प्रो कबड्डी लीग सीजन पांच 28 जुलाई से शुरु होन जा रहा है. इस लीग के दौरान कबड्डी के धुरंधर अपनी ताकत दूसरी टीम के खिलाड़ियों पर दिखाते हुए नजर आएंगे. पिछले सीजन की बात करें तो कई ऐसे खिलाड़ी देखने को मिले थे जिन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम के खिलाड़ियों को अकेले ही संभाल लिया था.
आज हम आपको ऐसे खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जो कि अपने टेकनीक और काबिलियत के जरिए कबड्डी के मैदान पर काफी लंबे समय तक टिके रह सकते हैं.
धर्मराज चिरलाथन
42 वर्षीय धर्मराज चिरलाथन लीग के सबसे पुराने खिलाड़ी हैं. उनके टीमवाले उनको अन्ना कहकर बुलाते हैं. चिरलाथन बहुत ही शांत स्वभाव के हैं जो कि उनके खेल में भी दिखाई देता है. वह जिस तरह अपनी टीम के खिलाड़ियों से बात करते हैं उससे साफ दिखाई देता है कि वह अपने खेल के प्रति कितने समर्पित हैं. अगर आपने इन्हें कभी खेलते हुए देखा होगा तो आपको पता होगा कि चिरलाथन बेहतरीन डाइव कर कितनी आसानी से रेडर पर अपनी पकड़ बनाते हैं. चिरलाथन को इस सीजन में भी पुनेरी पलटन टीम के हिस्सा हैं.
फजल अतराछली
फजल अतराछली ईरान के कबड्डी प्लेयर हैं और इन्हें इस बार गुजरात की टीम ने खरीदा है. इससे पहले फजल पटना पाइरेट्स में थें. फजल एक बहुत ही बढ़िया डिफेंडर हैं. अगर एक बार सामने वाली टीम का रेडर एक कब्जे में आ जाता है तो उसका बचकर निकला काफी मुश्किल होता है. फजल हमेशा मेट पर लेफ्ट कॉर्नर संभालते हैं. जब कोई रेडर रेड करने के लिए आता है तो उन्हें रेडर पर अपनी पकड़ जमाने में कुछ ही सेकेंड लगते हैं. फजल अकेले ही रेडर को संभाल सकते हैं क्योंकि उनकी पकड़ काफी मजबूत है. इस बार गुजरात टीम में रहकर फजल अपना कैसा प्रदर्शन करके दिखाते हैं यह देखना बहुत ही दिलचस्प होगा.
राहुल चौधरी
तेलुगु टाइटन के कप्तान और सीजन चार के हाई रेड रिकॉर्ड रहे राहुल चौधरी को तो आप सभी जानते ही होंगे. राहुल बिजनौर के रहने वाले हैं और पिछले सीजन में इन्होंने 482 रेड प्वाइंट का रिकॉर्ड बनाया था. राहुल अबतक के सबसे कामयाब रेडर रहे हैं. राहुल ऐसे खिलाड़ी हैं जो कि अकेले एक पूरी टीम के बराबर हैं.
राहुल 2015 से तेलुगु टाइटन का हिस्सा हैं और इस बार भी इसी टीम का हिस्सा बने रहेंगे. राहुल राष्ट्रीय कबड्डी के सदस्य हैं और 2016 में हुए कबड्डी वर्ल्ड कप में उन्होंने भारत को जीत दिलवाई थी.
जीवा कुमार
36 वर्षीय जीवा को डिफेंड करते हुए देखना एक बेहतरीन अनुभव है. जीवा जिस तरह पिछले सीजन में अपना प्रदर्शन दिखाया उसे देखकर लगता है कि इस सीजन में भी वे अपना बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे. जीवा का कहना है कि वे जब भी घर पर रहते हैं तो हमेशा ऑर्गेनिक फूड लेना ही पसंद करते हैं. इस प्रकार का खाना खाने से उन्हें अंदरुनी शक्ति मिलती है जो कि उनके खेल पर भी दिखाई देती है. जीवा बहुत ही अच्छी डाइव मारकर रेडर को पकड़ लेते हैं. उनकी पकड़ इतनी मजबूत होती है कि रेडर उनके चंगुल से निकल पाने में कामयाब नहीं हो पाता है. इस सीजन में जीवा उत्तर प्रदेश की टीम का हिस्सा होंगे.
विशाल माणे
यूमुंबा में सभी को अपने खेल का कायल कर चुके विशाल माणे अब पटना पाइरेट्स के लिए खेलते हुए दिखाई देंगे. फैजल अतराछली की जगह पर पटना की टीम ने विशाल माणे को अपनी टीम में लेने का बहुत ही अच्छा निर्णय लिया है क्योंकि विशाल यूमुंबा के बेहतरीन डिफेंडर में से एक थे. माणे मैदान में आगे आकर रेडर को टेकल करने की सक्षमता रखते हैं. वे रेडर को पकड़ने से पहले यह नहीं सोचते कि अगर रेडर द्वारा वे आउट हो गए तो क्या होगा. वे बस एकदम सामने से आकर रेडर को दबोच लेते हैं.