करदाताओं के लिए आयकर नोटिस एक बुरे सपने के समान होता है, खासकर उन लोगों के लिए जो आयकर की गणना में ब्याज की आय को शामिल करना भूल गए हों. हाल ही में आयकर विभाग ने 7 लाख पत्र उन लोगों को जारी किए हैं जिन्होंने बिना पैन दिए अधिक मूल्य के लेन-देन किए थे.

क्या आप जानते हैं कि किन कारणों से आयकर विभाग आपके खिलाफ नोटिस जारी कर सकती है? आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वे कौन से कारण हैं जिनके चलते, आपके खिलाफ आयकर विभाग का नोटिस जारी हो सकता है.

आयकर फाइल न करना

कोई व्यक्ति जिसकी आय 2,50,000 से अधिक है उसे निर्धारित समय से पूर्व अपने रिटर्न दाखिल करना चाहिए. ध्यान रहे कि यदि नियोक्ता या बैंक द्वारा स्रोत पर ही आयकर काट लिया गया हो तो भी व्यक्ति को आयकर रिटर्न भरना ही चाहिए. अगर आपकी आय कर योग्य रही है और हाल के वर्षों में वे आप आयकर रिटर्न भरना भूल गए हैं, तो आपको आयकर विभाग से सूचना जारी हो सकती है. आयकर रिटर्न तब भी भरना चाहिए जबकि आपकी कर योग्य आय न भी हो क्योंकि यह लोन लेते समय या वीजा के लिए आवश्यक होता है.

स्रोत पर काटे आयकर से मिलान न होना

अगर स्रोत पर काटे आयकर तथा जमा आयकर मेल नहीं खाते तो भी आपको इस कारण से आयकर विभाग से नोटिस मिल सकती है. टैक्स रिटर्न दाखिल करने से पूर्व करदाता को 26एएस फॉर्म को जाँच लेना चाहिए जिसमें सभी स्रोत पर काटे आयकर उद्धत रहते हैं.

रिटर्न में गड़बड़ी

अगर आपके रिटर्न में कोई गड़बड़ी मिलती है तो इस कारण से भी आपको आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है. गड़बड़ियाँ तब हो सकती हैं जब कि

–       कुछ आय जैसे कि एफडी की आय को न दर्शाया जाए.

–       किसी गलत सेक्शन के तहत छूट प्राप्त करना और

–       दी गई जानकारी पूरी न होना.

त्रुटिपूर्ण आयकर रिटर्न

अगर आपके आयकर रिटर्न में कोई त्रुटि होती है तो आयकर विभाग त्रुटिपूर्ण रिटर्न की सूचना आपको भेजता है. आयकर रिटर्न को त्रुटिपूर्ण तब माना जाता है जब रिटर्न या किसी भाग की जानकारी अधूरी या तर्कसंगत न हो या अन्य किसी कारण से भी.

परिवार के नाम पर निवेश

कई निवेशक पारिवारिक सदस्यों जैसे कि पत्नी, बच्चों या माता-पिता के नाम पर संपत्ति खरीदते हैं और इस प्रकार के निवेश को आय में घोषित करना भूल जाते हैं. इस प्रकार के निवेशों से होने वाली आय को आयकर रिटर्न भरते समय अवश्य घोषित करना चाहिए अथवा आयकर विभाग का नोटिस मिल सकता है.

उच्च मूल्य के लेन-देन

तय सीमा से अधिक किसी भी प्रकार के उच्च मूल्य के लेन-देन और नकद प्राप्ति को नियमानुसार आयकर विभाग को सूचित किया जाता है. लेन-देन में नकद प्राप्ति या निकासी, शेयर की खरीददारी, अचल संपत्ति, सावधि जमा, म्यूचुअल फण्ड और विदेशी मुद्रा की बिक्री शामिल है.

दस्तावेज रखना

समय-समय पर आयकर विभाग आपको आयकर रिटर्न से सम्बन्धित दस्तावोज़ों को दाखिल करने के लिए कह सकता है. अगर आपने निवेश पर अधिक अधिक दर से छूट हासिल की है तो आयकर विभाग आपसे दस्तावेज और निवेश के सबूत मांग सकता है.

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