अब प्रिंट और मीडिया चैनलों के मुकाबले सोशल मीडिया की पहुंच का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. वहां से सरकार ने यह योजना बनाई कि सोशल मीडिया का प्रयोग चुनाव प्रचार में और माहौल को अपने पक्ष में बदलने के लिए किया जाए. रील्स पर राम मंदिर के गाने काफी लोकप्रिय हुए हैं.

क्या था नैशनल क्रिएटर्स अवार्ड

नई दिल्ली के भारत मंडपम में नैशनल क्रिएटर्स अवार्ड समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर अपने कंटैंट के लिए पहचाने वाले इन्फ्लुएंसर्स को सम्मानित किया. इन में इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर पौपुलर इन्फ्लुएंसर गौरव चौधरी और रणवीर अलाहाबादिया के नाम शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टैक्नोलौजी के अलगअलग माध्यमों से विभिन्न प्रकार के कंटैंट क्रिएटर्स से ‘क्रिएट औन इंडिया मूवमैंट’ शुरू करने और भारत की संस्कृति, विरासत व परंपराओं के साथ दुनिया की कहानियों को साझा करने का आग्रह किया.

इस का अर्थ है कि जो बातें प्रधानमंत्री अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दौरान करते हैं, उन को अलगअलग जगहों से प्रचारित किया जाए. अपनी बात समझाते हुए पीएम मोदी ने नैशनल क्रिएटर्स पुरस्कार प्रदान करने के बाद कहा कि ‘आइए हम भारत के बारे में सृजन करें, दुनिया के लिए सृजन करें.’ प्रधानमंत्री चाहते हैं कि उन के किए कामों को सोशल मीडिया पर दिखाया जाए.

अवार्ड पाने वालों में ग्रीन चैंपियन श्रेणी में प्रवेश पांडे को पुरस्कृत किया गया. कीर्तिका गोविंदसामी को सर्वश्रेष्ठ कहानीकार का पुरस्कार दिया गया. गायिका मैथिली ठाकुर को कल्चरल एंबेसडर औफ द ईयर का पुरस्कार मिला. टैक श्रेणी में गौरव चौधरी और सर्वश्रेष्ठ यात्रा निर्माता पुरस्कार कामिया जानी को दिया गया. इन अवार्ड के बहाने सोशल मीडिया के कंटैंट क्रिएटर्स को मीडिया के मुकाबले खड़ा करने की कोशिश की गई है.

सोशल मीडिया को अब तक दोयम दर्जे का समझा जाता था. इस प्रयोग के बाद अब राज्यों में भी सरकारें इस तरह के काम करेंगी. अब तक सरकार इन को कंट्रोल करने के लिए योजना बना रही थी. उसे लगता है कि सोशल मीडिया को कंट्रोल करने से अच्छा है कि उस को अपने साथ मिला कर काम किया जाए. इस योजना के तहत यह काम किया गया है.

प्रधानमंत्री ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं को शुभकामनाएं दीं और कंटैंट क्रिएटर्स से आग्रह किया कि वे ‘नारी शक्ति’ को अपनी विषयवस्तु का हिस्सा बनाएं. मोदी ने कहा कि रचनात्मकता गलत धारणाओं को भी ठीक कर सकती है.

कंटैंट क्रिएटर्स का चुनावी प्रयोग

चुनाव नजदीक होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “मैं आप को गारंटी देता हूं कि यदि संभव हो तो अगली शिवरात्रि पर मैं ऐसा ही एक कार्यक्रम करूंगा.” दर्शकों द्वारा अब की बार, 400 पार के नारे लगाए जाने के बीच प्रधानमंत्री ने कहा कि यह मोदी की गारंटी नहीं है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों की गारंटी है. उन्होंने कंटैंट क्रिएटर्स से पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं को वोट डालने की अपनी जिम्मेदारी से अवगत कराने का भी आग्रह किया.

मल्हार कलाम्बे को स्वच्छता राजदूत पुरस्कार से सम्मानित करते हुए मोदी ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘हर प्रकार की सफाई काम आ सकती है, इस चुनाव में भी सफाई होने वाली है.”

मोदी ने कंटैंट क्रिएटर्स से युवाओं के बीच मादक द्रव्यों के इस्तेमाल के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा, “आप का कंटैंट क्रिएशन देश में बहुत बड़ा प्रभाव डाल रहा है.” मोदी ने कहा कि जब समय बदलता है, जब एक नए युग की शुरुआत होती है तो यह देश की जिम्मेदारी बन जाती है कि वह बदलते समय के साथ कदम से कदम मिला कर चले.”

धर्म को बढ़ावा

कंटैंट क्रिएटर्स में उन को खास महत्त्व दिया गया जो कथावाचन, भजन और धर्म से जुड़े कंटैंट बनाते हैं. नैशनल क्रिएटर्स अवार्ड कथावाचन, सामाजिक बदलाव, पर्यावरणीय संवहनीयता और शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने का प्रयास है. इस का उद्देश्य सकारात्मक बदलाव के लिए रचनात्मकता को प्रोत्साहन देना है.
नैशनल क्रिएटर्स अवार्ड के लिए अनुकरणीय सार्वजनिक सहभागिता सामने आई है. पहले दौर में 20 विभिन्न श्रेणियों में 1.5 लाख से अधिक नामांकन प्राप्त हुए थे. इस के बाद वोटिंग राउंड में विभिन्न पुरस्कार श्रेणियों में डिजिटल सर्जकों के लिए लगभग 10 लाख वोट डाले गए. इस के बाद 3 अंतर्राष्ट्रीय सर्जक सहित 23 विजेताओं का निर्णय किया गया.

अब तक महत्त्वहीन और हाशिए पर खड़े सोशल मीडिया कंटैंट क्रिएटर्स को महत्त्व मिलने से वे उसी धारा में बहने लगेंगे जिस धारा में उन को बहने के लिए अवार्ड मिल रहा है. सोशल मीडिया पर धर्म का प्रचार पहले से खतरनाक गति से बढ़ रहा था, अब इस में और तेजी दिखेगी. इस से सोशल मीडिया भी प्रिंट और चैनलों की तरह से सरकार का गुणगान करती नजर आएगी

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