परफैक्शनिस्ट कलाकार के रूप में मशहूर अभिनेता आमिर खान के बौक्सऔफिस के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं, जिस का खमियाजा पूरे सिनेमा जगत को भुगतना पड़ रहा है. 2018 में प्रदर्शित फिल्म ‘ठग्स औफ हिंदुस्तान’ के बौक्सऔफिस पर बुरी तरह असफल होने के बाद आमिर खान ने अभिनय से दूरी बनाने की बात कही थी. पर वे अपने इस बयान पर ज्यादा समय तक टिके नहीं रह सके.

4 साल बाद ही वे फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ से अभिनय में वापसी की. लेकिन अफसोस ‘लाल सिंह चड्ढा’ ने बौक्सऔफिस पर पानी तक नहीं मांगा. और आमिर खान ने आखिरकार फिर अभिनय से दूरी बनाने का ऐलान कर दिया.

कुछ समय बाद आमिर खान ने अभिनय के बजाय फिल्म निर्माण की तरफ रुख किया. बतौर निर्माता, आमिर खान की पहली फिल्म ‘लापता लेडीज’ एक मार्च को रिलीज हुई, जिस के निर्देशन की जिम्मेदारी उन की पूर्व पत्नी किरण राव ने उठाई. ‘लापता लेडीज’ की बौक्सऔफिस पर हुई दुर्गति के लिए पूरी तरह से आमिर खान और किरण राव ही दोषी हैं.

‘लापता लेडीज’ ने बौक्सऔफिस पर पहले दिन महज 75 लख रुपए कमाए. लेकिन फिल्म के प्रचारक ने कुछ पत्रकारों की मदद से सोशल मीडिया पर धुआंधार झूठा प्रचार किया कि फिल्म सुपरडुपर हिट है. इस के बावजूद यह फिल्म बौक्सऔफिस पर पहले सप्ताह बामुश्किल 6 करोड़ रुपए ही एकत्र कर सकी, जिस में से निर्माता को केवल डेढ़ करोड़ ही मिले.

मजेदार बात यह है कि आमिर खान ने पहले घोषित किया था कि इस फिल्म की लागत 50 करोड़ रुपए है, पर उन का प्रचारक फिल्म की लागत केवल 20 करोड़ रुपए ही बता रहा है. वैसे, इस फिल्म के निर्माण से मुकेश अंबानी की कंपनी ‘जिओ स्टूडियो’ भी जुड़ी हुई है.

फिल्म ‘लापता लेडीज’ की बौक्सऔफिस पर इस कदर दुर्गति होने की वजह फिल्म के विषय के साथ लोगों का रिलेट न कर पाना रहा. इस सच से वाकिफ आमिर खान ने अपनी फिल्म की कहानी को 20 साल पहले की बताई है, पर दर्शक तो फिल्म देखते हुए वर्तमान के साथ कहानी और घटनाक्रम को जोड़ कर देखता है.

कहानी के अनुसार नवविवाहिता अपने पति के साथ पारंपरिक घूंघट में ट्रेन में यात्रा करती है, जहां कई दूसरी दुलहनें भी घूंघट में हैं. नियत स्टेशन पर पति घूंघट के चलते गलत दुलहन को ले कर ट्रेन से उतर कर अपने घर के अंदर पहुंचता है, तब उसे पता चलता है कि वह तो गलत दुलहन को अपने घर ले कर आया है.

इस के बाद तीनों किरदारों की यात्रा शुरू होती है. फिल्म में औरतों से जुड़े शिक्षा सहित कई मुद्दे भी उठाए गए हैं पर जब फिल्म की कहानी का आधार ही गलत हो तो सबकुछ गलत हो जाता है. कहानी के अनुसार शादी के बाद पूरा परिवार घर वापस लौट जाता है. पर दूल्हा रुक कर अपनी ससुराल में ही पत्नी के संग सुहागरात मनाने के बाद पत्नी को घूंघट में रख कर ट्रेन में यात्रा करता है.

यह बात दर्शक को हजम नहीं होती. जब ट्रेन में पतिपत्नी ही हों, तो फिर पत्नी घूंघट क्यों डाले हुए है. इस के अलावा पति, ट्रेन से उतरने के बाद भी घर के अंदर पहुंचने से पहले अपनी पत्नी का चेहरा नहीं देखता, ऐसा क्यों? फिल्म ‘लापता लेडीज’ में इसी तरह की तमाम ऐसी चीजें दिखती हैं जिन की वजह से दर्शक लेखक व निर्देशक के ज्ञान पर हंसता है.

1 मार्च को ही पुलवामा आतंकवादी हमले और 2019 के भारतीय वायुसेना के जवाबी बालाकोट एयरस्ट्राइक पर आधारित देशभक्ति व सत्तापरक एजेंडे वाली फिल्म ‘औपरेशन वैलेंटाइन’ भी रिलीज हुई है, जिस ने भी बौक्सऔफिस पर पानी नहीं मांगा. शक्ति प्रताप सिंह हाडा निर्देशित फिल्म ‘औपरेशन वैलेंटाइन’ में वरुण तेज, मानुषी छिल्लर, नवदीप और मीर सरवर” की आम भूमिकाएं हैं. फिर भी पहले सप्ताह की समाप्ति तक यह फिल्म केवल 9 करोड़ रुपए ही कमा सकी.
इस का बजट 100 करोड़ रुपए से भी ज्यादा है. सच यह है कि इस फिल्म में कुछ भी नया नहीं है. तो वहीं लोग मानुषी छिल्लर को परदे पर देखना नहीं चाहते. इस फिल्म से पहली बार निर्देशक बने शक्ति प्रताप सिंह हाडा का कैरियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया.

इसी सप्ताह अनुपम खेर और हाल ही में निधन हुए कलाकार सतीश कौशिक के अभिनय से सजी फिल्म ‘कागज 2’ भी प्रदर्शित हुई जो कि बौक्सऔफिस पर पूरे सप्ताह में केवल 60 लाख रुपए ही कमा सकी. फिल्म को दर्शक नहीं मिले. इस की मूल वजह यह रही कि इस फिल्म का प्रचार ही नहीं किया गया. दर्शक को पता ही नहीं कि ‘कागज 2’ नामक कोई फिल्म भी बनी है.

इसी सप्ताह विजय नांबियार निर्देशित फिल्म ‘दंगे’ प्रदर्शित हुई, जिस में असफल व अभिनय शून्य अभिनेता हर्षवर्धन के साथ निकिता दत्ता व इहान भट्ट हैं. यह फिल्म पूरे सप्ताह में सिर्फ 55 लाख रुपए ही बौक्सऔफिस पर कमा सकी.

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