21नवंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में 10वीं में पढ़ने वाले 16 साल के छात्र ने सुसाइड कर लिया. वह सोशल मीडिया पर ऐक्टिव था. मेकअप में इंटरैस्ट होने के कारण अकसर वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मेकअप के साथ पोस्ट और रील शेयर किया करते था. ऐसे ही दीवाली के दिन प्रांशु ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर अपनी मेकअप और ब्यूटी से जुड़ी रील शेयर की, जिस में उस ने साड़ी पहनी हुई थी.

इस पर आए कमैंट्स से परेशान हो कर उस ने आत्महत्या कर ली. उसे सोशल मीडिया यूजर्स ने जम कर ट्रोल किया. प्रांशु अपनी मां के साथ रहा करता था. उस के मातापिता का 3 साल पहले तलाक हो चुका था. ये कमैंट्स इतने अश्लील और गंदे थे कि उन का जिक्र करना यहां उचित नहीं है.

‘मेड इन हैवन’ वैब सीरीज की ऐक्टर त्रिनेत्र हलदर गुम्माराजू ने दावा किया कि प्रांशु का इंस्टाग्राम हैंडल का कमैंट सैक्शन 4,000 से अधिक होमोफोबिक यानी गे समुदाय को ले कर नापसंदगी और पूर्वाग्रह वाले कमैंट्स से भरा था, जबकि प्रांशु के अकांउट से इस बात की कोई पुष्टि नहीं होती कि वह एलजीबीटी समुदाय से संबंध रखता था या नहीं.

मामले हैरान करते हैं

ऐसा ही कुछ हुआ ग्वालियर में साइबर बुलिंग की शिकार एक 14 साल की लड़की, जो कि 8वीं क्लास की स्टूडैंट थी, के साथ. वह फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 3 मनचलों का शिकार हुई थी. पड़ोस में रहने वाले ये तीनों आवारा लड़के उस स्टूडैंट के साथ मैसेंजर पर चैटिंग करने लगे और उस की चैट को वायरल करने की धमकी देने लगे.

इन तीनों ने लड़की से उस के सोशल मीडिया अकाउंट की आईडी और पासवर्ड ले लिए थे और वे उस के अकाउंट से अश्लील पोस्ट भी करते थे, जिस से तंग आ कर उस स्टूडैंट ने आत्महत्या कर ली.

ऐसा सिर्फ आम लोगों के साथ होता है, यह कहना गलत होगा. इस का शिकार होने वाले कई बार जानेमाने लोग भी होते हैं. सितारों के लिए तो बात आम हो चुकी है लेकिन आम लोगों के लिए इसे बरदाश्त करना मुश्किल हो जाता है.

साइबर बुलिंग से देश में ही नहीं, विदेशों में भी हजारों की संख्या में लोग आत्महत्या करते हैं जिन में ज्यादातर 14 से 30 वर्ष तक के युवा होते हैं.

क्या है परिदृश्य ?

जब से सोशल मीडिया आया है, युवा और टीन बड़ी संख्या में इस का हिस्सा बनने लगे, खासकर भारत में जहां 448.8 मिलियन फेसबुक, 252.41 मिलियन इंस्टाग्राम, 26.5 मिलियन ट्विटर और 467 मिलियन यूट्यूब के ऐक्टिव यूजर हैं.

इतनी बड़ी संख्या लगातार सोशल मीडिया पर ऐक्टिव है जो नैगेटिव और पौजिटिव हर तरह के कमैंट करने से बाज नहीं आती. जो कई बार हद पार कर देते हैं. गालियों से ले कर सैक्सुअली एब्यूज आम हो चुका है. कई बार तो कमैंट इतने भद्दे होते हैं कि उन्हें देख कर शर्म आ जाती है.

यह तबका बड़ी ही आसनी से समाज के दायरे से बाहर निकलते युवकयुवतियों को अपने ट्रोल्स का शिकार बनाता है. चाहे कुछ भी हो, इस संकीर्ण मानसिकता वाले लोगों को जो भी पसंद नहीं आता उसे वे ट्रोल करना शुरू कर देते हैं. एक के बाद एक नैगेटिव कमैंट आते हैं. जानकारी के लिए बता दें, सोशल मीडिया पर नैगेटिव कमैंट्स को ट्रोलिंग कहा जाता है. यह एक तरह किसी पर की गई व्यक्तिगत टिप्पणी होती है.

ये नैगेटिव कमैंट कभीकभी किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को इतना आघात पहुंचाते हैं कि वह डिप्रैशन में चला जाता है और आत्महत्या तक कर लेता है या हमेशा के लिए सोशल मीडिया से किनारा कर लेता है.

ऐसा ही कुछ टीवी की जानीमानी ऐक्ट्रैस नीति टेलर के साथ भी हुआ. साल 2014 के शो ‘कैसी ये यारियां’ से उन्हें ट्रोल किया जा रहा है, ऐसा उन्होंने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा. वे कहती हैं, ‘‘ट्रोलर ने मेरे घरवालों को मेरी ही एडिट की हुई फोटोज में टैग करना शुरू कर दिया है.’’ ऐक्ट्रैस आगे कहती हैं, ‘‘ये लोग बेहद गंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं. शिकायत करने पर पुलिस का साइबर सैल कुछ नहीं कर पा रहा.’’

ऐसी न जाने कितनी शिकायतें साइबर सैल के पास रोजाना आती हैं जिन का निबटारा नहीं किया जाता, जिस के कारण ये हरकतें सोशल मीडिया पर लगातार जारी रहती हैं.

एनसीआरबी के मुताबिक, साल 2020 में भारत में साइबर अपराध के 50,035 मामले सामने आए, जिन में साइबर स्टौकिंग के 1614, साइबर ब्लैकमेलिंग के 762, मानहानि …

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