पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान दे अपने ही मंत्री डॉ विजय सिंगला को सिर्फ 1% रिश्वतखोरी मामले में बर्खास्त कर दिया और अब डॉक्टर विजय सिंगला जेल में है. यह मामला संभवतः पंजाब प्रदेश का पहला ऐसा मामला है जिसमें सीधे एक मंत्री की बर्खास्तगी हो गई है और देश भर में चर्चा का विषय बन गया है. लोगों को यह विश्वास नहीं हो रहा है कि कोई मुख्यमंत्री अपने ही केबिनेट मंत्री को भ्रष्टाचार रिश्वत मांगने के जुर्म में बर्खास्त कर देगा वह भी सिर्फ एक ऑडियो क्लिप के आधार पर.

जी हां! मगर ऐसा पंजाब में हो गया है जहां अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी की सरकार है और जिसकी प्रमुख स्वयं अरविंद केजरीवाल हैं उन्होंने भी सन 2015 में ऐसे ही एक मामले में बर्खास्तगी की थी और चर्चा का विषय बन गए थे.

दरअसल,स्वास्थ्य मंत्री डॉ विजय सिंगला के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वीडियो जारी कर देश को  दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी सरकार घूसखोरी बर्दाश्त नहीं करेगी. चाहे वह कोई भी हो, कितना भी रसूखदार क्यों न हो, उसे ऐसी अनियमितताओं की इजाजत नहीं दी जा सकती. मुख्यमंत्री मान ने स्पष्ट किया कि उन्होंने डॉ. सिंगला को अपनी कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया है और पुलिस ने केस दर्ज उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.

उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ उनके ही ध्यान में था और वह इसे आसानी से दबा या टाल सकते थे उन्होंने पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त करने का प्रण लिया है और इस दिशा में यह ऐतिहासिक कदम है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने उन्हें पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के लिए चुना है और हमारा फर्ज बनता है कि हर एक पंजाबी भाई की इच्छाओं पर खरा उतरें.

कथनी और करनी में  अंतर

वस्तुतः सच यह है कि हमारे देश में नेता खादी पहनकर और महात्मा गांधी की ओर देखते हुए सच्चाई ईमानदारी और देश प्रेम की कसमें खाते हैं. मगर भ्रष्टाचार के मामले में नित्य नये रिकॉर्ड बना रहे हैं.

भ्रष्टाचार की इंतिहा हो चुकी है और मंत्री अधिकारी 20 से 30% तक रिश्वतखोरी कर रहे हैं जो कि देश भर में चर्चा का विषय है मगर सैंया भए कोतवाल की तर्ज पर देशभर में भ्रष्टाचार जारी है. इसे रोकने के लिए कोई प्रयास करता हुआ दिखाई नहीं देता, ऐसे में पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा अपने ही मंत्री पर बर्खास्तगी की तलवार चलाने का यह मामला यह बताता है कि आज देश में ईमानदारी सच्चाई कीआज और भी  ज्यादा दरकार है.

चुनाव और संपूर्ण व्यवस्था भ्रष्टतम हो चुके हैं मंत्री और मुख्यमंत्री करोड़ों अरबों रुपए की काली कमाई कर रहे हैं और उसे चुनाव जीतने और अपनी निजी संपत्ति बनाने में लगे रहते हैं ऐसे में देश का भविष्य क्या होगा यह भविष्य के गर्भ में है .

ऐसे हुआ मंत्री का स्टिंग ऑपरेशन

पंजाब में बर्खास्त किए गए स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला का ‘स्टिंग आपरेशन’ एक अधीक्षण अभियंता राजिंदर सिंह ने किया जो ‘पंजाब हैल्थ सिस्टम कार्पोरेशन’ में नियुक्ति  हैं. भगवंत मान के भ्रष्टाचार विरोधी संदेश के बाद उन्होंने साहस करके पुलिस में  शिकायत दी , एक महीना पहले वह अपने कार्यालय में थे जब सिंगला के विशेष कार्य अधिकारी प्रदीप कुमार ने उन्हें पंजाब भवन  में बुलाया . वहां मंत्री डा. सिंगला ने सिंह से कहा – कि जो भी ओएसडी कह रहे हैं, उसे ध्यान से सुनो और समझो कि यह सब मंत्री कह रहे हैं. उसके बाद अधीक्षण अभियंता को बताया गया कि उन्होंने कई करोड़ के निर्माण ठेके आबंटित किए हैं. फिर उनसे  साफ साफ कमीशन की मांग की गई.

मंत्री सिंगला पर दर्ज प्राथमिकी रपट के मुताबिक, ‘मैंने उन्हें कहा कि मैं ऐसा कर पाने में असमर्थ हूं, वह मुझे मेरे गृह विभाग में वापिस भेज सकते हैं. उसके बाद 8, 10, 12, 13 और 23 मई को लगातार वे मेरे वाट्सऐप नंबर पर फोन करते रहे. वे रकम मांगते रहे और रकम नहीं देने की सूरत में मेरा करियर बर्बाद कर देने की धमकी देते रहे. मैंने उनसे निवेदन किया मैं 30 नवंबर को रिटायर होने वाला हूं.उसके बाद 20 मई को उन्होंने मुझे कहा कि मैं उन्हें एकमुश्त 10 लाख रुपए दे दूं और उसके बाद मुझे उन लोगों को सभी कामों के बदले एक फीसद कमीशन देना होगा. मैने उन्हें बताया कि मेरे बैंक खाते में केवल 2.5 लाख रुपए पड़े हैं और 3 लाख रुपए और हैं. इस तरह मैं उन्हें 5 लाख रुपए देकर उनसे पिंड छुड़ा लेना चाहता था.फिर 23 मई को मेरे पास प्रदीप कुमार का फोन आया जिसमें उन्होंने मुझे सिविल सचिवालय आने को कहा। मैं वहां गया और उन्हें 5 लाख रुपए की पेशकश की और पूछा कि मैं यह रकम उन्हें कहां दू.’ और सिंह ने मुख्यमंत्री  के भ्रष्टाचार विरोधी संदेश को याद कर कुछ कार्रवाई की अपेक्षा में यह बातचीत रिकार्ड कर ली थी.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अगर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने यह कदम साफ स्वच्छ मन से राजनीति को स्वच्छ बनाने के लिए उठाया है तो सराहनीय है इसके साथ ही उन्होंने भाजपा और कांग्रेस को एक तरह से चुनौती दे दी है जो भ्रष्टाचार के मामले में आमतौर पर मौन रहते हैं.

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