फॉर्मेट बदला लेकिन भारत दौरे पर न्यूजीलैंड की किस्मत नहीं बदली. तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में मिली एकतरफा जीत के सिलसिले को भारत ने वनडे सीरीज में भी जारी रखा और धर्मशाला में खेले गए पहले वनडे में 6 विकेट से आसान जीत दर्ज की.

7 विकेट 65 रन पर गिर जाने के बाद ओपनर टॉम लेथम (79 रन, 98 बॉल, 7 फोर, 1 सिक्स) ने आठवें विकेट के लिए डग ब्रेसवेल (15) के साथ 41 और नौवें विकेट के लिए टिम साउदी (55 रन, 45 बॉल, 6 फोर, 3 सिक्स) के साथ 58 बॉल पर 71 रन की पार्टनरशिप कर न्यू जीलैंड को 190 रन के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.

लेकिन टीम इंडिया ने विराट कोहली (85* रन, 80 बॉल, 9 फोर, 1 सिक्स) की धमाकेदार इनिंग्स से 4 विकेट खोकर इसे आसानी से चेज कर लिया. न्यूजीलैंड के खिलाफ होम ग्राउंड पर भारत की यह लगातार सातवीं जीत है.

नहीं उठा सके फायदा

टारगेट का पीछा करने उतरी भारत को रोहित शर्मा (14 रन, 26 बॉल, 1 फोर, 1 सिक्स) और अजिंक्य रहाणे (33 रन, 34 बॉल, 4 फोर, 2 सिक्स) ने 49 रन की पार्टनरशिप कर अच्छी शुरुआत दिलाई. हालांकि दोनों अपनी अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा सके और 62 रन के टीम टोटल तक पविलियन लौट गए.

कुछ ऐसा ही हाल महेंद्र सिंह धोनी (21 रन, 24 बॉल, 1 फोर, 1 सिक्स) और मनीष पांडे (17 रन, 22 बॉल, 1 फोर) का भी रहा. लेकिन विराट कोहली ने एक छोर से लगातार अटैक जारी रखते हुए टीम को आसानी से जीत दिला दी.

पंड्या का यादगार डेब्यू

इससे पहले टॉस जीतकर भारत ने पहले फील्डिंग का फैसला का फैसला किया. इस मैच से डेब्यू कर रहे हार्दिक पंड्या ने उमेश यादव के साथ दूसरे छोर से बोलिंग की शुरुआत की. पहली बॉल पर एक रन लेकर टॉम लेथम ने स्ट्राइक मार्टिन गप्टिल (12) को दी.

ऑफ साइड से बाहर की बॉल को गप्टिल तीसरे स्लिप की बगल से निकालने में सफल रहे. अगली ही बॉल को उन्होंने छोड़ने की कोशिश की लेकिन बॉल बैट का बाहरी किनारा लेकर एक बार फिर स्लिप की बगल से बाउंड्री के बाहर चली गई.

तीसरी बॉल पर गप्टिल ने पॉइंट बाउंड्री पर उम्दा शॉट खेलकर चार रन हासिल किए. लगातार बाउंड्री लगने के बावजूद कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी पंड्या का हौसलाअफजाई करते रहे. नतीजा हुआ कि अगली ही बॉल पर उन्होंने गप्टिल को थर्ड स्लिप में रोहित शर्मा के हाथों कैच आउट कराकर अपने डेब्यू मैच को यादगार बना दिया.

छोर बदला, मैच बदला

पंड्या भले ही पहले स्पेल में मार्टिन गप्टिल को आउट करने में कामयाब रहे लेकिन इस दौरान उन्होंने चार ओवर में 27 रन दे दिए. धोनी ने उन्हें बोलिंग से हटाकर जसप्रीत बुमरा को गेंद थमा दी. लेकिन अगले ही ओवर में उमेश यादव को हटाकर उस छोर से पंड्या को फिर से मोर्चे पर लगा दिया.

पंड्या ने अपने लगातार दो ओवर में पहले कोरी एंडरसन (4) और फिर ल्यूक रोंची (0) को आउट कर न्यू जीलैंड की कमर तोड़ दी. नतीजतन 15 ओवर की समाप्ति तक न्यू जीलैंड की आधी टीम 55 रन तक पविलियन लौट गई. पंड्या ने तीन ओवर के अपने इस स्पेल में केवल चार रन देकर दो विकेट लिए.

साउदी ने भरा जोश

लगातार गिर रहे विकेट के बीच ओपनर टॉम लेथम ने एक छोर को थामे रखा. 65 रन तक 7 विकेट गिर जाने के बाद आखिरकार उन्हें लोअर ऑर्डर में डग ब्रेसवेल (15) का साथ मिला और दोनों ने आठवें विकेट के लिए 41 रन की पार्टनरशिप कर ना केवल लगातार गिर रहे विकेट के सिलसिले को रोका बल्कि टीम को 100 रन के भीतर आउट होने से बचाया.

इस बीच लेथम ने इस दौरे पर अपनी चौथी हाफ सेंचुरी भी पूरी की. 8 विकेट 106 रन तक गिर जाने के बाद उम्मीद यही की जा रही थी कि इनिंग्स का अंत जल्दी हो जाएगा. लेकिन नए बैट्समैन टिम साउदी ने अपनी आतिशी बैटिंग से फैंस में पहली बार जोश भरा.

हालांकि जब वह दो रन पर थे तब जसप्रीत बुमराह की बॉल पर उनका आसान कैच उमेश यादव ने टपका दिया था. लेकिन इसके बाद उन्होंने भारतीय बोलर्स की जमकर पिटाई करते हुए टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचा दिया. उन्होंने महज 40 बॉल में अपनी पहली हाफ सेंचुरी भी पूरी की.

धोनी के मास्टर स्ट्रोक केदार

केदार जाधव को सुरेश रैना की जगह टीम में जगह दी गई. रैना बैट के साथ ही पार्ट टाइम बोलर की भूमिका भी निभाते हैं. धोनी को केदार से भी कुछ ऐसा ही चाहिए था. यही वजह है कि उन्हें टीम में शामिल अनुभवी अमित मिश्रा और अक्षर पटेल जैसे अनुभवी बोलर के ऊपर तरजीह देते हुए इंटरनैशनल क्रिकेट में पहली बार बोलिंग की जिम्मेदारी सौंप दी.

ऑफ ब्रेक बॉलर केदार डोमेस्टिक क्रिकेट में भी कम ही बोलिंग करते देखे जाते हैं. लेकिन इस मैच में वह अपने कैप्टन की उम्मीदों पर खरे उतरे और तीन ओवर के अपने स्पेल में महज 6 रन देकर दो विकेट हासिल कर लिए. हालांकि जब बैटिंग की बारी आई तो धोनी ने रैना की पोजिशन पर उन्हें नहीं बल्कि खुद को उतारा.

पांड्या बने मैन ऑफ द मैच

वहीं, अपने पहले ही वनडे मैच में मैन ऑफ द मैच रहे भारतीय ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने कहा, 'अपने पहले ही वनडे मैच में मैन ऑफ द मैच पुरस्कार लेना स्पेशल है. यह पल मैं जिंदगी भर याद रखूंगा. मैं टीम में आकर खुश हूं. शुरुआत में मैं थोड़ा नर्वस था, लेकिन मैंने ऑस्ट्रेलिया और घरेलू सत्र में काफी गेंदबाजी की थी. मैं गेंद को तेज करने के बजाय लय के साथ फेंकने की कोशिश कर रहा था. मैं टेस्ट मैच की लेंथ पर और गुड लेंथ पर गेंदबाजी करने की कोशिश कर रहा था.'

कपिल ने हार्दिक को दी कैप

हार्दिक पंड्या ने इस मैच में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया. भारत के लिए वनडे खेलने वाले वह 215वां खिलाड़ी बन गए हैं. उन्हें डेब्यू कैप पूर्व ऑलराउंडर कपिल देवी ने सौंपी. कपिल देव के बाद भारत को अब तक एक कंप्लीट ऑलराउंडर नहीं मिला है. पंड्या में कपिल की झलक देखी जा रही है. शायद यही वजह है कि टीम मैनेजमेंट में पंड्या को वनडे डेब्यू कैप कपिल देव के हाथों ही दिलाने का फैसला किया.

माही दुनिया के दूसरे सबसे सफल कप्तान बने

टीम इंडिया के वनडे और टी-20 कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले वनडे मैच को जीतकर एक नया इतिहास रच दिया. सीरीज के पहले वनडे मैच को जीतकर माही दुनिया के दूसरे सबसे सफल कप्तान बन गए हैं. धोनी ने अपनी कप्तानी में भारत को 108 वनडे मैच में जीत दिलाकर एलन बॉर्डर को पीछे छोड़ा.

पॉन्टिंग के बाद बनें दूसरे सफल कप्तान

टीम इंडिया ने धोनी की कप्तानी में अभी तक 108 मैच जीते हैं. धर्मशाला में खेले गए वनडे मैच से पहले धोनी संयुक्त रूप से बॉर्डर के साथ दूसरे स्थान पर थे. दोनों कप्तानों ने अपनी कप्तानी में अपनी टीमों को 107-107 मैच जिताए थे. ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग 165 जीत के साथ पहले स्थान पर है और उनका रिकॉर्ड टूटना असंभव लग रहा है.

धोनी ने 2007 से अभी तक 195 वन-डे मैचों में टीम इंडिया का नेतृत्व किया और टीम ने इनमें से 108 मैचों में जीत दर्ज की. टीम इंडिया को उनके नेतृत्व में 72 मैचों में हार का सामना करना पड़ा जबकि 4 मैच टाई रहे और 11 मैचों का परिणाम नहीं निकल पाया.

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलन बॉर्डर ने 1985 से 1994 के बीच 178 वन-डे मैचों में ऑस्ट्रेलिया का नेतृत्व किया, इनमें से 107 मैचों में टीम ने जीत दर्ज की जबकि 67 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा.

रिकी पोंटिंग ने 230 मैचों में ऑस्ट्रेलिया की कमान संभाली थी, इनमें से 165 मैचों में टीम ने जीत दर्ज की जबकि उसे मात्र 51 मैचों में हार का सामना करना पड़ा. इस तरह पोंटिंग के नेतृत्व में टीम की सफलता का प्रतिशत काबिलेतारीफ ढंग से 76.14 रहा.

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