आप स्वामीजी की बातों में आ कर मेरे गले में पीतल का हार डाल बैठे और सब को जताया कि सोने का हार डाल रहे हैं. आप की इज्जत बचाने के लिए मैं शांत रहा. मेरे दामादों ने इसे सच सम झा और मु झे उन्हें सोने की अंगूठियां देनी पड़ीं.