जब भी दवा की दुकान से या डाक्टर के पास से दवा मिलती है, दवा के पैकेट पर साड़ी डिटेल दिखी होती हैं. जैसे शीशी या इंजैक्शन पर दवा के नाम और उसमें क्या और कितना मिला है, दवा कब बनी है और कब तक इसका प्रयोग किया जा सकता है, दवा की कीमत क्या है ? दवा किस बैच नम्बर की दवाओं के साथ बनी है यह लिखा होता है. वैसे तो यह जानकारी बहुत छोटी सी लिखी होती है पर यह बड़े काम की होती है. इसमें सबसे जरूरी जानकारी होती है कि दवा की एक्सपायरी यानि दवा का प्रयोग कब तक किया जा सकता है. दवा खाने से पहले यह देख लेना सबसे जरूरी होता है.

लखनऊ के मशहूर सर्जन डाक्टर जीसी मक्कड कहते हैं, ‘एक्सपायरी डेट देखने के साथ ही साथ यह भी देखे कि दवा को किस तरह से रखना है. खासकर इंजैक्शन को सही तरह और तापमान में नहीं रखा जाएगा तो वह खराब हो सकता है. वह मरीज को लाभ की जगह पर नुकसान पहुंचा सकता है.’

दवा लेने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक कीजिए. कई बार हम दवा को खाने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट नहीं देखते. हम वह दवा भी खा लेते हैं जिसकी एक्सपायरी डेट निकल चुकी होती है. कुछ मसलों में यह खतरनाक साबित हो जाता है. कुछ मामलों में हो सकता है कोई नुकसान न हो. कुछ में कम और कुछ दवाओं के मसले में ज्यादा. किस दवा के खाने से कितना नुकसान होगा या नहीं होगा इसका आकलन डाक्टर को होता है. ऐसे में बिना डाक्टर की जानकारी से कोई दवा का प्रयोग न करें.

दवा पर निर्माता कंपनी द्वारा एक्सपायरी डेट दी गई होती है. इसका मतलब यह है कि इस डेट के खत्म होने के बाद निर्माता कंपनी की कोई भी जिम्मेदारी दवा के प्रति नहीं है. यानी कि दवा के प्रभाव की गारंटी अब कंपनी द्वारा नहीं दी जा रही है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि दवा की एक्सपायरी डेट खत्म होने के बाद जहर बन गई है. यह अब पहले जैसी प्रभावी नहीं होगी. कई दवाओं के मामलों में एक्सपायरी डेट के बाद प्रयोग करने के बाद दवा का कुप्रभाव भी पड़ सकता है.

क्या करें जब खा लें एक्सपायरी दवाएं

इसी वजह से डाक्टर यह सलाह देता है कि एक्सपायरी डेट की दवाएं नहीं खानी चाहिए क्योंकि इसके कई तरह के नुकसान होने की संभावना होती है. अगर आपने गलती से एक्सपायरी डेट की दवा खा ली है तो तुरंत डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए. दवा निर्माता कंपनी द्वारा एक्सपायरी डेट के बाद भी कुछ महीने का मार्जिन रखते हैं जिससे कोई अगर गलती से दवा खा ली तो कम से कम नुकसान हो.

दवा निर्माता किसी भी दवा की बोतल खुलने के बाद उसके प्रभाव की गारंटी नहीं लेते. इसकी वजह यह है कि गर्मी, सूर्य की रोशनी, सीलन और अन्य कई वजहों से भी दवाओं की ताकत कम हो जाती है. इसी वजह से दवा के रैपर पर यह लिखा होता है कि उसका रखरखाव कैसे करें? दवाइयां खरीदते समय कई तरह की खास बातों को ध्यान में रखना पड़ता है. सबसे पहले दवा को खरीदते समय उसकी एक्सपायरी डेट जरूर देख लें.

घर में रखी दवायें भी हो जाती है एक्सपायर

कई बार घर में रखी दवाइयां भी एक्सपायर हो जाती हैं. ऐसे में यह जरूरी होता है कि दवा को खाने से पहले यह देख लें कि दवा एक्सपायर तो नहीं हुई है. एक्सपायर हो चुकी दवाओं का प्रयोग क्यो नहीं करना चाहिए,इसकी वजह यह होती है कि दवा कंपनी से निकलने के बाद से किस तरह से स्टोर की गई थी, उसमें किस तरह के कैमिकल चेंज हुए होंगे. यह पता नहीं चलता है. एक्सपायर दवाओं के सेवन को लेकर बहुत ज्यादा रिसर्च या टेस्टिंग नहीं हुई है.

ठोस दवाएं जैसे टैबलेट और कैप्सूल एक्सपायरी डेट के बाद भी प्रभावशाली होती हैं. जबकि द्रव्य के रूप में होने वाली दवाएं, सीरप, आंख-कान के लिए इस्तेमाल होने वाले ड्राप, इंजैक्शन और फ्रिज में रखने वाली दवाएं एक्सपायरी डेट के बाद अपनी शक्ति खो सकती हैं. इसके बावजूद मैडिकल एक्सपर्ट्स और डाक्टर एक्सपायर हो चुकी दवाओं को इस्तेमाल नहीं करने की सलाह देते हैं क्योंकि ये कई तरह से हमारे लिए खतरनाक हो सकते हैं. वैसे दवा बनाने वाले एक्सपायरी होने के बीच कुछ माह का समय रखते हैं.

जाने कैसे होती है एक्सपायरी की गणना

उदाहरण के लिए कोई दवा जो 2 साल में एक्सपायर होनी है. इस दवा का निर्माण जनवरी 2021 में हुआ है और ये जनवरी 2023 में एक्सपायर होगी. लेकिन कंपनी उस दवा पर करीब 6 महीने का मार्जिन पीरियड रखते हुए उसकी एक्सपायरी डेट जनवरी 2023 के बजाए जून 2022 ही रखेगी. ऐसा इसलिए किया जाता है कि यदि कोई व्यक्ति जानेअनजाने में एक्सपायरी डेट के कुछ दिनों बाद गलती से उस दवा को खा भी लेता है तो इससे कोई ज्यादा नुकसान नहीं होगा.

कई मामलों में एक्सपायर दवाएं खाने के बाद लोगों के सिरदर्द, पेट दर्द और उल्टी जैसी शिकायतें हो जाती हैं. ऐसे में यह जरूरी होता है कि यदि आप गलती से कोई एक्सपायर दवा खा भी लेते हैं तो आपको तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए. उसकी राय से काम करना चाहिए. दवाओं की एक्सपायरी डेट की जानकारी रखना बड़े काम का होता है. इसे छोटा समझ कर दरकिनार करने का न करें.

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