हमेशा हमें बचत करने के नये नये रास्ते दिखाये जाते हैं और हर कोई अपनी आय से बचत करने के बारे में सोचता भी है, ताकि उसके वित्तीय लक्ष्य पूरे हो सकें. आम तौर पर बचत और निवेश को एक ही समझा जाता है लेकिन इनमें बहुत अंतर होता है.

क्या है बचत का मतलब

बचत का मतलब है उन वित्तीय साधनों में पैसे डालना जिनमें कम रिस्क है और रिटर्न गारंटिड है और एक आदमी जो पैसा बचा रहा है वह अल्प अवधि में अपना पैसा जो बचत के लिए डाल रहा था उसे निकाल सके. बचत करते वक्त एक आदमी अपनी पूंजी की सुरक्षा पर रिटर्न से ज्यादा ध्यान देता है.

निवेश के बारे में कितना जानते हैं आप?

निवेश का मतलब है उन वित्तीय साधनों में पैसे डालना जिनमें रिस्क अधिक है और रिटर्न गारंटिड नहीं है! आप अपने पैसे को लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं जिससे आप अपने वित्तीय लक्ष्य प्राप्त कर सकें! निवेश का मूल मंतरा है लंबी अवधि में धन सृजन.

तो रखें इन बातों का ध्यान..

अपने वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करें : एक निवेश योजना बनाओ जिसमें आपके वित्तीय लक्ष्यों की सूची हो और आपके पास कितना समय है उन तक पहुंचने के लिए है.

अपने खर्च सुनिश्चित करें : निवेश से पहले अपने खर्च की 3 से 6 माह की पर्याप्त राशि को सुनिश्चित कर अपने बचत खाते में बचा कर रखें ताकि आप आराम से अपनी छोटी अवधि की जरूरत को पूरा कर सकें और अपने भुगतान कर सकें.

निवेश पर जोखिम पर विचार करें : आप अपने निवेश पर कितना जोखिम उठा सकते हैं, उसे निर्धारित करें.

पोर्टफोलियो विविधीकरण : अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निवेश विविधीकरण पर ध्यान दें.

अपनी निवेश की राशि तय करें: आप कितने पैसे अपनी आय में से निवेश कर सकते हैं और कितनी देर के लिए ताकि आपका वित्तीय लक्ष्य प्राप्त हो सके.

वित्तीय लक्ष्य प्राप्त करने में म्यूचुअल फंड्स कैसे मददगार हैं?

दीर्घकालिक पूंजी : दीर्घकालिक पूंजी निर्माण के लिए, इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर अपने निवेश को 5 से 10 वर्ष का समय दें. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स लंबी अवधि में उन निवेशकों के लिए बहुत बेहतर विकल्प है, जो अपने पैसे पर थोड़ा रिस्क उठा सकते हैं और जो अपने निवेश को समय दे सकते हैं.

लघु अवधि : के वित्तीय लक्ष्यों के लिए निवेश डेट फंड्स में 1 से 3 वर्ष तक निवेश करें जिसे उसे अपने निवेश पर बैंक बचत खाते और बैंक एफ.डी. से बेहतर रिटर्न कम रिस्क ले कर मिलेगी.

टैक्स सेविंग्स : टैक्स सेविंग्स के लिए म्यूचुअल फंड्स की ई.एल.एस.एस. स्कीम में पैसे निवेश करें. इससे एक तो आपको टैक्स में छूट मिलेगी दूसरा आपका निवेश बाकी सब सेविंग विकल्पों से बेहतर रिटर्न देगा और अहम बात इन स्कीमों में सबसे छोटा लॉक इन पीरियड है.

आपातकाल : आपातकालीन इस्तेमाल  के लिए पैसा म्यूचुअल फंड्स के लिक्विड फंड्स में निवेश करें जिससे आपको आपके बचत खाते से बेहतर रिटर्न मिलेगी और आप आपका पैसा तुरंत निकाल भी सकते हैं.

मिड रिस्क्स : मध्यम रिस्क से रिटर्न के लिए म्यूचुअल फंड्स की बैलेंस फंड्स में पैसे निवेश करें. ये फंड्स इक्विटी और डेट फंड्स का एक मिश्रण रहते हैं जो आपको मध्यम रिस्क में बेहतर रिटर्न देते हैं.

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