लेखक: विनय कुमार पांडेय

लंबे समय से जापान को ‘लव होटल’ वाला देश माना जाता रहा है. जापान को अब ऐसा क्या हो गया है कि वहां के युवाओं की रुचि सैक्स से खत्म हो रही है. जापान के युवा सैक्स नहीं कर रहे हैं.

नए शोध के मुताबिक, ऐसे लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिन्होंने कभी सैक्स नहीं किया. जापान में 18 से 34 साल के बीच के 43 फीसदी लोगों ने कभी संभोग नहीं किया है. 52 फीसदी लोगों का कहना है कि वे वर्जिन हैं और 64 फीसदी लोग किसी भी तरह की रिलेशनशिप में नहीं हैं. जापान में सैक्स के प्रति घटती रुचि चिंताजनक है.

सैक्स के लिहाज से मौजूदा समय मानव इतिहास का सब से उन्मुक्त दौर कहा जा सकता है. बीते 4 दशकों की तकनीक ने यौन संबंधों को उन्मुक्ता दी है, चाहे वे गर्भनिरोधक गोलियां हों या फिर गिं्रडर और टिंडर जैसी डेटिंग ऐप. ये सब मिल कर यौन संबंधों को नया आयाम देते हैं. इतना ही नहीं, सामाजिक मान्यताओं के लिहाज से भी समलैंगिकता, तलाक, शादी से पहले सैक्स संबंध, और एकसाथ कई से यौन संबंध जैसे चलन अब कहीं ज्यादा स्वीकार किए जा रहे हैं. बावजूद इन सब के, शोध अध्ययन यह बताते हैं कि पिछले दशक की तुलना में दुनिया में लोग कम सैक्स कर रहे हैं.

अमेरिकी शोधकर्ता जीन त्वेंगे, रायन शेरमान और बु्रक वेल्स का एक शोध अध्ययन आर्काइव्स औफ सैक्सुअल बिहेवियर में प्रकाशित हुआ, जिस के मुताबिक, 1990 के दशक की तुलना में 2010 के दशक में लोग हर साल 9 बार कम सैक्स कर रहे हैं. आंकड़ों के हिसाब से इस में 15 फीसदी की कमी देखी गई. 1990 के दशक में हर साल लोग 62 बार सैक्स कर रहे थे, जो 2010 के दशक में घट कर सालाना 53 बार रह गया था. यह गिरावट सभी धर्म, सभी नस्ल, सभी क्षेत्र, शिक्षित और अशिक्षित सभी तरह के लोगों में देखने को मिली थी.

युवाओं में डिप्रैशन और एंग्जायटी के मामले भी बढ़े हैं. आज की युवापीढ़ी नौकरी की असुरक्षा और गलाकाट प्रतियोगिता के बीच उल झी हुई है. इन सब का असर उन के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. ऐसे में वे एंटी डिप्रैसैंट जैसी दवाइयों का सेवन करने लगते हैं और इन सब का दुष्प्रभाव उन की सैक्स लाइफ पर पड़ रहा है. दूसरी तरफ इंटरनैट ने हमारी जिंदगी आसान तो बना दी है लेकिन इस के कई साइड इफैक्ट्स भी देखने को मिल रहे हैं. सैक्स रिसैशन उन में से एक है.

आजकल के ज्यादातर जोड़े अपने स्मार्टफोन में इतने व्यस्त रहते हैं कि वे साथ होते हुए भी साथ नहीं हो पाते. खाली वक्त में भी वे एकदूसरे के साथ नहीं रह पाते. सैक्स की पहल तो दूर, उन्हें मोबाइल में ज्यादा दिलचस्पी होती है. आज की युवापीढ़ी औनलाइन डेटिंग और डिजिटल सोशलाइजिंग ज्यादा पसंद करती है, जिस का असर उन के सैक्स संबंधों पर भी पड़ रहा है.

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खानपान का असर

सैक्स के प्रति युवाओं में घटती रुचि के लिए उन का खानपान भी काफी हद तक जिम्मेदार है. वे जंक फूड, फ्राइड फूड इत्यादि का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, जो सैक्स हार्मोन टैस्टोस्टेरौन के स्तर को कम करते हैं. इस वजह से उन की सैक्स ड्राइव यानी यौनइच्छा घट रही है. वहीं, अकसर बहुत सी महिलाओं में यौन इच्छा की कमी देखने को मिलती है जिसे ले कर वे चिंतित रहती हैं क्योंकि इस से उन का रिश्ता प्रभावित होता है. इस समस्या के दौरान महिलाओं की यौनसंबंध बनाने की वास्तविक इच्छा खत्म हो जाती है और लवमेकिंग के वक्त उन का दिमाग टर्नऔन नहीं होता है.

सैक्स के प्रति नीरसता

आखिर ऐसा क्या हो रहा है जो लोग सैक्स के प्रति नीरस होते जा रहे हैं? इस की मुख्य रूप से 2 वजहें हैं. एक तो औनलाइन पोर्नोग्राफी और दूसरा सोशल मीडिया. 2011 में इटली में पोर्न देखने वाले 28 हजार लोगों पर एक सर्वे किया गया. सर्वे के मुताबिक, लोगों पर पोर्न में दिखने वाली काल्पनिक तसवीरों का ऐसा असर होता है कि वे बैडरूम में सैक्स संबंध के लिए तैयार ही नहीं हो पाते हैं और उन की स्थिति असहाय जैसी हो जाती है.

वर्ष 2014 में अमेरिका में माइकल मैलकौल्म और जौर्ज नाउफैल नामक 2 शोधकर्ताओं ने 18 से 35 साल के 1,500 युवाओं पर सर्वे किया. इन से इंटरनैट के बढ़ते इस्तेमाल और उन के  रोमांटिक जीवन पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछा गया. ईस्टर्न इकोनौमिक जरनल में प्रकाशित इस अध्ययन में देखा गया कि जो लोग ज्यादा देर तक इंटरनैट का इस्तेमाल करते हैं, उन में शादी करने की दर कम होती है.

एक पत्नी की हमेशा चाहत रहती है कि उस का हमसफर रोमांटिक हो. लेकिन देखा जाए, तो जीवनभर का साथ जैसी सोच ही कभीकभी पतिपत्नी को एकदूसरे के प्रति लापरवाह बना देती है. उस पर पति अंतर्मुखी स्वभाव के हों, तो स्थिति और भी मुश्किल हो जाती है. पतिपत्नी का रिश्ता जितना गहरा होता है, उतना ही टकरावभरा भी होता है.

आमतौर पर पुरुषों के व्यवहार के कई रूप देखने को मिलते हैं, जैसे आक्रामक, दयालु, नम्र, कठोर, धीरशांत, खुशमिजाज, रोमांटिक या फिर बोरिंग. पुरुष बोरिंग इसलिए होते जा रहे हैं क्योंकि वे पत्नी को समय नहीं दे पाते जिस से उन में टकराव होता है और रिश्ते टूट जाते हैं. दूसरा कारण है सैक्स के प्रति उदासीनता.

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तनाव और काम का बो झ भी सैक्स के प्रति नीरसता ला रहा है. तनाव से हार्मोंस का स्तर गड़बड़ हो जाता है और इन सब का असर सैक्स संबंधों पर भी पड़ता है. पहले के समय में महिलाएं घर पर रहती थीं. दिनभर काम कर के जब पति घर लौटते थे, तो वे उन्हें रि झाने की कोशिश करती थीं, जिस से उन की सैक्सलाइफ में उत्तेजना बनी रहती थी. पर आज के समय में पतिपत्नी दोनों ही नौकरी करते हैं. दोनों पर काम का दबाव इतना होता है कि सैक्स उन की प्राथमिकता की लिस्ट से गायब हो जाता है. काम का प्रैशर कपल्स को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से इतना शिथिल कर देता है कि उन की कामोत्तेजना खत्म होने लगती है.

इंटरनैट सैक्स एडिक्शन

औनलाइन पोर्नोग्राफी के बढ़ते चलन से कई लोगों में इंटरनैट सैक्स एडिक्शन जैसी बीमारी देखने को मिल रही है. इस के कारण उन का रियल सैक्स के प्रति  झुकाव कम होता जा रहा है. जिन लोगों को पोर्न फिल्मों की लत लग जाती है, उन्हें रियल सैक्स की जगह पोर्न में ही मजा आने लगता है. वे उस काल्पनिक दुनिया से बाहर नहीं आ पाते. उसी तरह के सैक्स की कल्पना भी करने लगते हैं. ऐसे में अगर पार्टनर उन की अपेक्षाओं पर पूरा नहीं उतरता, तो सैक्स संबंध बनाने से उन्हें अरुचि हो जाती है.

वहीं, कुछ कपल्स में यह हीनभावना भी घर कर जाती है कि उन में पोर्न में दिखाए जाने वाले स्टार की तरह न ही स्टैमिना है और न ही वैसी परफैक्ट बौडी. ऐसे में वे पार्टनर से दूरी बना लेते हैं. बढ़ती उम्र के साथ सैक्स में रुचि कम होना स्वाभाविक है, पर जब कम उम्र में ही सैक्स में रुचि घटने लगे, तो यह सैक्स रिसैशन का संकेत है. आप को यह जान कर आश्चर्य होगा कि भारत सहित कई देशों में हुए शोधों से यह बात पता चली है कि पिछले दशक की तुलना में अब लोगों, खासतौर पर युवाओं, में यह बीमारी बढ़ रही है.

सैक्सुअल ड्राइव कैसे बढ़ाएं

सैक्सुअल ड्राइव बढ़ाने के लिए 8 घंटे की नींद लेनी बहुत जरूरी है. मोटापे का सैक्सुअल ड्राइव पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, सो, वजन नियंत्रण में रखें. बहुत से कपल्स एक ही तरह के सैक्सुअल पैटर्न को फौलो करते हैं. रोजमर्रा की जिंदगी की तरह सैक्स में भी एक ही रूटीन होने से वह बोरिंग व नीरस बन जाता है. सो, रिश्तों में नई ताजगी और ऊर्जा लाने के लिए नएनए सैक्सुअल प्रयोग करते रहें.

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