इंटरनैशनल हॉकी फेडरेशन (FIH) के एग्जिक्युटिव बोर्ड ने होने वाले वर्ल्ड कप के लिए कुछ नए नियमों को मंजूरी दी है. नए नियमों के मुताबिक, वर्ल्ड कप समेत सभी लेवल पर हॉकी मैच चार क्वॉर्टर में खेले जाएंगे. हरेक क्वॉर्टर 15 मिनट का होगा. इसके अलावा वर्ल्ड कप 2018 में 16 टीमें खेलेंगी. हॉकी रेवोल्यूशन पार्ट-2 नाम से नवंबर में दुबई में हुई ऐग्जिक्युटिव बोर्ड की मीटिंग में ये फैसले लिए गए.
हॉकी इंडिया लीग से हुई शुरुआत
15 मिनट के एक क्वॉर्टर और कुल चार क्वॉर्टर में एक मैच को बांट कर खेलने की शुरुआत हॉकी इंडिया लीग (HIL) के पहले सीजन में हुई थी. बाद में इस फॉर्मेट का ट्रायल कुछेक टूर्नामेंट्स में भी हुआ. इसी फॉर्मेट के तहत इस साल रियो ओलंपिक के मैच भी खेले गए. अब इसे वर्ल्ड कप के साथ-साथ सभी मैचों के लिए मंजूरी मिलने से एचआइओल (HIL) के फॉर्मेट पर मुहर लग गई है. पहले 35-35 मिनट के दो हिस्सों में बांट कर गेम खेला जाता था. नया नियम 1 जनवरी 2017 से लागू होगा.
16 टीमें
वर्ल्ड कप में इससे पहले केवल एक मौके पर 16 टीमों ने शिरकत की थी. एफआइएच (FIH) ने अब अपनी एग्जिक्युटिव कमिटी की मीटिंग में लिए गए फैसलों को अमली जामा पहनाते हुए एक बार फिर से 2018 के वर्ल्ड कप में 16 (चार पूल में चार-चार) टीमों की अनिवार्यता का नियम फिर से लागू कर दिया है.
गेम को होगा फायदा
चार हिस्सों के फॉर्मेट को अपनाने से गेम के पेस, स्ट्रैटिजी, प्लेयर्स और ऑर्गनाइजर सबको फायादा होगा. पूर्व हॉकी प्लेयर जफर इकबाल के शब्दों में, 'हॉकी के चार हिस्सों वाले फॉर्मेट से गेम और रोचक बनेगा. प्लेयर्स को तरोताजा होने का वक्त मिलेगा. कोच को नई स्ट्रैटिजी पर अमल करने का मौका मिलेगा. गेम के हर क्वॉर्टर में आपको अलग पेस दिखेगा, लेकिन सबसे बड़ा फायदा हॉकी का होगा. क्वॉर्टर्स में मिलने वाले ब्रेक के दौरान एडवर्टाइजर्स खेल से जुड़ना चाहेंगे. इससे हॉकी में पैसे का रोना बहुत हद तक कम हो जाएगा.'