राहुल और राजेश एक ही स्कूल में पढ़ते थे. दोनों काफी होशियार थे इसलिए उन में प्रतिस्पर्धा रहती थी. इसी प्रतिस्पर्धा के चलते वे दोनों एकदूसरे को नीचा दिखाने में लगे रहते थे. एक दिन राहुल ने सारी सीमाएं ही पार कर दीं. उस ने राजेश को टैस्ट में पछाड़ने की नीयत से उस की कौपी चोरी कर ली. जब राजेश को इस बात का पता चला तो उस ने उसे सबक सिखाने के लिए उस की स्कूल परिसर में ही पिटाई कर दी. इस से दोनों ने बदला तो ले लिया लेकिन जब टीचर्स को इस बात का पता लगा तो उन्होंने उन दोनों को स्कूल से निकाल दिया.
ऐसी घटनाएं आएदिन सामने आती हैं. यदि राजेश और राहुल समझदारी से काम लेते तो उन का कैरियर खराब नहीं होता. इसलिए कोशिश यही करनी चाहिए कि जब कोई आप के साथ गलत करे तो शुरू में ही उसे सहें नहीं बल्कि उसे समझाएं कि ऐसा करना ठीक नहीं है ताकि आगे उस की हिम्मत न बढ़े. अगर वह फिर भी न माने तो किसी बड़े को इस की जानकारी दें न कि खुद ही उसे सबक सिखाने लग जाएं.
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ऐसी स्थिति से बचने के लिए रखें कुछ बातों का ध्यान
किसी का दिल न दुखाएं
किशोरों में अकसर यह आदत देखने को मिलती है कि वेखुद को परफैक्ट दिखाने के लिए कभी किसी का तो कभी किसी का दिल दुखाते रहते हैं जो सही नहीं है. अगर किसी ने उन के ग्रुप में अच्छे कपड़े पहन लिए तो वह उन की आंखों में खटकता ही रहता है और जब तक वे उस की कमियां न निकाल दें तब तक उन्हें सुकून नहीं मिलता. जैसे यार, तेरे ऊपर यह कलर सूट नहीं कर रहा, नई होते हुए भी तेरी जींस पुरानी लग रही है, इस आउटफिट में तू बिलकुल जीरो लग रहा है. जैसी बातें कह कर बातबात में उस की बात काटने की कोशिश करते रहते हैं, जिस से वह काफी नर्वस फील करता है और अगली बार आप के बीच आने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाता.
जिस तरह आप किसी का दिल दुखाते हैं और उसे बुरा लगता है उसी तरह कोई आप का दिल दुखाए तब आप पर क्या बीतेगी? इसलिए किसी के साथ बुरा करने की कोशिश न करें.
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झूठ न बोलें
भले ही आप की अपने फ्रैंड से न पटती हो, लेकिन फिर भी उस से ऐसी बातें न छिपाएं जिस से उस का नुकसान हो. स्नेहा ने अपनी क्लासमेट के साथ ऐसा ही किया. नेहा को किसी जरूरी काम से पापा के साथ जयपुर जाना पड़ा था और इस बीच उस के ऐग्जाम्स भी शुरू होने वाले थे, उस ने जयपुर से फ्रैंड्स को कौल करने की काफी कोशिश की लेकिन स्नेहा को छोड़ कर किसी का भी नंबर नहीं लगा. लेकिन जब उस ने ऐग्जाम्स की डेटशीट के बारे में उस से पूछा तो उस ने साफ इनकार कर दिया कि अभी डेटशीट नहीं मिली है, जबकि डेटशीट आ चुकी थी. इस से नेहा निश्चिंत हो गई, लेकिन जब वह वापस लौटी तो उसे पता चला कि ऐग्जाम्स तो शुरू भी हो चुके हैं. यह बात सुन कर उसे खुद पर काफी गुस्सा आया कि उस ने स्नेहा की बात पर क्यों विश्वास किया.
भले ही एक बार आप के झूठ बोलने की वजह से उस के मार्क्स कम आएं और आप उस से आगे निकल गई हों, लेकिन अगली बार वह आप पर विश्वास नहीं करेगी.
पीठ पीछे न करें बुराई
क्लास में तो आप साथ बैठते हैं, लंच भी साथ ही करते हैं, यहां तक कि होमवर्क में भी एकदूसरे की हैल्प लेते हैं, लेकिन जैसे ही आप की फ्रैंड इधरउधर गई नहीं कि आप ने उस की बुराई करनी शुरू कर दी. भले ही आप पीठ पीछे उस की बुराई कर रही हैं, लेकिन कहीं न कहीं से उसे इस बात का पता चल ही जाएगा कि आप उस की बुराई करती हैं. इस से उसे बुरा लगेगा कि आप के बीच इतनी क्लोजनैस होने के बावजूद आप ने उस की बुराई की. साथ ही आप के बाकी फ्रैंड्स भी आप की हंसी उड़ाएंगे कि देखो, जब साथ होती है तो तारीफ पर तारीफ करती रहती है, वैसे दिल में इतनी बुराई भरी है. जब यह इस की बुराई कर सकती है तो हमारी बुराई करने में भी पीछे नहीं रहेगी इसलिए इस से दूर रहने में ही भलाई है.
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चमचागीरी न करें
हो सकता है कि आप के फ्रैंड के पापा उसी स्कूल में टीचर हों जिस में आप पढ़ते हैं. इस चक्कर में आप अपने फ्रैंड की चमचागीरी करते हों ताकि आप को अच्छे मार्क्स मिल सकें. इस बात का फायदा आप का दोस्त भी पूरापूरा उठाता है. जैसे आप से अपने नोट्स बनवाता हो, यहां तक कि कैंटीन में हर बार पैसे भी आप को पे करने के लिए कहता हो और आप भी डर के मारे उस की हर फरमाइश पूरी करते हों.
कई बार तो वह दोस्तों से मारपीट करता है और फंसा आप को देता है, लेकिन आप यह सब चुपचाप सहते हैं सिर्फ इसलिए कि कहीं उस के पापा आप को फेल न कर दें.
आप को अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा होना चाहिए. अगर आप को खुद पर विश्वास है तो आप को किसी के आगेपीछे भागने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जब आप किसी को ज्यादा महत्त्व देंगे तो उस के तेवर बढ़ जाएंगे जो आगे चल कर आप के लिए ही परेशानी का कारण बनेंगे.
कोई बुरा मान जाएगा इसलिए सहते न रहें
यदि आप का नेचर काफी हैल्पिंग है और आप किसी की मदद करने में एक मिनट का समय भी नहीं लगाते तो ऐसे में कोई भी आप का फायदा उठा सकता है. हो सकता है आप की इस हैबिट से आप का फ्रैंड भी भलीभांति परिचित हो, जिस के कारण कभी तंगी के नाम पर तो कभी स्कूल व ट्यूशन की फीस देने के नाम पर आप से पैसे मांगता रहता हो. 1-2 बार तो आप ने भी खुशीखुशी उस की हैल्प कर दी होगी, लेकिन अब इसे रूटीन बनता देख आप को काफी परेशानी होती है. आप सिर्फ इस कारण उसे कुछ नहीं कहते कि कहीं वह बुरा न मान जाए, जो सही नहीं है. इस से जहां एक ओर आप पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है वहीं आप के कुछ न कहने से उस की आदत भी बिगड़ रही है. इसलिए कभी भी गलत बात को न सहें और उसे साफ इनकार कर दें कि मैं तुम्हारी किसी भी तरह की हैल्प नहीं कर पाऊंगा भले ही इस से दोस्ती टूटती हो तो टूटे.
चोरी करने की गलती न करें
आज के मौड युग में टीनएजर्स के खर्चे काफी बढ़ गए हैं. कभी फोन रिचार्ज करवाने के लिए, कभी नैट पैक डलवाने के लिए तो कभी फ्रैंड्स को पार्टी देने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है. ऐसे में जितनी पौकेटमनी उन्हें मिलती है अब वह कम पड़ने लगी है.
अपने शौक पूरे करने के लिए और फ्रैंड्स पर टशन जमाने के लिए वे चोरी करने में भी पीछे नहीं रहते. कभी दोस्त के बैग से हाथ साफ करते हैं तो कभी घर में. भले ही ऐसी हरकतों से आप के शौक पूरे हो रहे हैं, लेकिन इस से आप का भविष्य अंधकार में है. इसलिए अपने खर्च को कंट्रोल करें और उतना ही खर्च करें जितनी पौकेटमनी आप को मिलती हो.
दोस्ती में चीटिंग नहीं
कभीकभी किशोर एकदूसरे का फायदा उठाने के लिए जैसे ऐग्जाम्स नजदीक आ रहे हैं तो पढ़ाई में हैल्प के लिए, किसी पार्टीफंक्शन में जाना है तो उस से कपड़े शेयर करने के लिए भी दोस्ती करते हैं, लेकिन जैसे ही मतलब निकल जाता है तो उस से मुंह मोड़ लेते हैं. यहां तक कि प्यारीप्यारी बातें कर के उस के सीक्रेट्स जानने की भी कोशिश करते हैं और फिर उन्हीं सीक्रेट्स से उन्हें ब्लैकमेल करते हैं, जिस से सामने वाला खुद को छला हुआ महसूस करता है और उस का दोस्ती पर से विश्वास उठ जाता है.
इसलिए जब कभी भी किसी से दोस्ती करें तो दिल से करें न कि उस का दिल दुखाने के लिए.
इमोशनल अटैच न हों
हम तभी अधिक सहते हैं जब किसी से ज्यादा अटैच होते हैं. हमें लगता है कि अगर हम उस की गलती बताएंगे या फिर उसे कोई चीज देने से मना करेंगे तो वह बुरा मान जाएगा. ऐसे में उस की हर गलत मांग सहते हैं जो अंदर ही अंदर हमें टौर्चर करती है. इसलिए किसी से भी जरूरत से ज्यादा अटैचमैंट न रखें.