फिरौती के मकसद से ब्रिटेन समेत 90 से ज्यादा देशों के अस्पतालों और कंपनियों पर किए गए साइबर हमले से हड़कंप मच गया है. बड़े पैमाने पर तेजी से बढ़ रहे साइबर अटैक से सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि अब कंप्यूटर से लेकर मोबाइल फोन और एटीएम कार्ड से लेकर बैंक अकाउंट तक साइबर क्रिमिनल्स की पहुंच में हैं. आईए, कुछ ऐसे कॉमन साइबर क्राइम के बारे में जानते हैं जिनसे आपको सतर्क रहने की जरूरत है.

बैंक अकाउंट फ्रॉड

साइबर क्राइम से जुड़े ज्यादातर केस फाइनैंशल फ्रॉड से आते है जिसमें बैंक अकाउंट फ्रॉड के मामले सबसे ज्यादा है. हैकर्स आपकी बैंक अकाउंट डीटेल्स पाने के लिए कई ट्रिक अपनाते हैं. इसके लिए आपको मेल पर कोई लिंक या अटैचमेंट भेजा जाता हैं, जिसपर क्लिक करने पर या तो आप बैंक की फेक साइट पर पहुंच जाते हैं या फिर आपके सिस्टम में खतरनाक मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता हैं. कोशिश करें कि कभी भी किसी भी वेबसाइट, सर्वर, मोबाइल या डेस्कटॉप पर अपने अकाउंट की डिटेल्स सेव न करें.

कंम्प्यूटर वाइरस

अनऑथराइज़्ड सॉफ्टवेयर आपके डिवाइस को डैमेज कर देते हैं. जैसे 'रैंसमवेयर' जो आपके डेटा और इमेज को एनक्रिप्ट कर देता है और इसके जरिए साइबर अटैकर डिजिटल करंसी में फिरौती मांगते हैं.

हैकिंग

आज के दौर में हैंकिग कोई रॉकेट साइंस नहीं, हैकर्स स्पैम मेल भेज कर आपके इमेल एड्रेस को टारगेट करते हैं. आपको बता दें कि जंक मेल फैलाने वाले देशों की लिस्ट में भारत सबसे आगे है. इसके लिए आपको अपने सभी अकाउंट के मजबूत पासवर्ड बनाना चाहिए जिसे आसानी से हैक न किया जा सके. साथ ही मेल पर आने वाले फ्रॉड लिंक से सतर्क रहें, क्योंकि इसपर क्लिक करते ही आपकी जानकारी लीक हो सकती है.

अडवांस फ्री फ्रॉड

कई बार आपको कुछ लुभावने मेल आते होंगे, जिसमें बहुत कम पैसे इन्वेस्ट करके आपको बड़ी पूंजी कमाने का लालच दिया जाता है. वास्तव में ये आपकी डीटेल हैक कर आपको झांसा देने का एक नया जरिया है. इस तरह के ईमेल से सतर्क रहें.

हैरसमेंट

इंटरनेट पर दूसरों का मजाक बनाना, धमकाना, शर्मिंदा करने वाले कॉमेंट करना जिससे यूजर तंग आ जाए, इसे साइबर बुलिंग कहते हैं, जिसे सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के रूप में जाना जाता है.

ब्लैकमेल

ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है. इसमें लोगों की निजी तस्वीरें या विडियो को ऑनलाइन पब्लिश करने की धमकी देकर उनसे मोटी रकम मांगी जाती है.

आपके लिए यह समझना बेहद जरूरी है कि इसका शिकार होने से बचने के लिए आपको क्या करना चाहिए और साथ ही इसका शिकार हो जाने की सूरत में आप क्या करें. ऐसे में आप ये कदम जल्द से जल्द उठाने चाहिए.

फाइल बैकअप

बिना देर किए अपनी सभी फाइलों का एक अलग सिस्टम में बैकअप ले लें. इसके लिए सबसे बेहतर एक एक्सटर्नल हार्ड ड्राइव रहेगी जो इंटरनेट से जुड़ी न हो. ऐसे में अगर आप साइबर अटैक का शिकार होते भी हैं, तब भी आपकी सारी इन्फॉर्मेशन आपके पास सुरक्षित रहेगी और हैकर्स फिरौती वसूलने के लिए उसका फायदा नहीं उटा पाएंगे.

संदिग्ध ईमेल्स, वेवसाइट्स और ऐप्स से सावधान

रैंसमवेयर के काम करने के लिए यह जरूरी होता है कि हैकर्स शिकार बनाए जाने वाले सिस्टम में उस खतरनाक सॉफ्टवेयर डाउननोड करें. इसी के जरिए बाद में अटैक किया जाता है. फर्जी ईमेल्स, वेबसाइट्स पर दिखने वाले संदिग्ध ऐड्स और अनवेरिफाइड ऐप्स का इस्तेमाल कर के ही इन सॉफ्टवेयर्स को सिस्टम में इंस्टॉल किया जाता है. ऐसे में हमेशा सावधान रहें और गैरजरूरी ईमेल्स और वेबसाइट्स को खोलने से बचें. ऐसे ऐप को कभी इंस्टॉल न करें जिन्हें ऑफिशल स्टोर द्वारा वेरिफाई न किया गया हो. साथ ही कोई भी प्रोग्राम इंस्टॉल करने के पहले उसका रिव्यू जरूर पढ़ें.

ऐंटीवाइरस का इस्तेमाल करें

किसी भी ऐंटीवाइरस का इस्तेमाल कर के अपने सिस्टम में रैंसमवेयर को डाउनलोड होने से रोका जा सकता है. ज्यादातर ऐंटीवाइरस प्रोग्राम्स ऐसे फाइलों को स्कैन कर लेते हैं जिनमें रैंसमवेयर होने की आशंका रहती है. इसके अलावा सीक्रिट इंस्टॉलेशन्स को भी ऐंटीवाइरस रोक पाने में सक्षम होते हैं.

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