1 – सुबह उठ कर सब से पहले भगवान गणेश का ध्यान करें क्योंकि 14 फरवरी को बुधवार है जो उन का दिन होता है. मन ही मन 108 बार ॐ गण गणपते नमाय मंत्र का जाप करें. इस के बाद सरस्वती का ध्यान करें क्योंकि इस दिन उन का भी डे यानी बसंतपंचमी है. उन से बस इतनी प्रार्थना करें कि ‘हे मां, हुड़दंगियों को इतनी बुद्धि मत दे देना कि वे मुझे पहचान लें.’

2 – अब बिस्तर छोड़ कर नहाएंधोएं (हालांकि यह ऐच्छिकहै). फिर सीधे घर के पूजाघर में जा कर जितने भी प्रकार के देवीदेवता राम, कृष्ण, शंकर, दुर्गा, हनुमान, शालिग्राम वगैरह मम्मी ने रख छोड़े हों, सब का बारीबारी से पूजन करें (यह अनिवार्य है). नंदी, राहू केतु, काली, शनि और दूसरे न समझ आने वालो को भी पूजें. आज न जाने कौन कृपा बरसा दे. पूजा पूरे मन से और विधिविधान से करते देवीदेवताओं से प्रार्थना करें कि ‘हे प्रभु, बस आज इन प्यार के दुश्मन हुड़दंगियों से बचा ले, सवा सौ रुपए का प्रसाद चढ़ाऊंगा. जेब की हैसियत और प्यार की गहराई व सचाई के मुताबिक यह राशि बढ़ा भी सकते हैं.

3 – बाहर जाने से पहले ड्रैसअप हों लेकिन इस बार आप की ड्रैस जींसटीशर्ट नहीं, बल्कि भगवा कुरता और धोती होंगे. ये वस्त्र पूरे श्रद्धाभाव से धारण करें.

4 – अब माथे पर बड़ा सा तिलक या त्रिपुंड लगाएं जिसे देख कर हुड़दंगी अगर कहीं टकराए तो फ्लेट हो जाएंगे और आप से ही कहेंगे कि तू एकांत पार्क संभाल, मैं नेहरू गार्डन जा रहा हूं. वहां बहुत से शिकार गुटरगूं-गुटरगूं कर रहे हैं.

5 – गले में बड़ी सी रुद्राक्ष की माला धारण करें जो आप की छाती, चाहे वह कितने भी इंच की हो, पर झूलती दिखे. इसे देखते ही प्यार के दुश्मनों में आप के प्रति श्रद्धा, सम्मान और अपनेपन का भाव जागृत होगा.

6 – वे आप को देख कर जयजय श्रीराम, हरहर महादेव और जय बजरंगबली के नारे लगाएंगे, आप को पूरे जोश के साथ गला फाड़ कर इन आधुनिक अभिवादनों का जवाब देना है जिस से वे आप की मंशा, नीयत और अभियान पर कोई शक न करें.

7 – गले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा सा लौकेट लटकाएं. कलियुग में इन दिनों यह सब से बड़ा संकटमोचक और चमत्कारी यंत्र है जो स्वयंसिद्ध है. इसे अलग से अभिमंत्रित करने की आवश्यकता नहीं होती. आप खुद इसे पहनने के बाद आत्मविश्वास से लबरेज हो जाएंगे और आप को सिवा नरेंद्र मोदी के, किसी का डर नहीं रहेगा या लगेगा.

8 – साइकिल, बाइक या कार से जाएं तो उस पर भगवा झंडा अवश्य लगा हो, जिसे देख कर ही छोटोमोटी बाधाएं रास्ता छोड़ देती हैं.

9 -गले में अगर जनेऊ लटका लें तो सोने पे सुहागा वाली बात होगी. किसी हुड़दंगी की मजाल नहीं होगी कि आप की तरफ आंख उठा कर देखे.

10 – हाथ में डंडा भी रखें. इस से आप पूरी तरह खुद हुड़दंगी गैंग के मैंबर नजर आएंगे. मुमकिन है, कई प्रेमी जोड़े आप को देख कर छिपें और भागें. आप चाहें तो निशुल्क या सशुल्क उन की मदद कर उन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर पहुंचा सकते हैं. इस के बाद अपने पार्टनर के पास जा सकते हैं. किन्हीं प्रेमियों की यों मदद कर आप को उसी अदभुद सुख का एहसास होगा जो हुड़दंगियों को प्रेमियों की मारकुटाई करने से होता है.

11 – गले में भगवा गमछे का लहराते रहना सब से ज्यादा जरूरी है.

डिस्क्लेमर (एक) – ये दुर्लभ उपाय सामान्य जानकारियों व अनुभवों पर आधारित हैं. इन से यह गारंटी नहीं ली जाती कि आप हुड़दंगियों से बच ही जाएंगे. लेकिन बचने की संभावना 99 फीसदी बढ़ जाती है. एक फीसदी में आप की ऐक्टिंग, समय और प्यार की सचाई शामिल है, इसलिए अपने रिस्क पर यह सब करें.

डिस्क्लेमर (दो) – इस वेशभूषा को तन तक ही सीमित रखें, मन तक न लाएं, क्योंकि इस का प्रभाव इतना तेज होता है कि आप खुद को हुड़दंगी समझते प्रेमियों की मारकुटाई शुरू कर सकते हैं और उन से वसूली भी कर सकते हैं. इसलिए अपना मकसद ध्यान रखें और जहां अपनी महबूबा से मिलने का वादा किया है, जल्द से जल्द वहां पहुंचें.

डिस्क्लेमर (तीन) – आप की माशूका आप को इस गेटअप में देख कर डर सकती है, इसलिए उसे पहले ही बता दें कि आप हुड़दंगी बन कर आ रहे हैं.

डिस्क्लेमर (चार) – अकेले जाएंगे तो असली हुड़दंगी आप पर शक कर सकते हैं, इसलिए किसी दोस्त को भी साथ लटका लें, जैसे पुरानी हिंदी फिल्मों में हीरो के साथ महमूद या मोहन चोटी जैसा कोई कलाकर लटका रहता था. लेकिन उस का भी गेटअप ऐसा ही होना चाहिए जैसा कि ऊपर बताया गया है.

डिस्क्लेमर (पांच) – इस लेख को अपने तक रखें, ज्यादा से ज्यादा फौरवर्ड न करें. नहीं तो हुड़दंगी सतर्क हो जाएंगे.

उम्मीद है, इन टोटकों को अमल में लाने से आप का वैलेंटाइन डे बिना ठुकाईपिटाई के सलामत हाथपांव के साथ मन जाएगा. प्यार में लोग क्याक्या नहीं कर गुजरते, यह आप बेहतर जानते हैं. उस के आगे तो हुड़दंगियों वाला यह गेटअप कुछ नहीं. लेकिन एक बार फिर याद दिला दें कि आप को हुड़दंगी बन कर प्रेमियों पर गाज नहीं गिराना है. ये टिप्स आप के अभियान की सफलता के लिए हैं. ये टिप्स ‘जहर ही जहर को काटता है’ या फिर ‘कांटे से ही कांटा निकलता है’ वाले तर्ज पर दिए जा रहे हैं. इन का बेजा विध्वंसात्मक इस्तेमाल न करें.

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