इस 21 जनवरी को भिवानी में एक लड़की ने वीडियो कौल कर बुजुर्ग का न्यूड वीडियो बनाया और फिर डरा कर 37 लाख रुपए ठग लिए. बुजुर्ग को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच के नाम पर फोन कर जाल में फंसाया गया था.

बुजुर्ग अपने घर में था तभी उसके पास एक लड़की ने व्हाट्सऐप पर वीडियो कौल की. उस लड़की ने उस से कहा कि वह बाथरूम में जाए. लड़की के कहने पर वह बाथरूम में चला गया और इसी दौरान लड़की ने वीडियो कौल में ही अपने सभी कपड़े उतार दिए और उसके साथ अश्लील हरकत करने लगी.

इस दौरान स्क्रीन रिकौर्डिंग ने उसका चेहरा वीडियो देखते हुए रिकौर्ड कर लिया. इसके बाद बुजुर्ग के पास एक दूसरी कौल आई. जिस पर किसी ने कहा कि वह दिल्ली क्राइम ब्रांच से बोल रहा है और उसके खिलाफ यूट्यूब की तरफ से लड़की के साथ अश्लील हरकत करते हुए एक वीडियो आई है. आप को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. बुजुर्ग डर गया और बचाव का समाधान पूछने लगा. उस शख्स ने यूट्यूबर का नंबर दिया. उस नंबर पर बात करने पर कहा गया कि 2,49,500 रुपए जमा करा दो तो वीडियो डिलिट करा देंगे और 2,500 रुपए चार्ज काट कर बाकी पैसा वापस भेज देंगे.

बुजुर्ग ने बताए गए खाते में पैसे जमा करा दिए. उस के बाद उसे बताया गया कि उस का वीडियो 5 जगह वायरल हुआ है. इस पर फिर से 10 लाख रुपए मांगे गए. इसी तरह कई बहाने बना कर उस से 36,84,300 रुपयों की ठगी कर ली गई. पीड़ित बुजुर्ग ने बाद में मामले की शिकायत साइबर क्राइम पुलिस थाना में की. इस पर अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी सहित संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है.

ऐसा ही कुछ दिल्ली की एक 65 वर्षीया बुजुर्ग महिला के सतह भी हुआ. कुछ अपराधियों ने पहले वौइस कौल के जरिए 65 वर्षीय महिला को कौल किया. उस के बाद महिला को बताया गया कि उस ने एक औनलाइन पार्सल भेजा है जिस के अंदर कुछ पासपोर्ट, ड्रग्स और कपड़े मौजूद है.

आरोपी ने महिला को डराते हुए कहा कि ड्रग्स और फर्जी पासपोर्ट की वजह से आप को जेल हो सकती है. इस बात से बुजुर्ग महिला घबरा गई. आरोपियों ने विश्वास दिलवाने के लिए स्काइप के जरिए वीडियो कौल की. उस में यह दिखाया गया कि एक सीबीआई के दफ्तर से आप को कौल की गई है. वीडियो में दोतीन लोग मौजूद थे और पीछे दीवार पर सीबीआई का लोगो लगा हुआ था. तब बुजुर्ग महिला को यकीन हो गया कि वाकई में उसे एनफोर्समेंट एजेंसी की तरफ से कौल आई है.

वीडियो कौल पर आरोपी ने महिला को डराया की आप को डिजिटल अरैस्ट किया जा चुका है जिस के बाद महिला काफी ज्यादा घबरा गई और रोने लगी. आरोपियों ने फिर दूसरी चाल चली और बताया कि उस के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर के उस को फंसाया गया है. आरोपियों ने महिला से कहा कि उस के सारे अकाउंटस वेरीफाई करने होंगे. इसलिए सभी अकाउंट का पैसा एक सेपरेट अकाउंट में डाल दे. महिला ने ऐसा ही किया. उसके बाद अपराधियों ने धीरेधीरे कर के अकाउंट से 35 लाख रुपए निकाल लिए.

तब महिला ने अपने रिश्तेदारो में यह जानकारी दी. बाद में पीड़िता के परिजनों ने आईएफएसओ का दरवाजा खटखटाया. लंबी जांच के बाद अपराधी पकड़ में आ गए.

दरअसल बुजुर्ग अपराधियों के इजी टारगेट होते हैं. बुजुर्गों के साथ समस्या यह आती है कि वह बहुत जल्दी बहकावे में आ जाते हैं. अगर सामने वाला उन्हें कुछ कहता है तो वह उसे सच मान लेते हैं. मोबाइल फोन या डिजिटल प्लेटफौर्म पर अगर कोई अनजान शख्स बुजुर्ग महिला से इतनी बड़ी बात कहता है तो उसे तुरंत सच मान लेना और उस के हिसाब से पैसे ट्रांसफर कर देना कहां तक तर्कसंगत है? इसी तरह अगर वीडियो कौल पर कोई लड़की गलत हरकत कर रही है और बुजुर्ग उस का मजा लेने लगे तो इस में गलती तो बुजुर्ग की ही हुई न. इसी वजह से ऐसे कांड होते हैं.

अगर वे मामले की शुरुआत में ही अपने बच्चों से बात करें कि सामने वाला ऐसा कह रहा है तो यकीनन बच्चों द्वारा उन्हें सही सलाह दी जाएगी. मगर अकसर बुजुर्ग खुद ही फैसला कर लेते हैं. कई बार शर्मिंदगी की वजह से जैसे की न्यूड वीडियो के मामले में हुआ तो कई बार हड़बड़ाहट की वजह से वे ऐसा कर डालते हैं.

दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि बुजुर्गों में भी अब पढ़ने की आदत कम हो गई है. अब घरों में अखबार और मैगजीन भी कम आते हैं. लोग दिनप्रतिदिन के न्यूज और दीनदुनिया से जुड़े नहीं होते. बुजुर्ग भी अपनी ही खामोश दुनिया में रहे आते हैं. कभी घर वालों को कोसने में, कभी अपनी बीमारियों के चक्कर में या कभी ऐसे ही उदास टीवी के आगे बैठे रहते हैं. बुजुर्ग महिलाएं भी कभी घरपरिवार के कलह में, कभी हमउम्र महिलाओं के साथ अपने दुखड़े रोने में और कभी बहू को बात सुनाने या कोसने में दिन बिता देती हैं.

इसके विपरीत यदि वे देशदुनिया में हो रही घटनाओं में अपना दिमाग लगाएं और विभिन्न मुद्दों से संबंधित सटीक जानकारी रखें यानी अपडेट रहें तो एक तो उन का माइंड डाइवर्ट होगा, वे सही दिशा में सोच सकेंगे, अपराधियों का टारगेट नहीं बनेंगे,फालतू बातों में दिमाग लगाने या उदास बैठे रहने की बजाय उन के अंदर नई सोच विकसित होगी. यही नहीं पोतेपोतियों से बात करने के लिए उन के पास नए जमाने के टौपिक्स और जानकारी होगी. बच्चों को उन से बातें करने में मजा आएगा.

दिल्ली प्रैस की पत्रिकाओं में भी इस तरह की घटनाओं के विश्लेषण होते हैं. समस्याओं को उजागर करने के साथ उन का समाधान भी बताया जाता है. मनोहर कहानियां मैगजीन का टैग लाइन ही है ‘अपराधों को जानिए, सुरक्षित रहिए.’

इस पत्रिका में इस तरह के आपराधिक घटनाओं का पूर्ण विश्लेषण होता है. ऐसी हर समस्या से अलर्ट रहने और बचने के उपाय डिटेल में बताए जाते हैं. इस के हर इशू में नई ताजा आपराधिक घटनाएं ली जाती हैं. अगर कोई बुजुर्ग मनोहर कहानियां नियमित रूप से पढ़े तो उसे ऐसी समस्याओं से कभी रूबरू नहीं होना पड़ेगा. वे इस तरह की मुसीबत के दलदल में फंसने के बजाए समय पर सही फैसला ले सकेंगे.

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