जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के दूसरे दिन टैक्स की रेट पर फैसला नहीं हो पाया. आम सहमति नहीं बन पाने के कारण फैसला टाल दिया गया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीटिंग के बाद कहा, 'जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 3-4 नवंबर को होगी, जिसमें टैक्‍स रेट का औपचारिक एलान होगा.' जीएसटी काउंसिल की यह तीसरी मीटिंग थी. टैक्‍स रेट पर सहमति बन गई तो 9-10 नवंबर को भी काउंसिल की दोबारा मीटिंग होगी.

राज्‍यों के मुआवजे पर आम सहमति

– जेटली ने कहा, ‘राज्‍यों के मुआवजे के लिए फंड पर चर्चा हुई. इस पर लगभग आम सहमति बन गई है. अगली मीटिंग में इसका एलान करेंगे.’

– जेटली ने कहा, ‘मुआवजे के लिए फंड कहां से आएगा, इस पर भी चर्चा की गई. राज्‍यों के मुआवजे के लिए 2015-16 को आधार बनाया गया है.’

मीटिंग के पहले दिन क्‍या हुआ?

– जीएसटी काउंसिल मीटिंग के पहले दिन मंगलवार को रेट पर 4 टियर स्ट्रक्चर का प्रपोजल केंद्र सरकार ने सौंपा. जिसमें 4 से 26 फीसदी के बीच चार टैक्स स्लैब बनाने का प्रपोजल है.

– जीएसटी काउंसिल को 5 रेट स्ट्रक्चर के भी प्रपोजल मिले थे, जिस पर जिस पर बुधवार को अंतिम फैसला होना था.

इन पर भी बनी सहमति

– जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के पहले दिन राज्यों को मिलने वाले हर्जाने के फॉर्मूल और उसके डेफिनिशन पर सहमति बन गई है.

– काउंसिल ने यह भी तय किया कि रेवेन्यू लॉस की भरपाई के लिए सेस भी लगाया जा सकता है.

– इसके अलावा सरकार ने यह भी संकेत दे दिए हैं कि रेट तय करने में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि आम आदमी पर महंगाई का बोझ न पड़े.

जीएसटी रेट को लेकर कहां है असहमति?

– बीते साल चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर अरविंद सुब्रमण्यन की अगुवाई वाले एक पैनल ने बल्क गुड्स और सर्विसेज के लिए 17-18 फीसदी स्टैंडर्ड रेट रखने का सुझाव दिया था.

– वहीं पैनल ने गुड्स के लिए लो रेट 12 फीसदी और लग्जरी कार, एयरेटेड बेवरेजिस, पान मसाला और तंबाकू आदि पर अधिकतम 40 फीसदी टैक्स लगाने की सिफारिश की थी.

– महंगी धातुओं पर 2-6 फीसदी के दायरे में टैक्स रखने की सिफारिश की गई थी. कांग्रेस 18 फीसदी रेट रखने पर जोर दे रही है.

जीएसटी से नहीं बढ़ेगी महंगाई

जेटली के मुताबिक, जीएसटी के लिए जो रेट तय किए जाएंगे, उसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा, कि उसका असर महंगाई बढ़ाने के रूप में न हो. इसके पहले सीईए अरविरंद सुब्रमण्यन कमेटी मोटे तौर पर 2 से 40 फीसदी के बीच का जीएसटी स्लैब रेट प्रपोजल किया है. मीटिंग के बाद जेटली ने यह भी कहा कि इसके अलावा 11 राज्य जो भौगोलिक रूप से डिसएडवाटेंज की स्थिति में हैं उन्हें भी रेवेन्यू के दायरे में लाया जाएगा. यानी रेवेन्यू डेफिनिशन में शामिल किया जाएगा.

और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...