हिंदी फिल्मों में चुलबुला अभिनय करने वाली अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा स्वभाव से भी विंदास है. ‘लेडी वर्सेज रिकी बहल’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाली परिणीति को पहली फिल्म में ही काफी सफलता मिली. इसके बाद उन्होंने ‘इशकजादे’, ’शुद्ध देसी रोमांस’, ‘हंसी तो फंसी’ आदि फिल्मों में काम किया. फिल्मों से अधिक परिणीति ने विज्ञापनों में काम किया. कुछ समय तक वे फिल्मों से दूर रहीं और अपना वजन घटाने में व्यस्त रहीं. जल्द ही उनकी फिल्म ‘मेरी प्यारी बिंदु’ रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म के संबंध में उनसे मिलना रोचक था. पेश है परिणीति से हुई बातचीत के कुछ अंश…

प्र. ये फिल्म आपकी दूसरी फिल्मों से कितनी अलग है?

ये फिल्म मेरे लिए एक बहुत अलग फिल्म है. मैंने जब इसकी स्क्रिप्ट पढ़ी तो मुझे लगा कि इस तरह की फिल्में अभी तक दर्शकों ने देखी नहीं है. इस फिल्म में जैसे जीवन के हर एक भाग से एक गाना जुड़ा हुआ है, जो एक कहानी कहता है. ऐसी फिल्म बॉलीवुड में अब तक नहीं कभी बनी है. इस फिल्म की लव स्टोरी एक ऐसी कहानी है, जैसी जर्नी हमने फिल्मों में कभी देखी नहीं है, इसलिए मुझे ये फिल्म करना रोचक लगा.

प्र. किसी फिल्म को चुनते वक्त किस बात का ध्यान रखती हैं?

किसी भी फिल्म में, उसकी स्क्रिप्ट और भूमिका मुख्य होती है. इसके अलावा फिल्म का निर्देशक कौन है, ये बात भी मैं अवश्य देखती हूं. किसी फिल्म को ना करना मुश्किल होता है, क्योंकि हर निर्देशक के लिए उसकी फिल्म उसके दिल का टुकड़ा होता है, पर जिस फिल्म की कहानी मैं पसंद नहीं करती या जिसे करने में मुझे दिल से खुशी नहीं होती, उस फिल्म को करने के लिए प्रेशर में हां कहकर मैं उस फिल्म के साथ न्याय नहीं कर पाउंगी.

प्र. आप हमेशा विंदास गर्ल की भूमिका निभाती है, क्या आपको लगता है कि आज की जेनरेशन भी ऐसी ही है?

नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है. हां बिंदु एक विंदास लड़की है, जो अपना हर काम आधा करके छोड़ देती है. उसकी कोई प्लानिंग नहीं है. मेरे हिसाब से आज की जेनरेशन ऐसी नहीं है. वे लोग अपने उद्देश्य पर पूरी तरह से फोकस्ड हैं. वे जानते कि उन्हें करना क्या है और उसी को पाने के लिए वे मेहनत भी करते हैं. इस फिल्म में मेरा चरित्र भी वैसा ही है कि मैं अपने ‘गोल’ को पाना चाहती हूं, पर कभी-कभी केयरलेस हो जाती हूं. पर रियल लाइफ में, मैं ऐसी बिल्कुल नहीं हूं.

प्र. इस फिल्म में आपने आशा भोसले के गाने गाये है. ये आपके लिए कितना मुश्किल था?

मैंने उस तरह से नहीं सोचा कि ये आशा जी का गाना है. बस मुझे उनका ये गीत पसंद है. मुझे गाना आता है और मुझे मौका मिला तो मैंने गा लिया, हां लेकिन इतना मैं चाहती थी कि मेरा गीत भी सब उतना ही पसंद करें, जितना आशा जी के गीतों को पसंद करते हैं. ये गीत गाते वक्त किसी प्रकार का प्रेशर नहीं था, क्योंकि उनके गीत तो हमेशा उनके ही रहेंगे.

प्रफिल्म का कौन सा पार्ट मुश्किल था?

कोलकाता की गर्मी में, फिल्म के लिए शूटिंग करना बहुत मुश्किल था.

प्र. आप किसी कंट्रोवर्सी को कैसे लेती है? क्या कभी ऐसा हुआ कि आपने बोला कुछ और लिखा कुछ और गया हो, और ऐसा होने पर आप क्या करती हैं?

पहले तो देखना पड़ता है कि किस बात को लेकर आलोचना की जा रही है. अगर मैंने कुछ गलत किया है, जो मुझे करना नहीं चाहिए था, तो ऐसे में मुझे पता होता है कि मुझे सुनना पड़ेगा और मैं उसके लिए तैयार रहती हूं. मैं ऐसी परिस्थितियों से निकलना जानती हूं. कई बार जो कहती हूं, उसे मीडिया तोड़ मरोड़ कर लिखती है. तब मुझे बहुत बुरा लगता है और मैं कुछ भी बोलने से डरती हूं, क्योंकि मीडिया कई बार ऐसे प्रश्न पूछती है जिसका ज्ञान मुझे नहीं होता.  मुझे जो पसंद है, जिसके बारे में मैं जानती हूं, उसे अगर आप पूछते हैं, तो मैं बता सकती हूं, पर बिना जाने अगर मैंने मुंह खोला, तो उसे गलत बना दिया जाता है. इस बात का का बहुत दुःख होता है. मैं एक पढ़ी-लिखी लड़की हूं और जितना समय मिलता है, मैं हमेशा अपना ज्ञान बढ़ाने की कोशिश करती हूं.

प्र. फिल्मों में आने के बाद आपने अपने आप को पूरी तरह से बदला है, ये किसी दबाव में किया है या फिर आप खुद ही फिट रहना पसंद करती हैं?

ये बात सही है कि इंडस्ट्री में आने के बाद, मुझे फिटनेस पर ध्यान देना पड़ा. इसके अलावा मेरा शरीर भी वजन की वजह से बहुत सफर कर रहा था. पिछले 12 सालों से मेरा वजन कम करने का प्रयास चल रहा था. और जो आप देख रहे हैं, मेरी ये काया 12 साल की मेहनत का ही फल है. ये मेरे लिए बहुत बड़ा संघर्ष था. इंडस्ट्री का प्रेशर यही था की मुझे पर्दे पर और अधिक सुंदर लगना है.

हर महिला को अपने वजन का ध्यान रखना चाहिए. वजन घटने से बहुत अधिक फायदा मुझे मिला है. मैं काफी देर तक काम करने के बाद भी थकती नहीं हूं. पहले, मैं 4 घंटे की शिफ्ट में ही थक जाती थी पर अब ऐसा नहीं होता. अब तो मैं अपने पुराने सारे कपड़े भी पहन सकती हूं.

प्र. क्या रोमांटिक फिल्म के अलावा कुछ और फिल्में करने की इच्छा रखती हैं?

क्यों नहीं, मैंने केवल 6 फिल्में ही की हैं. मुझे और भी फिल्में करनी है. मुझे अभी बहुत कुछ सीखना बाकी है. लव स्टोरीज मेरी ‘फेवोरिट’ हैं, लेकिन इसके अलावा मैं कॉमेडी, एक्शन, ड्रामा, वेस्टर्न फिल्म और किसी भी भाषा में फिल्में करना पसंद करूंगी.

प्र. फिल्मों में आने के बाद लाइफ कितनी बदली है?

मैं बहुत बदली हूं. मुझे अपना काम पसंद है. मैं मेहनत भी कर सकती हूं, लेकिन मैं पूरे साल काम नहीं कर सकती. मुझे काम के साथ-साथ परिवार और दोस्तों के साथ रहना पसंद है. उसे मैं ‘मिस’ नहीं कर सकती इसलिए बीच-बीच में ब्रेक लेकर उसे पूरा करती हूं. मुझे काम और परिवार के बीच सामंजस्य बैठाना आता है. मैं ‘स्कूबा डाइविंग’ के लिए जाती हूं, छुट्टियाँ अपने परिवार के साथ मनाती हूं. काम के साथ-साथ मैं अपने शौक भी पूरे करती हूं, लेकिन बहुत ख्याल भी रखना पड़ता है कि मैं कुछ ऐसा पहन न लूं, जिसे फोटोग्राफर को पिक्चर खीचने का मौका मिल जाए. हां ये सब थोड़ा खराब लगता है, जो पहले नहीं था.

प्र. अधिकतर यूथ इंडस्ट्री की चकाचौंध को देखकर मुंबई एक्टिंग के लिए आ जाते है. उनके लिए क्या मेसेज देना चाहती है?

मैं अपने लाइफ से उन्हें बताना चाहती हूं कि जितना ग्लैमर फिल्मों दिखाया जाता है, उतना होता नहीं है. न तो सबकुछ आसान है और न ही मुमकिन. असल जिंदगी में अभिनय करने के लिए बहुत मेहनत लगती है. मैं अगर तीन दिन तक सोई भी नहीं हूं, तब भी मेरा चेहरा सुंदर दिखना चाहिए. लॉन्ग शिफ्ट, लॉन्ग ट्रेवलिंग आदि सब कुछ करना पड़ता है. यूथ को इसके लिए तैयार रहना चाहिए, ताकि वे किसी भी चुनौती को स्वीकार कर सकें.

प्र. क्या आपका कोई ड्रीम प्रोजेक्ट है?

मैं अपनी बहन प्रियंका चोपड़ा के साथ एक फिल्म करना चाहती हूं.

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