भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को सुरेश कलमाडी और अभय चौटाला को अपना आजीवन अध्यक्ष नियुक्त करना महंगा पड़ गया है. भ्रष्टाचार के आरोपी सुरेश कलमाडी और अभय सिंह चौटाला की नियुक्तियों से नाराज खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की मान्यता रद्द कर दी.

मंत्रालय ने दोनों दागी नेताओं को आईओए का आजीवन मानद अध्यक्ष चुने जाने पार कारण बताओ नोटिस जारी कर आईओए से जवाब तलब किया था, लेकिन आईओए से मिले जवाब से असंतुष्टि जाहिर करते हुए मंत्रालय ने संघ की मान्यता रद्द कर दी.

उल्लेखनीय है कि आईओए ने कॉमनवेल्थ घोटाले में जेल जा चुके सुरेश कलमाडी और आईएलएलडी के दागी नेता अभय चौटाला को भारतीय ओलिंपक संघ का आजीवन अध्यक्ष चुना था. तभी से इसका लगातार विरोध किया जा रहा था. सरकार ने इस नियुक्ति पर कड़ा रुख अपना लिया था.

खेल मंत्री विजय गोयल ने इस नियुक्ति पर आईओए को नोटिस जारी कर रिपोर्ट भी मांगी थी और यह भी स्पष्ट कर दिया था कि जब तक आईओए कलमाडी और चौटाला की नियुक्ति को वापस नहीं लिया जाता, तब तक आईओए किसी तरह के सहयोग की उम्मीद न रखे. गोयल ने यह कह कर साफ किया था, 'भले ही आईओए स्वायत्त संस्था है, लेकिन सरकार से बड़ा कोई नहीं है.'

हालांकि विरोध के बाद सुरेश कलमाडी ने पहले ही यह पद स्वीकार करने से मना कर दिया था. वहीं अभय चौटाला इस पद को छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. सुरेश कलमाडी और अभय सिंह चौटाला को आईओए का अजीवन मानद अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में बत्रा ने यह फैसला लिया है.

बत्रा ने आईओए के अध्यक्ष एन. रामचंद्रन और सचिव राजीव मेहता को पत्र लिखकर कहा, "चेन्नई में 27 दिसंबर को हुई आईओए की एजीएम में लिए गए फैसले से मैं परेशान हूं. मुझे बैठक में मौजूद सदस्यों ने बताया कि सुरेश कलमाडी और अभय सिंह चौटाला को आईओए के अजीवन मानद अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला अंतिम समय पर लिया गया और सिर्फ एक मिनट में इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया."

बत्रा ने पत्र में लिखा कि आईओए ने एजीएम के तीन दिन बाद भी अजीवन मानद अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के फैसले को वापस नहीं लिया. इसलिए वह इसके विरोध में आपत्ती दर्ज कराते हैं और संघ के उपाध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा देते हैं.

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