क्रिकेट मैच तो हम सभी देखते हैं. मैच देखते हुए हम अकसर ही बोलते हैं कि अभी पावरप्ले चल रहा अब तो मैच देखने का अलग ही आनंद आएगा. पावरप्ले तो हम आसानी से बोल देते हैं लेकिन क्या आप पावरप्ले के बारे में जानते हैं. जैसे की क्या होता है यह पावरप्ले, क्या नियम हैं इसके आदि. अगर नहीं, तो जानें पावरप्ले के बारे में सम्पूर्ण जानकारी.

सीमित ओवरों की क्रिकेट में पावरप्ले के लिए कुछ ओवर निर्धारित किए जाते हैं. इस दौरान क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम को 30 गज के घेरे के बाहर एक निश्चित संख्या में क्षेत्ररक्षक रखने की इजाजत होती है. मौजूदा नियमों के मुताबिक एक पारी में पावरप्ले के 15 ओवर होते हैं. इन पावरप्ले को दो ब्लॉकों में बांटा गया है जिनके नाम अनिवार्य पावरप्ले, और गेंदबाजी पावरप्ले हैं. पावरप्ले के नियम समय समय पर परिवर्तित होते रहे हैं. खासकर साल 2000 के बाद से इन नियमों में कई बार तब्दीली की जी चुकी है.

कैसे हुई पावरप्ले की शुरुआत

पावरप्ले को आधुनिक क्रिकेट की आत्मा कहा जाता है. पावरप्ले के कारण ही मैदान में जबरदस्त हिटिंग देखने को मिलती है. 1970 में पहली बार क्रिकेट का हिस्सा बने पावरप्ले को एक प्रयोग के रूप में क्रिकेट में शामिल किया गया था. इसका इस्तेमाल सबसे पहले वर्ल्ड सीरीज क्रिकेट में किया गया.

हालांकि पावरप्ले को पहले पांच विश्व कप में स्थान नहीं दिया गया और पहली बार इसे 1996 के विश्व कप में लागू किया गया. इसके बाद से पावरप्ले सीमित ओवर की क्रिकेट का मुख्य अंग बन गया. पावरप्ले ने आगे के सालों में कई आतिशी सलामी बल्लाबाजों को जन्म दिया जो आते ही विरोधी गेंदबाजों की बखिया उधेड़ने लगे.

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