सवाल

मेरी उम्र 54 साल की है और मैं सास बन गई हूं. बेटे ने लवमैरिज की है. एक ही बेटा है, इसलिए हम ने बड़े चाव से शादी की उस की. बड़े अरमान से बहू को घर लाई लेकिन हमारे सारे अरमान धरे के धरे रह गए. मैं ने हर तरह से एडजस्टमैंट कर के देख लिया पर बहू अपने अंदर कोई बदलाव नहीं लाना चाहती, उलटा झगड़ने लगती है.

जवाब

सब से पहले तो आप को अपनी बहू से पूछना होगा कि उसे दिक्कत किस बात की है. वह चाहती क्या है. क्या बात है जो उसे बुरी लगती है. खुल कर बात करने से ही इस समस्या का हल निकलेगा. यह समझाने की कोशिश करें कि आखिर क्यों कुछ चीजों को ले कर बहू अडि़यल रुख दिखा रही है. आखिर क्यों वह बदलना नहीं चाह रही है. हो सकता है कि वह जो कर रही है उस के पीछे कोई भावनात्मक वजह छिपी हो. एक बार आप उस का पक्ष भी सम?ा जाएंगी तो चीजें सामान्य करना आसान हो जाएंगी.

कई बार बहू के मन में यही भाव बना रहता है कि घर का कंट्रोल तो सास के हाथ में ही है. ऐसे में वह अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान देने में रुचि नहीं दिखाती. वहीं अगर बहू को महत्ता दी जाए, उसे कुछ अहम जिम्मेदारियां पूरी करने को दी जाएं तो उसे लगेगा कि ससुराल में उस की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका है. अगर बहू अपनी जिम्मेदारी या सौंपे गए काम को अच्छे से पूरा करती है तो उस की तारीफ करना न भूलें.

अगर आप ये सारे तरीके अपना कर देख चुकी हैं और नतीजा कुछ नहीं निकला तो यह न भूलें कि आप की मैंटल पीस और घर की शांति ज्यादा जरूरी है. इकलौता बेटा है, फिर भी आप को अपना मन कड़ा करना पड़ेगा क्योंकि अंत में बेहतर विकल्प यही बचता है कि आप दोनों अलगअलग घरों में रहें ताकि आप दोनों अलगअलग अपनेअपने मुताबिक जिएं. जरूरी नहीं कि अलग रहने से चीजें बदल जाएंगी लेकिन रोजरोज की चिकचिकबाजी से नजात जरूर मिल जाएगी.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...