अमेरिका में मास ( सामूहिक ) गन शूटिंग कोई नई घटना नहीं है . वाशिंगटन पोस्ट के 8 जून 2015 के एक रिपोर्ट के अनुसार 1982 से उस समय तक लगभग 61 मास शूटिंग हो चुके थे .गन वायलेंस आर्काइव के अनुसार अकेले 2019 में 417 मास शूटिंग हुए यानि प्रति दिन एक शूटिंग से ज्यादा .
मास शूटिंग क्या है –
अमेरिकी नियम के अनुसार किसी व्यक्ति के द्वारा शूटिंग में चार या इससे ज्यादा मृत्यु होने ( शूटर को छोड़ कर ) पर यह मास शूटिंग कहलाता है . इसमें गैंगवार , घरेलू हिंसा , आतंकवादी घटनाएं शामिल नहीं हैं . विडम्बना यह है पिछले कुछ वर्षों में आम नागरिकों में गन धारकों की संख्या घटी है पर मास शूटिंग या शूटिंग में बढ़त हुई है . एक आंकड़े के अनुसार सन 2000 – 2013 के प्रथम सात वर्षों में औसतन 6 .4 प्रति वर्ष मास शूटिंग के मुकाबले अगले सात वर्षों में यह बढ़कर 16 .4 प्रति वर्ष हो गयी थी .
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विगत पांच वर्षों में प्रमुख मास शूटिंग – ( मृतकों की संख्या )
2015 में चार्ल्सटन , साउथ कैरोलिना ( 9 ) , रोज़बर्ग , ऑरेगन ( 9 ) , सैन बर्नार्डिनो , कैलिफ़ोर्निया ( 14 ) ; 2016 में ऑर्लैंडो , फ्लोरिडा ( 49 ) , 2017 में लॉस वेगास , कैलिफ़ोर्निया ( 58 ) , सदरलैंड स्प्रिंग , टेक्सास ( 26 ) ; 2018 में पार्कलैंड फ्लोरिडा ( 17 ) , सैंटा फे टेक्सास ( 9 ) , ट्री ऑफ़ लाइफ ( 11 ) , थाउजेंड ओक्स कैलिफ़ोर्निया ( 12 ) ; 2019 में वर्जिनिआ बीच ( 12 ) , डेटन ऑहियो ( 9 ) , एल पैसो टेक्सास ( 22 ) , इलेनॉइस ( 45 ) , 2020 में मिल्वौकी , विस्कॉन्सिन ( 5 ) , ग्रीनविले साउथ कैरोलिना ( 10 );
नवीनतम मास शूटिंग – लेख लिखते समय ही आज 2 अप्रैल प्रातः अमेरिका की राजधानी में कैपिटल हिल ( अमेरिकी संसद ) के पास फायरिंग की घटना हुई . हालांकि यह मास शूटिंग की घटना नहीं थी फिर भी अमेरिका के संवेदनशील एरिया में गन फायरिंग की घटना थी .
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2021 मार्च में – 16 मार्च को एटलांटा , जॉर्जिया में ( 8 ) ; 22 मार्च को बोल्डर , कोलराडो में ( 12 ) और 31 मार्च की शाम को ऑरेंज कैलिफ़ोर्निया में ( 4 )
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2021 अप्रैल में – नवीनतम मास शूटिंग की घटना में 15 अप्रैल 2021 अमेरिका के इंडियाना प्रान्त में इंडिआनापलिस में फ़ेडेक्स शो रूम के निकट एक शूटर ने 8 व्यक्तिओं को अंधाधुन गोलियों से भून डाला . इसके अतिरिक्त कुछ लोग घायल भी हुए हैं . शूटर ने स्वयं को भी गोली मार ली है .
राष्ट्रपति बाइडेन ने इस घटना से अत्यंत दुखी हो कर वाइट हाउस पर झंडा हाफ मास्ट करने का आदेश दिया है . उन्होंने अमेरिकी मास शूटिंग को एक महामारी जैसा कहा है .
मास शूटिंग में मरने वालों के अतिरिक्त अनेक लोग घायल भी होते हैं .
मास शूटिंग के प्रमुख कारण –
ज़्यदातर शूटिंग व्यक्तिगत कारणों से होते हैं . हाल में कुछ नस्लवाद की घटनाएं देखने को मिली हैं . अक्सर शूट करने वाला खुद को भी मार लेता है , नहीं तो पुलिस की कारवाई में मारा जाता है या कभी पकड़ा जाता है .
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अमेरिकी गन पालिसी –
अमेरिका के संविधान में द्वितीय संशोधन के बाद हर नागरिक को फायर आर्म रखने का अधिकार है . ज्यादातर लोग इसे मूल और निजी अधिकार मानते हैं और इसमें आसानी से बदलाव के पक्ष में नहीं रहते हैं . दूसरी ओर गन रिलेटेड हिंसा और मास शूटिंग की बढ़ती घटनाएं संघ और राज्य सरकारों के लिए चिंता का विषय भी है . गन रिलेटेड हिंसा और मास शूटिंग के चलते अकेले 2017 में 40,000 लोगों की मौत हुई थी .
विगत कुछ वर्षों में और विशेषकर पिछले कुछ माह में जो मास शूटिंग की घटनाएँ हुई हैं उससे अमेरिका की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है .एक अनुमान के अनुसार अमेरिका में करीब 42 प्रतिशत घरों में गन मौजूद है .अलग राज्यों के अलग गन पॉलिसी है , हर राज्य के अपने नियम हैं और जरूरी नहीं कि अगर आपने एक राज्य के नियमानुसार गन रखी हो तो दूसरे राज्य में भी वही नियम लागू हो . . ज्यादातर राज्यों में कोई भी नागरिक अपनी सुरक्षा , शिकार , शूटिंग स्पोर्ट्स के लिए गन बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के रख सकता है .
अमेरिकी संविधान का द्वितीय संशोधन – अमेरिका ने 1776 में ब्रिटिश शासन से आज़ादी की घोषणा की थी . अमेरिका का संविधान 1788 में बना और 1791 में द्वितीय संशोधन पास हुआ . उस समय तक संयुक्त राज्य में सिर्फ 14 राज्य शामिल हुए थे और शेष राज्य अभी भी ब्रिटिश उपनिवेश थे हालांकि आज़ादी के लिए संघर्ष जारी था . द्वितीय संशोधन के अंतर्गत बिल ऑफ़ राइट था जिसमें नागरिक को 10 मूल अधिकार दिए गए और इस राइट यानि अधिकार में गन पॉलिसी भी था. इसके अनुसार प्रत्येक नागरिक को अपनी , अपनी संपत्ति और अपने राज्य की रक्षा के लिए बंदूक रखने का अधिकार मिला . यह अधिकार भी समकालीन ब्रिटिश बिल ऑफ़ राइट के समान ही था . इस संशोधन के अनुसार “ एक अच्छी तरह से नियमित मिलिशिया ( लोगों की सेना ),
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एक स्वतंत्र राज्य की सुरक्षा के लिए , आवश्यक होने के नाते लोगों को गन रखने और धारण करने का अधिकार है . हथियारों का उल्लंघन नहीं किया जायेगा . “
यह मनुष्य का स्वभाव है कि एक बार अपने लाभ के लिए जो अधिकार मिल गया उसे लोग छोड़ने को तैयार नहीं होते हैं . हालांकि इस अधिकार के दुरुपयोग से बहुत बार बेक़सूर लोगों की जान जाती है . इसके अलावे इसका एक राजनीतिक पहलू भी है . 1871 में अमेरिका के बंदूक धारियों ने अपना एक यूनियन बनाया जिसे NRA ( नेशनल राइफल एसोसिएशन ) के नाम जाना जाता है . इनके साथ बंदूक और बंदूक की गोली निर्माता
कंपनियां और बिक्रेता बंदूक के मालिकाना हक़ छीनने या उसे और कठोर बनाने के प्रयासों का विरोध करती आयी हैं . ये लोग चुनाव में राजनीतिक दलों को भारी रकम फण्ड में देते है . एक अनुमान के अनुसार 1998 से 2017 तक इन लोगों ने पार्टी को 20 करोड़ 30 लाख डॉलर ( आज 1 डॉलर 75 रुपये से भी ज्यादा ) दिए हैं . ऐसे में किसी कठोर गन पॉलिसी का होना आसान नहीं है .
गन रखना कितना आसान है –
फ़ेडरल नियम के अनुसार लाइसेंस प्राप्त डीलर से गन खरीदने के लिए बैकग्राउंड चेक अनिवार्य है . पर यह चेक फोन व कंप्यूटर द्वारा मिनटों में हो जाता है .आपको एक फार्म भर के देना है जिसमें कुछ प्रश्न व्यक्तिगत विवरण के अतिरिक्त पूछा जाता है जैसे कि आप किसी अपराध में दो या अधिक वर्ष की सजा पाएँ हैं या किसी मानसिक रोग के शिकार रहे हैं .गन स्टोर वाला F B . I . को फोन करता है और वे NICS ( नेशनल इंस्टेंट क्राइम बैक ग्राउंड ) के डाटाबेस पर चेक कर तुरंत अनुमति दे देता है . इसमें अस्वीकार होने की संभावना बहुत ही कम है . हालांकि F . B .I . को कुछ और जानकारी लेनी हो तो इसके लिए कभी तीन दिन तक का समय ले सकता है .गर तीन दिन के बाद भी FBI से कोई जवाब नहीं मिलता है तो व्यक्ति गन खरीदने के लिए स्वतंत्र है .
बहुतेरे राज्यों में गन प्राइवेट बिक्रेता से सीधे ख़रीदा जा सकता है जैसे किसी पड़ोसी , रिश्तेदार . किसी गन शो जो अक्सर सप्ताहांत में होते रहते हैं , या फिर इंटरनेट से खरीद सकते हैं, इसके लिए कोई चेकिंग नहीं होती है .और इस तरह से ख़रीदे जाने से गन के गलत हाथों में जाने की संभावना अधिक होती है . घातक सेमिऑटोमैटिक असॉल्ट राइफल भी ख़रीदे जा सकते हैं .एक समय तो वालमार्ट स्टोर में स्वचालित ऑटोमैटिक
राइफल भी आसानी से उपलब्द्ध थे जिसे ग्रोसरी करते हुए कोई भी खरीद सकता था .न्यू यॉर्क टाइम्स के 26 अगस्त 2015 के रिपोर्ट के अनुसार जनता के दबाव के चलते वालमार्ट ने राइफल रखना बंद कर दिया है .
अमेरिका में कितने प्राइवेट गन – अमेरिका की जनसंख्या करीब 33 करोड़ है जबकि प्राइवेट गन की संस्ख्या करीब 40 करोड़ से कुछ ही कम है , जिसमें सभी व्यक्ति बच्चे बूढ़े शामिल हैं यानि प्रति व्यक्ति एक से ज्यादा गन . अमेरिका की आबादी विश्व की आबादी का करीब 4 % है जबकि वैश्विक स्तर पर यहाँ करीब 46 % प्राइवेट गन हैं .
कठोर गन पॉलिसी के लिए विरोध
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आजकल के मास शूटिंग को देखते हुए कुछ लोग कठोर गन पॉलिसी की माँग कर रहे हैं . अमेरिका में गन पालिसी एक विवादास्पद विषय है . यहाँ के प्राइवेट गन धारक दो खेमों में बटें हैं , एक खेमा जो गन कंट्रोल का है ” कठोर गन पालिसी ( किन्तु बैन नहीं )” जबकि दूसरा खेमा गन राइट का है , जो इसको मूल अधिकार मान कर बदलाव नहीं चाहता है . सुप्रीम कोर्ट भी इसे नागरिक का अधिकार बताता है .
अमेरिका की गन पालिसी विश्व में सबसे उदार और लचीली है , कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी .अगर ऐसा नहीं होता तो मास शूटिंग इतना आसान न था . आतंकी के लिए भी अमेरिकन नियम के अंतर्गत गन खरीदना कठिन नहीं है .दूसरा पहलू यह भी है कि अमेरिकन वीसा नियमों के अनुसार ब्रिटेन , फ्रांस , बेल्जियम आदि 38 देश के नागरिकों को अमेरिका आने के लिए वीसा की आवश्यकता नहीं है ..अभी भी लगभग 50 प्रतिशत प्राइवेट गन धारक कठोर गन पॉलिसी के पक्ष में नहीं हैं .रास्ता आसान नहीं है पर अमेरिका की जनता और नेताओं को इस तरह की मास शूटिंग रोकने की दिशा में कठोर कदम लेने चाहिए .नहीं तो अमेरिका ही नहीं इसका दुष्प्रभाव अन्य देशों पर भी पड़ने का खतरा है .
मास शूटिंग रोकने के कुछ संभावित उपाय –
संघीय स्तर पर कठोर गन पॉलिसी के लिए दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में भी विरोधाभास है .संघीय सरकार कुछ मानक रख सकती है पर राज्यों के अलग अधिकार और नियम हैं , कहीं कुछ अच्छे नियम भी हैं तो कहीं कुछ खतरनाक भी . फ्लोरिडा राज्य में सर्वप्रथम “ शूट फर्स्ट लॉ “ बना , इसके बाद अनेक राज्यों ( करीब 35 ) में “ शूट फर्स्ट “ लॉ या इसके समकक्ष “ स्टैंड योर ग्राउंड “ लॉ है . इसके अंतर्गत अपने घर या दफ्तर में मात्र संदेह की स्थिति में नागरिक आत्मरक्षा के लिए किसी को शूट कर सकता है .
1 . “ शूट फर्स्ट “ लॉ या “ स्टैंड योर ग्राउंड “ लॉ को निरस्त करना
2 . गन खरीदने की न्यूनतम आयु बढ़ाना – संघीय कानून के अंतर्गत 18 वर्ष की आयु का व्यक्ति भी सेमिअसाल्ट राइफल रख सकता है जबकि हैंडगन के लिए यह आयु 21 वर्ष है. कुछ राज्यों में खास तरह की गन रखने की आयु 21 वर्ष है .सभी राज्य सभी प्रकार के गन के लिए आयु बढ़ा कर 21 करें तो कुछ कंट्रोल होगा .
3 . सेना के अस्त्र को राज्यों को बेचने पर नियंत्रण – सेना के सरप्लस आर्म्स पुलिस और राज्यों को बेचने का प्रावधान है . इस पर कठोर नियंत्रण रख सकते हैं .
4 गन रखने के लिए रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस जरूरी बनायें .
5 गन को गैर जिम्मेदार या मंदबुद्धि व्यक्ति के लिए वर्जित करना – ऐसे व्यक्ति खुद और दूसरों के लिए खतरा हैं .
6 प्रतीक्षा की अवधि बढ़ाना – गन खरीदने के लिए 9 राज्यों में वेटिंग पीरियड है .अन्य राज्य भी इसे रखंश या इसे और बढ़ाएं ताकि खरीदार को दुबारा सोचने का मौका मिले कि क्या बंदूक की उसे जरूरत है .
7 असॉल्ट राइफल और अधिक क्षमता वाले मैगज़ीन पर बैन – ऐसे आर्म्स की जरूरत आम नागरिक को नहीं है . ये सैनिकों द्वारा इस्तेमाल के लिए होते हैं ताकि कम समय में ज्यादा से ज्यादा गोलियां दाग कर दुश्मनों का खात्मा करें या उन्हें रोक सकें .
8 कठोर बैक ग्राउंड चेक – संघ द्वारा लाइसेंस प्राप्त गन विक्रेताओं के लिए खरीदारों के बैकग्राउंड चेक करना अनिवार्य है , जैसे पुलिस वेरिफिकेशन द्वारा उनकी आपराधिक रिकॉर्ड आदि .पर करीब 40 % गन प्राइवेट मार्केट में बिकते हैं – गन शो , फ्ली मार्किट , ऑनलाइन और दो व्यक्तियों के बीच आपसी क्रय विक्रय . फ़िलहाल कुछ ही राज्यों में बैक ग्राउंड चेक का प्रावधान है .