रसायनों से युक्त हेयर केयर उत्पादों का प्रयोग बालों के लिए नुकसानदायक होता है. ऐसी स्थिति में उन हेयर केयर उत्पादों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, जिन में रसायनों का प्रयोग किया जाता है. ऐसे में बालों के प्राकृतिक उपचार के लिए अरोमाथेरैपी सब से बेहतर विकल्प है. बालों से जुड़ी सब से प्रमुख समस्या डैंड्रफ यानी रूसी की है. अत: सब से पहले यह जानना जरूरी है कि रूसी होती क्या है? कंधों पर जो व्हाइट स्कैल्प दिखते हैं वे दरअसल शैंपू से सही तरीके से बालों को न धोने पर होते हैं. इस का मतलब है कि असलियत में रूसी बैक्टीरियल इन्फैक्शन या जीवाणु संक्रमण का एक प्रकार है. इस के बढ़ने में थोड़ा समय लगता है और यह गरमी के मौसम में भी मौजूद रहती है. इस संक्रमण के उपचार में कम से कम 6 महीनों से 1 साल तक का वक्त लगता है. बाल धोने के लिए गरम पानी का प्रयोग करने से व्हाइट स्कैल्प की मात्रा बढ़ जाती है.

ऐसा माना जाता है कि शैंपू बालों के लिए अच्छा होता है जोकि सच नहीं है. शैंपू के बजाय साबुन ज्यादा अच्छा होता है, क्योंकि शैंपू की तुलना में यह बालों से जल्दी निकल जाता है. शैंपू विभिन्न रसायनों का संयोजन है. यदि आप शैंपू का इस्तेमाल करना चाहती हैं, तो ऐसे शैंपू का चुनाव करें, जो सल्फेट रहित डिटर्जैंट बेस हो और पैराबेन प्रिजर्वेटिव्स से भी मुक्त हो.

ध्यान दें

यदि आप शैंपू को अच्छी तरह नहीं धोती हैं, तो आप के बालों की चमक और खूबसूरती खत्म हो जाएगी. बालों को सही आकार में बनाए रखने के लिए तेल लगाना भी बहुत जरूरी है. इस के लिए नारियल तेल का इस्तेमाल करना अच्छा विकल्प है. लेकिन इस का प्रयोग गरमी के मौसम में ज्यादा अच्छा रहता है.

रूसी त्वचा के अंदर होती है, इसलिए बालों की देखभाल नियमित रूप से करें. अरोमाथेरैपी का प्रयोग करने से त्वचा के रोमछिद्रों पर प्रभाव पड़ता है. बालों की अच्छी सेहत के लिए इन टिप्स पर गौर फरमाना न भूलें:

– बालों पर तेल लगाना उन्हें मजबूती प्रदान करने और उन की क्वालिटी सुधारने का एक बेहतर तरीका है. लेकिन आप को सही तकनीक और सही समय की जानकारी होनी चाहिए. कई महिलाएं सुबह के समय बालों में तेल लगाना पसंद करती हैं. लेकिन यह सही नहीं है. सुबह के समय कभी भी तेल न लगाएं. यदि आप अपने बालों की क्वालिटी बेहतर बनाना चाहती हैं, बालों को लंबा करना चाहती हैं, उन्हें समय से पहले सफेद होने से रोकना और दोमुंहे बालों से छुटकारा पाना चाहती हैं, तो रात के समय बालों पर तेल लगाना उचित होता है. इस के लिए सुबह बालों को कुनकुने पानी से धो लें.

– तेल बालों की जड़ों में लगाना चाहिए, बालों पर नहीं.

– नारियल का तेल बालों से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान है. नारियल तेल का प्रयोग सिर पर तौलिया लपेट कर भाप के रूप में करना चाहिए. इस के लिए 15-20 मिनट का समय उपयुक्त होता है.

अरोमाथैरेपी का फौर्मूला

– 1 छोटा चम्मच बेस औयल में 2 बूंदें विटामिन ई औयल,1 बूंद टी ट्री औयल, 1 बूंद पचौली औयल और 1 बूंद तुलसी का तेल मिला लें. इस का प्रयोग आप के बालों की बनावट को बेहतर बनाने में मदद करेगा और साथ ही उन्हें मजबूत भी बनाएगा.

– आप चाहें तो बालों को भाप भी दे सकती हैं, लेकिन अगले दिन उन्हें धोना न भूलें.

– बालों की देखभाल में कंडीशनर की भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. यह तौलिए से होने वाली क्षति से बालों को बचाता है, इसलिए जरूरत हो तो कंडीशनर का प्रयोग करें.

– ऐसे कंडीशनर का प्रयोग करें, जो अच्छी तरह से बालों से धुल कर निकल जाए. साथ ही जिस में प्राकृतिक सामग्री का प्रयोग किया गया हो.

बालों की देखभाल के लिए टिप्स

– 1 चम्मच दही, 1 चम्मच आंवला, 1 चम्मच शिकाकाई, 1/2 चम्मच तुलसी, 1/2 चम्मच पुदीना और 1/2 चम्मच मेथी को अच्छी तरह मिला कर बालों में लगाएं.

– अंडे के सफेद भाग को शैंपू के साथ मिला कर बालों में लगा सकती हैं.

– सही अनुपात में भोजन करने से पर्याप्त विटामिन, खनिज और पोषक तत्त्व मिलते हैं, जिन से शरीर और दिमाग मजबूत व तंदुरुस्त होता है. सही खाने से विभिन्न प्रकार के रोगों से बचने और सेहत को होने वाले नुकसान से बचाव होता है. साथ ही बालों की बनावट को बनाए रखने में भी मदद मिलती है. बालोंके लिए संतुलित भोजन जरूरी है.

– अंडे प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं. इन में कई प्रकार के आवश्यक विटामिन व खनिज होते हैं. साथ ही थोड़ी मात्रा में कैलोरी भी होती है. स्वस्थ बालों के लिए अंडे का सफेद भाग खाएं. यह रूसी दूर करने और रुखे बालों से छुटकारा पाने में मदद करता है. इस में दोमुंहे बालों से लड़ने की भी क्षमता होती है.

– सप्ताह में 2 बार सलाद के साथ अंकुरित अनाज खाएं. सलाद में नमक और कैचअप नहीं होना चाहिए. सलाद लेने के डेढ़ घंटे बाद थोड़ी मात्रा में नीबू का रस और पुदीने की चटनी का सेवन करना काफी फायदेमंद होगा.                    

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