लेखक-डा. रश्मि यादव

पपीता सभी जगह मिलने वाला सदाबहार फल है, पर पेड़ से टूटने के बाद ज्यादा दिनों तक इसे ताजा नहीं रखा जा सकता. ताजा पपीता ही सेहत के लिए अच्छा होता है. इस समय मौसम में हो रहे बदलाव के कारण आंधीपानी के चलते कच्चे पपीते टूट कर गिर जाते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में कच्चे पपीते के उपयोग की जानकारी न होने की कमी में लोग पपीते को फेंक देते हैं. ऐसा न करें, क्योंकि कच्चा पपीता भी हमारी सेहत के लिए लाभकारी होता है,

इसलिए इस का मूल्यसंवर्धन कर संरक्षित करें. पपीता में पकने की अवधि जैसजैसे बढ़ती है, वैसेवैसे इस में विटामिन सी की मात्रा बढ़ती जाती है. वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, कच्चे पपीते में विटामिन सी 40 से 90 मिलीग्राम, अधपके पपीते में विटामिन सी 50 से 90 मिलीग्राम और पके पपीते में 60 से 140 मिलीग्राम तक विटामिन सी बढ़ जाता है. इस में शर्करा और विटामिन सी मई से अक्तूबर तक अधिक होता है. पपीते से विभिन्न खाद्य पदार्थ बनाए जाते हैं,

जैसे पके पपीते से जैम और जैली बनाए जाते हैं, वहीं कच्चे पपीते से चटनी, सब्जी आदि बनाई जाती हैं. यहां पर हम आप को कच्चे पपीते की चटनी बनाने के बारे में जानकारी दे रहे हैं :

बनाने की विधि

* पपीते को धो कर छील लें और उसे कद्दूकस कर लें. कद्दूकस किए पपीते को नमक के पानी में मुलायम होने तक पकाएं.

* पके पपीते में चीनी और पिसा प्याज, लहसुन व कटी अदरक मिला कर गाढ़ा होने तक पकाएं.

* अब आंच से उतार कर बनी चटनी में सभी मसाले, छुआरा व किशमिश मिला दें.

* इस के बाद 5 ग्राम सोडियम बैंजोएट मिलाएं.

* तैयार चटनी में 20 से 25 ग्राम एसिटिक एसिड मिला दें.

* अब इस में भुना हुआ जीरा मिला कर अच्छी तरह से मिक्स कर दें.

* गरम अवस्था में ही चटनी को साफ जार में भर कर संरक्षित कर लें. अगर आप चाहें तो इस का अच्छा व्यवसाय भी किया जा सकता है, जो आमदनी का एक अच्छा स्रोत साबित हो सकता है.

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