Ashok Kumar  : हर साल भारत में हजारों फिल्में बनाई जाती हैं. लेकिन इनमें से कुछ ही फिल्में लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हो पाती है. वहीं जहां कुछ फिल्में अपने बजट के पैसे भी नहीं निकाल पाती, तो वहीं कुछ इतिहास रच देती हैं. आज के समय में कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़, 200 करोड़ और हजारों करोड़ रूपए तक की कमाई भी कर रही हैं. लेकिन क्या आपको ये पता है कि देश की वो कौन सी पहली फिल्म (First One Crore Box Office Movie) है जिसने बॉक्स ऑफिस पर पहली बार एक करोड़ की कमाई की थी ? अगर नहीं तो आइए जानते हैं उसी फिल्म के बारे में जिसने एक करोड़ की कमाई करने वाला रिकॉर्ड अपने नाम किया था.

ये थी एक करोड़ कमाने वाली पहली फिल्म

आपको बता दें कि हिंदी सिनेमा के मशहूर अभिनेता ”अशोक कुमार” (Ashok Kumar) उर्फ ‘दादामुनि’ ने ही हिन्दी सिनेमा को देश की पहली एक करोड़ कमाने वाली फिल्म दी थी. एक्टर ”अशोक कुमार”ने अपने छह दशक के लंबे करियर में लगभग 300 फिल्मों में काम किया था. इसके अलावा उन्होंने एक से बढ़कर एक कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया है. उन्होंने बड़े पर्दे पर कई विभिन्न चरित्रों को बखूबी से निभाया है, जिन्हें भुला पाना मुश्किल है.

”अशोक कुमार” की पहली फिल्म ‘अछूत कन्या’ थी. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया जैसे कि ‘नया संसार’, ‘बंधन’, ‘वचन’, ‘किस्मत’, ‘तमाशा’ और ‘महल’ आदि-आदि. इसमें से साल 1943 में आई फिल्म ‘किस्मत’ ने तो बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दी थी. इस फिल्म ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. हालांकि इस फिल्म में ”अशोक कुमार” ने निगेटिव रोल निभाया था. लेकिन फिर भी उनके इस किरदार को लोगों ने इतना पसंद किया कि ये फिल्म 186 सप्ताह तक बॉक्स ऑफिस पर छाई रही. साथ ही देश में एक करोड़ कमाने वाली पहली हिन्दी फिल्म का खिताब भी ‘किस्मत’ (First One Crore Box Office Movie) ने अपने नाम कर लिया.

एक और रिकॉर्ड किया था अपने नाम

इसके अलावा हिंदी सिनेमा में पहली बार फिल्म के नायक ”अशोक कुमार” को ही पुलिस वर्दी में देखा गया था. उन्होंने ‘शक्ति सामंत’ की फिल्म ‘इंस्पेक्टर’ में पुलिस वाले की भूमिका निभाई थी. जो साल 1956 में बड़े पर्दे पर रिलीज हुई थी. इसी के बाद से फिल्मों में कई एक्टर ने पुलिस इंस्पेक्टर का रोल अदा करना शूरु कर दिया था.

आपको बता दें कि अभिनेता ”अशोक कुमार” ने बड़े पर्दे पर कभी भी किसी भी रोल को निभाने से मना नहीं किया. उन्होंने मुश्किल से मुश्किल भूमिकाओं को गहराई व सहजता के साथ निभाया था. इसी वजह से हर नई फिल्म में वो अभिनय के नए आयाम गढ़ते जा रहे थे. साथ ही उनकी प्रसिद्धि भी बढ़ती जा रही थी.

क्या एक्टर नहीं बनना चाहते थे अशोक कुमार ?

आपको बताते चलें कि ”अशोक कुमार” (Ashok Kumar) का जन्म बिहार के भागलपुर में 13 अक्टूबर, 1911 को हुआ था. वह वकीलों के परिवार से तालुक रखते थे लेकिन उनकी वकालत में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वह साइंस से ग्रेजुएट थे और लैब अस्सिटेंट बनना चाहते थे. वो कभी भी हीरो नहीं बनना चाहते थे लेकिन किस्मत को तो कुछ और ही मंजूर था.

दरअसल फिल्मी दुनिया में उनके बहनोई ‘शशधर मुखर्जी’ का बहुत नाम था और वो बॉम्बे टॉकीज के मालिक ‘हिमांशु राय’ के सहायक भी थे. ‘हिमांशु राय’ की पत्नी ‘देविका रानी’ हीरोइन थी. उस समय उन्होंने कई फिल्मों में काम किया था. एक बार जब हिमांशु राय मूवी ‘जीवन नैया’ बना रहे थे तो वो फिल्म के हीरो ‘नज्मुल हसन’ से चिढ़ गए और उन्हें फिल्म से निकाल दिया. नज्मुल की जगह उन्होंने ”अशोक कुमार” को कास्ट करने का सोचा. लेकिन ”अशोक” ने अभिनय करने के लिए साफ-साफ मना कर दिया था. पर ‘हिमांशु राय’ अड़ गए और कहा कि अब तो वो ”अशोक” को हीरो बनाकर ही मानेंगे.

फिर कुछ समय बाद ‘अशोक’, ‘हिमांशु राय’ की फिल्म में काम करने के लिए मान गए और वो फिल्म खूब चली. इसके बाद ”अशोक कुमार” को कई और फिल्मों में काम करने का मौका मिला, जिसमें से ज्यादातर फिल्में हिट रही. तो ऐसे उनका फिल्मी करियर चलता चला गया.

एक्टिंग के साथ-साथ गाना भी गाया करते थे अशोक कुमार

आपको बताते चलें कि अपने शुरुआती करियर में ”अशोक कुमार” (Ashok Kumar) ने अपनी फिल्मों में अभिनय करने के साथ-साथ गाने भी खुद गाए थे. वहीं फिल्मों में उनके शानदार अभिनय के लिए साल 1988 में ‘दादा साहेब फाल्के’ पुरस्कार, 1999 में ‘पदम भूषण’ सम्मान और 1969 में फिल्म ‘आशीर्वाद’ के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ अभिनेता’ के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. इसी के साथ वह दो बार ‘फिल्म फेयर’ की ओर से ‘सर्वश्रेष्ठ अभिनेता’ भी चुने जा चुके हैं. इसके अलावा वर्ष 2013 में सरकार ने उन पर एक डाक टिकट भी जारी किया था. वहीं साल 2001 में 10 दिसंबर को 90 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.

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