सोशल मीडिया पर अक्सर ही मालवेयर का खतरा मंडराता रहता है लेकिन इस बार आपके फेसबुक और ट्विटर अकाउंट पर एक रैंजमवेयर का खतरा मंडरा रहा है. रैंजमवेयर को आम भाषा में ऐसे समझ सकते हैं कि ये एक फिरौती मांगने वाला वायरस है. कई लोगों ने शिकायत की है कि ये एक इमेज की जेपीईजी फाइल के रूप में सर्कुलेट हो रहा है. ये आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन को लॉक कर देता है फिर आपसे पैसों की मांग करता है.
कैसे काम करता है रैंजमवेयर
रैंजमवेयर एक जेपाईजी फाइल के रूप में सर्कुलेट हो रहा है. इस फाइल को ओपन करने के ली जैसे ही आप इस पर क्लिक करते हैं तो ये आपके कंप्यूटर या स्मार्टफोन की फाइल्स को एन्क्रिप्ट करके लॉक कर देता है. इसके बाद ये आपसे 365 डॉलर यानी लगभग 25 हजार रुपये की मांग करता है जो आपको बिट्क्वाइन के रूप में देने होते हैं.
विशेषज्ञों की राय
रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक मैसेंजर पर यह रैंजमवेयर .SVG एक्सटेंशन वाली इमेज फाइल के तौर पर भेजे जा रहे थे. हालांकि फेसबुक ने फिलहाल इससे इससे इनकार किया है. हालांकि कई दूसरी वेब सिक्योरिटी फर्म ने माना है कि फेसबुक की कमी का फायदा उठा कर ऐसा किया जा रहा है. रिसर्चर्स ने पाया है कि यह रैंजमवेयर फेसबुक, लिंक्ड इन और दूसरे सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म के जरिए लोगों तक भेजा जा रहा है.
इजराइल की सिक्योरिटी फर्म चेक प्वाइंट ने इस बात का भी खुलासा किया है कि कैसे साइबर क्रिमिनल्स इमेज फाइल में मैलवेयर को छुपा कर इसे सोशल मीडिया के जरिए लोगों को इसका शिकार बना रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक मैलवेयर बनाने वाले फेसबुक और लिंक्ड इन की सिक्योरिटी लूप होल का फायदा उठा कर लोगों तक इस खतरनाक मैलवेयर भेज रहे हैं. जैसे ही यूजर इसे क्लिक करेंगे उनका सिस्टम लॉक हो जाएग जिसो वापस लेने के लिए बिट क्वाइन के जरिए पैसे देने होंगे.
कैसे बचें रैंजमवेयर अटैक से
सबसे बेहतर तो यही होगा कि आप किसी भी अनजान यूजर द्वारा भेजी गई इमेज फाइल ओपन न करें. इसके आलावा जरूरी डेटा का बैकअप रखें. इससे बचने के लिए प्रीमियम एंटी वायरस इस्तेमाल करें.
अगर आप फिर भी रैंजमवेयर फाइल पर क्लिक कर देते हैं तो तुरंत अपना वाईफाई ऑफ कर दें. हालांकि अगर फाइल पर क्लिक करने के बाद रैंजमवेयर का मैसेज आपकी डिवाइस पर रिसीव हो गया है तो इससे बचना मुश्किल है. किसी भी ईमेल का अटैचमेंट्स तब तक न खोलें जब तक श्योर न हों कि वो आपके लिए ही है और जरूरी है.