सोशल मीडिया पर रील्स तेजी से पौपुलर हो रही हैं. यह बिजनैस का भी टूल्स बन गया है. इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर रील्स सब से अधिक ट्रैंड हो रही हैं. कई बड़े सोशल ब्रांड इस प्लेटफौर्म पर डैवलप हुए हैं. रील्स से लोग की कमाई हो रही है. क्रिकेट सुपरस्टार विराट कोहली एक इंस्टाग्राम पोस्ट से लगभग 9 करोड़ रुपए कमाते हैं. दुनियाभर में इंस्टाग्राम के एक्टिव यूजर्स की संख्या 2 अरब है. भारत में ये 32 करोड़ रुपए के आसपास है. सोशल मीडिया की बढ़ती पहुंच के चलते रील्स लोकप्रिय हो रही हैं.

सोशल मीडिया पर तमाम इंफ्लुएंसर्स हैं जिन का काम लोगों का प्रचार कर के पैसा कमाना होता है. इस वजह से रील्स के जरिए इंफ्लुएंसर्स पहले अपने फौलोअर्स बढ़ाते हैं, इस के बाद पैसा कमाते हैं. इंफ्लुएंसर्स रील्स के अलावा फोटो, वीडियो और स्टारी पोस्ट कर के प्रचार का काम करते हैं. स्टोरीज 24 घंटे तक ही लाइव रहती है. रील्स के लिए नौर्मल म्यूजिक के अलावा ट्रेंडिंग म्यूजिक का सहारा भी लिया जाता है. यह आजकल सब से अधिक पौपुलर है.

सोशल मीडिया पर रील्स बना कर फेमस हो रहे लोगों के लिए कमाई का जरिया खुल जाता है. यही वजह है कि छोटेछोटे गांवकस्बे के लड़केलड़कियां रील्स बनाते रहते हैं.

रील्स के जरिए रातोंरात फेमस हो कर इंफ्लुएंसर्स की कैटेगरी मिल जाती है. इस के बाद प्रचार करने के बदले पैसा मिलता है. सैक्स, बोल्ड विषय, गालियां, देहाती कहावतें, स्ट्रीट फूड और मोटिवेशनल स्पीच भी रील्स में खूब पसंद की जाती हैं. रातोंरात फेमस होने की चाह में संगीत की आत्मा मर रही है.

म्यूजिक के साथ है रील्स का गहरा रिश्ता

20 सैकंड से ले कर 50 सैकंड में ही रील्स का सफर खत्म हो जाता है. इस से मुखड़े भले ही फेमस हो जाएं लेकिन गीत और संगीत की आत्मा खत्म हो जाती है. इस की वजह यह है कि गानों का मजा उस के पूरी सुनने में होता है. गाने लिखने वाला पहले गाना लिखता है इस के बाद संगीतकार उस को धुन देता है तब गायक गाता है. इस के बाद उस का फिल्माकंन होता है. यह काम पूरे इत्मीनान और तैयारी से होता है. गाने पर डांस करने वाले को भी कोरियोग्राफर स्टेप्स सिखाता है. तब उस डांस की शूटिंग होती है. इस के बाद दर्शकों तक पहुंचता है. तो गाने और डांस दोनों को देख कर मजा आता है.

रील्स में यही काम अचानक होता है. 5 से 7 मिनट तक के गाने को 20 से 50 सैकंड में समेट दिया जाता है. इतने कम समय में गाने की पहली लाइन ही आ पाती है. म्यूजिक भी केवल एकदो लाइन का ही हो पाता है. रील्स में न पूरा गाना सुनाई देता है और न ही म्यूजिक समझ आता है. इस से गीत, संगीत और एक्टिंग तीनों की आत्मा मर रही है.

मोबाइल में सिमट गई पूरी दुनिया में अचानक सब कुछ रिकौर्ड हो जाता है. सोशल मीडिया पर गाने और म्यूजिक दोनों मिल जाते हैं. आधेअधूरे डांस कर के तैयार रील्स को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया जाता है. देखने वाले भी इस आधेअधूरे मैटेरियल को खुश हो कर देखते हैं, जिस के बाद म्यूजिक ट्रेंडिंग में जाता है.

नए गायक ले रहे रील्स का सहारा

रील्स में वैसे तो हर तरह के गाने आ रहे हैं. सब से ज्यादा सुने जाने वाले गानों में पंजाबी और भोजपुरी गाने हैं. लोकगीतों को ज्यादा पसंद किया जा रहा है. यह लोगों की समझ में आ जाते हैं और थिरकने के लिए मजबूर कर देते हैं. नए गायक कलाकार अपने गानों के प्रचार के लिए रील्स का सहारा लेते हैं. रील्स के ट्रेंडिंग यानी वायरल होने पर गाने भी सुने जाने लगते हैं. इन की रीच मिलियंस में होती है. इस के बाद यह गाने गायक की कमाई का जरिया बन जाते हैं.

रील्स के साथ सब से बड़ी बात यह होती है कि देखने वाले को अगर लत लग गई तो वह जब देखना शुरु करता है तो उसे छोड़ना मुश्किल हो जाता है. एक के बाद दूसरी रील स्क्रोल कर के आगे बढ़ाई जाने लगती है. जिस तरह के गाने वाली रील्स को ठहर कर देखते हैं सोशल मीडिया आप की पसंद समझ कर उसी तरह की रील्स दिखाने लगती है. दर्शकों को पसंद आने वाली खूबियों के बीच रील्स गीत, संगीत और एक्टिंग की आत्मा को मारने का काम कर रही है. वायरल होने वाली खूबियों के बीच इस के नुकसान अभी समझ नहीं आ रहे हैं.

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