ई-मैगज़ीन
ऑडियो स्टोरी
लॉग इन
⚲
SUBSCRIBE
⚲
सब्सक्राइब
Search
ऑडियो
कहानी
क्राइम
आपकी समस्याएं
राजनीति
समाज
संपादकीय
लाइफ स्टाइल
फिल्म
हेल्थ
ई-मैगज़ीन
कहानी
राजनीति
समाज
संपादकीय
लाइफ स्टाइल
फिल्म
हेल्थ
क्राइम
आपकी समस्याएं
ऑडियो
सब्सक्राइब करें
लॉग इन
कहानी
फिल्म
क्राइम
समाज
आपकी समस्याएं
हेल्थ
लाइफ स्टाइल
राजनीति
ई-मैगज़ीन
संपादकीय
ऑडियो स्टोरी
About Us
Terms and Conditions
Privacy Policy
Copyright Policy
Contact Us
Write for Us
फैमिली स्टोरीज
जागने लगी उम्मीदें
हाई ब्लडप्रैशर के मरीज हो, अस्पतालों में जगह नहीं है, उमा के घर जाओ, मैं फोन पर बात करता रहूंगा.
Digital Team
,
Nov 27, 2021
भाग - 1
महामारी में बीवी और बेटे को खोने के बाद शेखर अकेले रह गए तो रिश्तेदारों ने दूरियां बना लीं, मगर एक औरत अभी भी शेखर के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगाने को तैयार थी। कौन थी वह और क्या रिश्ता था उस का शेखर के साथ.
भाग - 2
शर्मिंदा से शेखर बोले, ''अरे, क्या हो गया बच्चों को? और आप मुझे फोन कर देतीं, आज खाना रहने देतीं, क्यों परेशान हुईं आप ऐसे में?''''बच्चों को आप से बहुत लगाव हो गया है
भाग - 3
मां की बात पर बच्चे चहक उठे,''बस, अंकल, अब ऐसे ही रहिए न हमारे साथ. कितना अच्छा लगता है आप के साथ.''''बच्चो, उमाजी, यह तो मुश्किल है पर हां, आताजाता रहूंगा.‘
सरिता डिजिटल सब्सक्राइब करें
अपनी पसंदीदा कहानियां और सामाजिक मुद्दों से जुड़ी हर जानकारी के लिए सब्सक्राइब करिए
सब्सक्राइब करें
×
सबस्क्राइब करें
डिजिटल
+ प्रिंट
एडिशन
गिफ्ट पाने वाले की डिटेल
गिफ्ट देने वाले की डिटेल
पहले से रजिस्टर्ड?
यहां लॉगिन करें.
×
लॉग इन करें
डिजिटल एडिशन
Resend OTP
एक्सेस नहीं है?
यहां रजिस्टर करें.
अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिए
सब्सक्राइब करें