कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से 17 मार्च से फिल्म,टीवी सीरियल और वेब सीरीज की शूटिंग बंद है.इससे फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े पांच लाख वर्कर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं.जिसके चलते पूरी फिल्म व टीवी इंडस्ट्री ने चाहा कि फिल्म इंडस्ट्री में जल्द से जल्द काम काज शुरू हो सके. इसीलिए फिल्म  इंडस्ट्री से जुड़ी‘‘फेडरेशन आफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्पलाइज’’,सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन यानी कि ‘‘सिंटा’’,‘आई एफटीसी’व अन्य संस्थाओं ने गहन विचारविमर्श के बाद फिल्म  इंडस्ट्री में काम काज शुरू करने के लिए गाइड लाइन्स/‘‘स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर’’(एसओपी) तैयार कर महाराष्ट् सरकार को देकर महाराष्ट् के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से फिल्म इंडस्ट्री शुरू करने की मांग की.

इसके बाद 20 और 22 मई को कुछ निर्माताओं और ब्राडकास्टर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की.उसके बाद आनन फानन में सरकार ने एक निर्णय लिया और  31 मई की षाम को महाराष्ट् के सांस्कृतिक विभाग ने 16 पन्नों की गाइड लाइन्स के साथ फिल्म,टीवी सीरियल और वेबसीरीज की शटिंग शुरू करने की इजाजत दे दी.गाइड लाइन्स का उल्लंघन करने पर शूटिंग रोकने की बात भी कही गयी.पहले तो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों ने इसका स्वागत किया.मगर जब सभी ने सरकार की गाइड लाइन्स पढ़ी,तो फिल्म इंडस्ट्री में हंगामा मच गया.कई एसोसिएशन को इन गाइड लाइन्स पर घोर आपत्ति है.मजेदार बात यह है कि सरकार ने निर्णय लेने से पहले फिल्म व टीवी कलाकारों की संस्था ‘‘सिंटा’’ से बात नहीं की.‘‘सिंटा’’ का कहना है कि सरकार ने उनके द्वारा भेजी गयी ‘एसओपी’को पूरी तरह से नजरंदाज करते हुए जल्दबाजी में निर्णय लिया है.

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इसी संदर्भ में अभिनेता और ‘‘सिंटा’’के संयुक्त सचिव अमित बहल से ‘‘सरिता’’पत्रिका’’के लिए हुई एक्सक्लूसिब बातचीत इस प्रकार रही..

सरकार की तरफ से शूटिंग शुरू करने के लिए गाइड लाइन्स गयी हैं.‘सिंटा’’की क्या राय है?

-देखिए,हम भी चाहते हैं कि काम शुरू हो.पूरी इंडस्ट्री चाहती है कि काम शुरू हो.मगर सरकार द्वारा जाी गाइड लाइंस से ‘‘सिंटा’’को काफी निराशा हुई है.सरकार की इन गाइड लाइंस में काफी अव्यावहारिक हैं.हमने अपनी संस्था ‘‘सिंटा’’के माध्यम से मुख्यमंत्री जी के पास जिन अति महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया था,उन्हें सरकार ने पूरी तरह से नजरंदाज कर दिया है.जबकि ‘सिंटा’ की तरफ से गाइड लाइन्स /स्टैडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर’ यानीकि ‘एस ओ पी’मुख्यमंत्री को पहले पहुॅच गए थे,उसके बाद मुख्यमंत्री ने ‘आईएफटीसी’के साथ  जूम मीटिंग की थी.हमने जो गाइड लाइन्स भेजी थी,उसमें फिल्म व टीवी कलाकार ही नहीं बल्कि हर तकनीशियन व वर्कर के हितों व उनकी सुरक्षा का ख्याल रखा था.

हमें तो यह बताया गया था कि 2 जून को जूम पर‘सिन्टा’के साथ मुख्यमंत्री बात करेंगे और इसमें सिंटा के साथ ही ब्राडकाॅस्टर,निर्माता,निर्देशक सहित सभी एसोसिएशनों के लोग शामिल होंगे.विचार विमर्श कर गाइड लाइन्स का अंतिम प्रारूप बनेगा और उस पर हर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की तरफ से सहमति के रूप में हस्ताक्षर होंगे.हमारे देश में भी दूसरे देशों की ही तरह एक डॉक्यूमेंट बनना चाहिए था,जिस पर सभी स्टेकहोल्डर के हस्ताक्षर होते.मगर 31 मई की शाम को अचानक सरकार ने गाइड लाइन्स जारी कर शूटिंग की इजाजत दे दी.मैं मानता हॅूं कि कुछ मुद्दों पर बहस होना जाहिर सी बात है.तो कुछ मुद्दे आप बहस के लिए छोड़ सकते हैं. पर सुरक्षा को ताक पर नहीं रखा जा सकता.अभी लॉक डाउन खत्म ही नहीं हुआ है.उससे पहले ही दिशा निर्देश दे दिए गए.सरकार ने किससे बात करके यह सब तय किया.

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‘‘सिंटा’’के किन मुद्दों को नजरंदाज कर दिया गया?

-देखिए,सबसे बड़ा मुद्दा तो ‘ग्रुप मेडीक्लेम’ व ‘ग्रुप इंश्योरेंस’का ही है,जो कि ‘कोविड -19’से जुड़ा है.पर सरकार ने अपनी गाइड लाइन्स में इसे जोड़ा ही नहीं.आखिर इंसान की जान की हिफाजत कौन करेगा? सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी होगी?हमने हर कलाकार व वर्कर को जान की सुरक्षा देने के मकसद मेडीक्लेम व इंश्योरेंस की बात की.आखिर सेट पर कोई भी दुर्घटना घटी,तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? कलाकार या तकनीशियन या निर्माता?

सबसे अहम बात यह है कि एक इंसान कोरोना संक्रमित हंै,यह जल्दी पती ही नहीं चलता.आप या मैं सेट पर निरंतर जा रहे हैं.हमारे तापमान की जांच हो रही है.एक बार कोरोना जाॅंच भी नगेटिब आ चुकी है.हममें कोई कोराना लक्षण नही मिले.फिर भी मैं सेट पर जाकर 20 लोगों को ‘कोरोना’संक्रमित कर देता हूंू,तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? हम यह भी मानते हैं कि अब हमंे कोरोना के साथ जीना पड़ेगा.लेकिन ‘प्रिकॉशन इस बेटर देन क्योर’.इसलिए हमें लग रहा है कि यह निर्णय जल्दबाजी में हुआ है.

इसमे बहुत कुछ ऐसा है,जो कि प्रैक्टिकली संभव नहीं.गाइड लाइन्स कहती है कि कलाकार अपने घर से मेकअप करके आए.आप भी तीस पैंतिस वर्षों से फिल्म पत्रकारिता कर रहे हैं.आप स्वयं मुझे बताइए कि कॉस्टयूम ड्रामा या हिस्टोरिकल ड्रामा में कौन सा कलाकार अपने घर से मेकअप करके आएगा?आपने कह दिया कि खाना घर से लेकर आए.चलिए से मान लिया.आपने क्रू स्टाफ कम कर दिया है.ठीक है.

पिछले ढाई माह से सभी शूटिंग स्टूडियो,पोस्ट प्रोडक्शन स्टूडियो बंद हैं,इनकी ठीक से सफाई करने के बाद पूरी तरह से  सैनिटाइज करने में भी समय लगेगा.इस पर विचार ही नहीं किया गया.

पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने तो स्टूडियो का सर्वे करने के बाद गाइड लाइन्स बनाने की बात कही थी?

-जी हाॅ!22 मई को जो जूम पर बैठक हुई थी,उसमें मुख्यमंत्री ने सर्वे करने की बात कही थी?तो सर्वे करने कौन गए थे?हमें लगता है कि जिन लोगों ने भी सर्वे किया,उन्होने सिर्फ ‘फिल्मसिटी’स्टूडियों का सर्वे कर सारे निर्णय ले लिए.जबकि यहां छोटे छोटे स्टूडियो हैं,जहां पर एक साथ दस से लेकर बीस सीरियलों या फिल्म की शूटिंग एक साथ होती है,तो इन स्टूडियो में सोशल डिस्टेंस कैसे होगा?मैं टिपिकल उदाहरण देता हूं.‘कलावंत स्टूडियो’,या ‘यशराज स्टूडियो’या गोरेगांव के ‘फ्यूचर स्टूडियो’मंे तो सामाजिक दूरियां संभव ही नही है.हमें लगता है कि सरकार की तरफ से अति जल्दबाजी में यह निर्णय लिया गया है.

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तो अब ‘‘सिंटा’’का क्या कदम होगा?

हम लोग आज फेडरेशन से बात कर रहे हैं.क्योंकि फेडरेशन के साथ हमारा ईएमयू भी है.फेडरेशन और सिंटा का चोली दामन का साथ है. उसके बाद हम सारे स्टेकहोल्डर्स के साथ उन महत्वपूर्ण मुद्दांे पर बात करेंगे,जो कि छूट गए हैं.

क्या अबसिंटाअपनी मांग को लेकर पुनः मुख्यमंत्री अर्थात सरकार को  पत्र लिखेगा?

-यह आवश्यक हो गया है.हम सिर्फ सरकार को ही नही बल्कि फिल्म व टीवी इंडस्ट्री के सभी स्टेकहोल्डर को पत्र लिखने के साथ ही ईमेल लिखकर सिंटा ’की चिंताओ से अवगत कराएंगे.इतना नही नही हम इंडस्ट्री से जुड़े हर इंसान की सुरक्षा व हित के लिए मीडिया से भी मदद लेंगें.

सरकार की गाइड लाइन्स के अनुसार 60 साल की उम्र वाले लोग सेट पर नहीं जा सकते.ऐसे में अबकेबीसीनहीं बनेगा?

-इस नियम से अनिल कपूर,अमिताभ बच्चन,संजय दत्त सहित कई बेहतरीन कलाकार,किरण कुमार,मोहन जोशी जैसे कई करेक्टर आर्टिस्ट को अब अभिनय नही करने दिया जाएगा.यह तो संविधान का भी उल्लंघन है.ंहमारे देश का संविधान हर नागरिक को काम करने का अधिकार देता है.आप किसी को भी काम करने से नहीं रोक सकते.हमने ‘सिंटा’ की एसओपी में साफ साफ लिखा था कि साठ साल या उससे अधिक उम्र के कलाकार या तकनीशियन से हम अंडरटेकिंग लेंगे कि वह अपनी खुद की जिम्मेदारी पर काम कर रहे हैं.इसी तरह बाल कलाकारों के लिए उनके माता पिता अंडरटेकिंग लिखकर देंगे.

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