ताई ने जब सलमान से हानिया से शादी करने को कहा तो उस ने साफ इनकार कर दिया, ‘‘मैं अनुशा से बहुत मुहब्बत करता हूं. मैं उसे भूल नहीं सकता. मैं उस की जगह दूसरी लड़की ला कर उस की जिंदगी बरबाद नहीं कर सकता. न मैं उस की जगह किसी को देना चाहता हूं.’’ ताई उस वक्त चुप हो गईं, क्या कहतीं. 4-5 दिन बाद गजाला को तेज बुखार आ गया. सलमान ने छुट्टी ली पर गजाला हानिया से ज्यादा अटैच्ड थी. सलमान से संभल ही नहीं रही थी, न कुछ खा रही थी, न दवा पी रही थी. एक ही दिन में सारा घर परेशान हो गया. 4 बजे हानिया आई. उस ने सब अच्छे से संभाल लिया. गजाला को चिकन सूप और दलिया खिलाया, दवा पिलाई. वह आराम से सो गई. उस ने 2 दिनों की छुट्टी ले ली. उस ने गजाला के ठीक होने तक सारी जिम्मेदारी उठा ली. तीसरे दिन वह ठीक हो गई. यह सब हानिया की मुहब्बत और देखभाल का कमाल था.
उस दिन छुट्टी थी, सलमान घर पर था. गजाला को बर्गर खाना था. बूआ को बनाना नहीं आता था. थकहार कर सलमान उसे हानिया के घर छोड़ आए. फिर ताई ने सलमान को जिंदगी की हकीकत समझाई, ‘‘बेटा, जब देखो तब तुम गजाला को हानिया के यहां छोड़ आते हो. बीमारी में भी वही उसे संभाल सकती है. अब उस के लिए दुबई से एक अच्छा रिश्ता आया है. जल्द ही वह शादी कर के दुबई चली जाएगी. फिर तुम क्या करोगे? मैं पैर व बीमारी से मजबूर हूं. बूआ घर का काम संभाल लेती है, यही बहुत है. गजाला को संभालना हमारे बस का नहीं है. मैं तुम्हें इसीलिए हानिया से शादी करने को कह रही हूं. घर की लड़की है, सबकुछ जानतीसमझती है और सब से बड़ी बात गजाला को बहुत प्यार करती है.’’
सलमान ने मजबूरी के आगे सिर झुका दिया. हानिया अब सलमान की दुलहन बन कर ताई के घर आ गई. पहली ही रात सलमान ने उसे उस की हैसियत समझा दी, ‘‘देखो हानिया, यह शादी मैं ने सिर्फ गजाला की वजह से की है, उसी के लिए तुम्हें लाया हूं. अनुशा को भूल पाना मेरे लिए मुश्किल है. उस की चाहत किसी से बांटना भी नहीं चाहता. मुझ से तुम उम्मीदें मत लगा लेना. और हां, यह बात याद रखना, गजाला में मेरी जान बसती है. उस की कोई तकलीफ मुझ से बरदाश्त न होगी. इस से अगर तुम ने कोई ज्यादती की तो मैं बरदाश्त नहीं करूंगा.’’ अरमानभरी रात सलमान की हिदायतों में गुजर गई. हानिया ने आंसूभरी आंखों से उस इंसान को देखा जो उस का हमसफर था. शायद, वह यह जानता भी न होगा कि हानिया के दिल में सलमान की मुहब्बत की कोंपल नवजवानी की सोंधी मिट्टी में जम चुकी थी पर अपनी कमसूरती का एहसास कर के उस ने अपने जज्बात अपने दिल में ही घोंट लिए थे. जबां पर ताला लगा लिया था. पर उस की मुहब्बत की आंच धीमेधीमे उस के दिल को तपा कर कुंदन बनाती रही. हानिया की अनुशा व गजाला से चाहत सलमान की मुहब्बत से ही जुड़ी थी. जो सलमान को प्यारा वह उसे भी प्यारा था. काश, अपनी मुहब्बत वह सलमान पर जाहिर कर सकती. उसे जो कुछ भी मिला है उसी में वह खुश रहने की काशिश करती.
जिंदगी कब दिल और जज्बात देखती है, वह तो अपनी रफ्तार से गुजरती है. हानिया के लिए कुछ नया न था, सिर्फ रिश्ता बदल गया था. हानिया ने सलमान से कोई उम्मीद नहीं जोड़ी थी. वह जानती थी, अनुशा उस के दिल पर राज करती है. उसे अपनी खिदमत, अपनी चाहत से ही सलमान के दिल में थोड़ी सी जगह बनानी थी जो कि एक मुश्किल काम था. कम से कम घर में उस के लिए रोशनी के मीनार थे- ताई की मुहब्बत और गजाला का मासूम प्यार. इतनी रोशनी जिंदगी गुजारने के लिए काफी थी. सलमान औफिस से आते, कुछ देर ताई के पास बैठते, कुछ वक्त गजाला के साथ बिताता, कुछ आम सवाल हानिया से पूछता. उस की हर जरूरत व ख्वाहिश का खयाल रखता पर मुहब्बत के मामले में वह बेहिस पत्थर बना रहा. हानिया ने भी हालात से समझौता कर लिया, उस ने जानतेबूझते यह सौदा किया, फिर गिला कैसा?
हानिया की तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं थी. डाक्टर को दिखाने पर खुशखबरी मिली कि वह मां बनने वाली है. ताई बेहद खुश हुईं. उसी वक्त मिठाई मंगवाई. उस के अम्मीअब्बा भी आए. अच्छाखासा खुशी का माहौल बन गया. बस, सलमान जरा चुपचुप सा था. रात को हानिया ने हिम्मत कर के पूछा, ‘‘क्या आप को बच्चे की खबर से खुशी नहीं हुई?’’ वह बोला, ‘‘खुशी, नाखुशी का क्या सवाल? अभी शादी को 6 महीने हुए, जरा जल्दी नहीं हो गया? पर तुम्हें इस बात का बहुत खयाल रखना होगा कि इस बच्चे की देखभाल में गजाला को न भूल जाओ.’’
हानिया का दिल कट कर रह गया, आंसू बहाने का कोई मतलब न था. उसे अपने व्यवहार से यह साबित करना था कि वह सगी मां से बढ़ कर है. बेटे के जन्म से घर में एक रौनक सी आ गई. ताई तो फूले न समातीं. गजाला को भी भाई को देख कर बहुत खुशी हुई. पर हानिया के लिए एक नया इम्तिहान शुरू हो गया. गजाला का पूरा खयाल रखते हुए बेटे जीशान को संभालना था. गजाला मां के मरने के बाद से थोड़ी जिद्दी व चिड़चिड़ी हो गई थी. उसे बड़ी होशियारी और प्यार से नौर्मल करना था. कहीं उस के दिल में यह खयाल न आ जाए कि मां, भाई को ज्यादा चाहती है. शायद नन्हा जीशान मां की मजबूरी जान गया था. वह थोड़े में ही सब्र करने लगा. उस का ज्यादा वक्त दादी के पास रखे झूले में ही गुजरता. उस दिन हानिया गजाला को एक नया खिलौना चलाना सिखा रही थी कि जीशान के रोने की आवाज आई. पहले तो वह बैठी रही पर रोना बढ़ गया तो वह उठ कर जीशान को देखने चली गई. सलमान बैठे न्यूजपेपर पढ़ रहे थे. अभी हानिया को बच्चे को संभालते 10 मिनट ही हुए थे कि गजाला के चीखचीख कर रोने की आवाज आई. वह घबरा कर उस के पास पहुंची. गजाला ने खिलौने का स्ंिप्रग मुंह के पास रख कर खींच दिया था, होंठ पर जरा सी चोट लग गई थी. सलमान ने एक हंगामा खड़ा कर दिया.
थोड़ी देर में ही हानिया ने गजाला को चुप करा लिया. उस के फूले होंठ पर शहद लगा दिया. पर सलमान की शिकायतें एक घंटा चलती रहीं, ‘‘तुम गजाला को छोड़ कर कैसे चली गईं. उस के हाथ से खिलौना ले कर जाना था. बेटे का रोना सुनते ही एकदम बेचैन हो जाती हो. अगर ज्यादा जोर से लग जाती तो? सच है अपना, अपना ही होता है.’’ वह सब खामोशी से सुनती रही. लेकिन ताई ने सलमान को डांटा, ‘‘इतनी चाहने वाली मां पर तुम इलजाम लगा रहे हो. वह अपने बच्चे से ज्यादा गजाला का खयाल रखती है. पर तुम्हारे दिमाग में जो वहम पल रहे हैं वे कभी तुम्हें सुकून से नहीं रहने देंगे, समझे.’’