इस साल आम बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा. इस घोषणा के साथ ही आम आदमी की दिल की धड़कनें बढ़ी हुई हैं. नोटबंदी जैसे आक्समिक घोषणा के बाद, बजट को लेकर लोगों की आशंकायें बढ़ गई हैं. नए बजट में क्या सस्ता होगा, क्या महंगा, टैक्स में क्या बदलाव आयेंगे. रेल बजट भी अब आम बजट के साथ ही पेश किया जाएगा. नई ट्रेनों, किराए में बदलाव जैसे महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए जाएंगे.

बजट पेश होने में अभी कुछ दिन बाकी हैं. तब तक आप बजट से जुड़ी इन खास बातों को पढ़िए.

1. क्या है बजट?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के मुताबिक, आम बजट वित्त मंत्रालय द्वारा पेश किया जाता है. इसमें आने वाले वित्त वर्ष के अनुमानित खर्चों का ब्यौरा होता है. केंद्रीय बजट किसी भी सरकार का आगामी वित्त वर्ष के लिए अनुमानित खर्चों से जुड़ा ब्यौरा है.

2. भारत का पहला बजट

18 फरवरी 1869 को भारत का पहला बजट ईस्ट इंडिया कंपनी के जेम्स विल्सन ने पेश किया था. विल्सन इंडियन काउंसिल के फाइनेंस मेंबर थे.

3. स्वाधीन भारत का पहला बजट

स्वाधीन भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को वित्त मंत्री आर.के.शणमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था.

4. पंचवर्षीय योजना का जिक्र

जॉन मथाई देश के दूसरे वित्त मंत्री बने थे. उन्होंने 1949-1950 का बजट पेश किया था. उन्होंने पूरा बजट नहीं पढ़ा था, सिर्फ कुछ खास बिंदुओं पर ही प्रकाश डाला था. मथाई के बजट में ही पहली बार योजना आयोग और पंचवर्षीय योजना का जिक्र हुआ था.

5. सिर्फ अंग्रेजी में तैयार किए जाता था बजट

1955 से पहले सिर्फ अंग्रेजी में बजट तैयार किया जाता था. 1955-56 हिन्दी में भी बजट तैयार किया जाने लगा. 1955-56 के बजट में ही पहली बार काला धन उजागर करने की स्कीम शुरु की गई.

6. भारत की फाइनेंशियल ईयर

1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाला भारत का वित्तीय वर्ष 1867 से शुरू हुआ था. पर सूत्रों के अनुसार भारत के वित्तीय वर्ष को बदलने की घोषणा भी नए बजट में की जा सकती है.

7. शाम को पेश होता था बजट

सन् 2000 तक 28 फरवरी को शाम के 5 बजे बजट पेश किया जाता था. इसके पीछे भी गुलामी की जंजीरों की छाप थी. भारतीय समय के अनुसार शाम के 5 बजे ब्रिटेन के बाजार खुलते हैं. वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सन् 2001 में बजट पेश करने का समय सुबह के 11 बजे कर दिया.

8. तत्कालीन राष्ट्रपति तय करते हैं बजट का दिन

आम बजट किस दिन पेश किया जाएगा, ये तारीख तत्कालीन राष्ट्रपति तय करते हैं

9. बहुत गोपनीय होता है बजट

बजट किसी भी सरकार के लिए गोपनीय और महत्वपूर्ण दस्तावेज है. इसे बनाने की प्रक्रिया में जो भी अधिकारी लगे रहते हैं, वे 15-30 दिनों तक नॉर्थ ब्लॉक में ही रहते हैं. इन अधिकारियों का बाहरी दुनिया से कोई भी संपर्क नहीं होता है और न ही ये किसी को फोन कर सकते हैं.

10. इन्होंने पेश किए सबसे ज्यादा बजट

मोरारजी देसाई ने देश में सबसे ज्यादा, 10 बार बजट पेश किए हैं. उनके बाद वाईबी चौहान, सीडी देशमुख, प्रणव मुखर्जी, यशवंत सिन्हा, पी चिदंबरम ने 7-7 बार बजट पेश किए हैं.  

11. बजट के मौके पर हलवा समारोह

बजट पेश करने संबंधी दस्तावेजों की प्रिटिंग से पहले फाइनेंस मिनिस्टर कुछ दस्तावेज पढ़ते हैं. प्रिटिंग शुरू होने से पहले नॉर्थ ब्लॉक में 'हलवा समारोह' मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस हलवे को वित्त मंत्री खुद तैयार करते हैं और बजट कार्य में लगे अधिकारियों को अपने हाथ से परोसते हैं.

12. देश के प्रधानमंत्री ने भी पेश किए बजट

संविधान के अनुसार तो देश के वित्त मंत्री को ही बजट पेश करते हैं. पर देश के प्रधानमंत्रीयों ने भी बजट पेश किया था. ये प्रधानमंत्री एक ही परिवार से थे. जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी तब बजट पेश किया जब उनके वित्त मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था.

13. लंबे भाषणों का दौर

वित्त मंत्री ने प्रणव मुखर्जी 1982 में बजट पेश करते हुए 1 घंटा 35 मिनट तक भाषण दिया था. इसके बाद ही बजट पेश करते हुए लंबे भाषणों का दौर चल पड़ा था.

14. आरबीआई के गवर्नर ने पेश किया बजट

सी.डी. देशमुख भारत के पहले ऐसे वित्त मंत्री थे जो आरबीआई के गवर्नर भी रह चुके थे. उन्होंने मंत्री बनने के बाद बजट पेश किया था.

15. एकमात्र महिला जिन्होंने पेश किया बजट

भारतीय संसद में बजट प्रस्तुत करने वाली एकमात्र महिला इन्दिरा गांधी हैं. उन्होंने 1970 में आपातकाल के दौरान संसद में बजट पेश किया था.

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