500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद होने के बाद नए नोट पाने की जद्दोजहद में करीब 2 लाख माइक्रो एटीएम राहत पहुंचाएंगे. सरकार ने बैंकों को रूरल एरिया में करीब 1.1 लाख माइक्रो एटीएम और शहरी, अर्द्ध शहरी इलाकों में करीब 90,000 माइक्रो एटीएम ऐक्टिवेट करने के निर्देश दिए हैं. माइक्रो एटीएम से हर हफ्ते करीब 70,000 ट्रांजैक्शंस होते हैं और सरकार को उम्मीद है कि इससे बैंक ब्रांच और एटीएम नेटवर्क पर कुछ दबाव कम होगा.

मिनिस्ट्री ऑफ फाइनैंस के डायरेक्टर (FI) DFS अशोक कुमार सिंह ने बताया, 'माइक्रो-एटीएम को कम से कम समय में शुरू किया जा सकता है और जितने ज्यादा कैश-इन, कैश आउट पॉइंट्स होंगे, उतनी अधिक लोगों को सहूलियत होगी. उन्होंने बताया, 'पिछले कुछ महीनों में हमने बिजनस कॉरसपॉन्डेंट पॉइंट्स पर ट्रांजैक्शंस की संख्या करीब दोगुनी कर दी है और पिछले छह महीने में इंटरऑपरेबल ट्रांजैक्शंस 10 गुना बढ़े हैं.'

माइक्रो एटीएम हैंडहेल्ड डिवाइस होती हैं, जिनमें GPRS होता है. ऐसी डिवाइस में फिंगरप्रिंट स्कैनर भी होता है, जो इसे आधार के अनुकूल बनाता है. इसमें कस्टमर को एटीएम की तरह अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना होता है. जब कार्ड को स्वाइप किया जाता है तो माइक्रो एटीएम इसे कोर बैंकिंग सिस्टम से कनेक्ट कर देता है और उनके अकाउंट्स से डेबिट या क्रेडिट हो जाता है.

सरकार ने एक बयान में कहा है कि देश भर में बड़ी संख्या में माइक्रो एटीएम तैनात किए जाएंगे, जिससे नई करंसी के डिस्बर्समेंट में कोई दिक्कत न हो. साथ ही सरकार ने बिजनस कॉरसपॉन्डेंस के लिए कैश होल्डिंग लिमिट को भी बढ़ाकर 50,000 तक कर दिया है और अब इन रेप्रिजेंटटिव्स को कई बार कैश निकालने की इजाजत होगी, जबकि पहले यह दिन में एक बार ही कैश निकाल सकते थे.

सरकार ग्रामीण और शहरी इलाकों में उपलब्ध होने वाले माइक्रो-एटीएम की संख्या बढ़ाने की भी तैयारी में है. सिंह ने बताया, 'छह महीने में 1.5 से 2 लाख नए पॉइंट्स जोड़े जाएंगे और इसके बाद एक साल में हम 4 लाख के आंकड़े तक पहुंच जाएंगे. हम सभी राशन शॉप्स (PDS) को बिजनस कॉरसपॉन्डेंस की तरह बनाना चाहते हैं, जिनकी संख्या करीब 5.5 लाख के करीब है.'

इसके अलावा, फाइनैंस मिनिस्ट्री को जल्द लॉन्च किए जाने वाले पोस्टल पेमेंट्स बैंकों का भी सहारा है. सरकार को पहले से ही इन माइक्रो-एटीएम पर फर्जी करंसी डिपॉजिट करने के कुछ मुद्दे को सामना करना पड़ रहा है और इस नेटवर्क में गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए जमा करने और नकदी निकालने को 2,000 रुपये तक सीमित रखा गया है.

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