यूं तो सलमान खान के कई फैन हैं, लेकिन उनका एक फैन ऐसा है जिसने सलमान के बर्थडे के मौके पर कुछ स्पेशल करके अपने फेवरेट हीरो को जन्मदिन की बधाई दी है. हम बात कर रहे हैं अरुण कुमार निकम की जो सलमान खान के बहुत बड़े फैन हैं.

कभी सब्जियां बेचते थे अरुण…

सूरत की सड़कों पर सब्जियां बेचने से लेकर गायक बनने तक उनकी जर्नी सबके लिए मिसाल है. बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान की अदाकारी ही हैं जो उनके सपने को आगे बढ़ाने में सबसे बड़ा जरिया बनी. हाल ही में अरुण कुमार ने अपना दूसरा म्यूजिकल वेंचर ‘कैसे मिलू मैं’ लॉन्च किया हैं, जो उन्होंने अपने पसंदीदा स्टार के जन्मदिन के एक दिन पहले उनको डेडीकेट किया है.

अरुण कुमार निकम का जन्म जलगांव में  एक मध्यम वर्गीय महाराष्ट्रीयन परिवार में हुआ. एक गायक-लेखक बनने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पडा.

सलमान की वजह से हुए थे 12वीं में फेल…

जब सलमान खान पर आरोप लगाया गया था और लोगों ने दावा किया था कि वह एक अपराधी है तब अरुण बुरी तरह परेशान हो गए थे. उन्होंने बताया, “तब मैं 12 वीं की परीक्षा मे फेल हो गया था क्योंकि मैं पढ़ाई में  बिल्कुल भी ध्यान केंद्रित नहीं कर सका. लोग भाईजान के बारे में गलत गलत बातें कह रहे थे.” अरुण निकम के परिवार के सदस्य उनसे बिल्कुल खुश नहीं थे, क्योंकि उन्होंने उनकी शिक्षा पर जो भी पैसा बचाया था, वह सब बेकार हो रहा था. जब सब चीजें उनके लिए काम करना बंद हुई तो वह सूरत में सेटल होने और नए सिरे से काम शुरू करने के लिए मजबूर हो गये.

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जब हुई सलीम खान से मुलाकात…

“जब मैं पहली बार सूरत गया, तब मुझे कुछ समझ नही आ रहा था की मुझे क्या करना चाहिए ? फिर किसी तरह मैंने सब्जियां बेचना शुरू कर दिया. “2001 से यह संघर्ष भरी कहानी शुरू हुई तब में महज 15 साल का था. उन्होंने सलमान के पिता सलीम खान के साथ एक भेट को याद करते हुए कहा, “मैं सलीम सर से मिला और उनको अपनी इच्छाएं भी बताई कि मैं एक कहानी लिख रहा हूं जिसमें भाई का मुख्य किरदार होगा.” जिससे भी उस दौरान अरुण कुमार मिले उन्होंने कहा “आप लेखक बनने के लिये अभी बहुत छोटे हो. मैं भारत के नामचीन प्रोडक्शन हाउस में भी गया, लेकिन उन्होंने कहा यह मेरे लिए बहुत जल्दी होगा.” 15 साल के होने नाते तब कुछ नहीं हुआ ऐसा उनका मानना है. हालांकि सलमान से मिलने के अपने सपने को नहीं छोड़ते हुए, उन्होंने सप्ताह के दिनों में सूरत में सब्जियां बेचते और हर सप्ताह के अंत में सारी कमाई अपनी किस्मत आजमाई खर्च करते रहे.

14 साल के स्ट्रगल के बाद जब हुई सलमान से मुलाकात…

14 साल तक संघर्ष करते हुए अरुण कभी यह नहीं जानते थे कि वह सलमान से मिलेंगे या नहीं, पर उनका मानना था कि उनकी किस्मत चमक रही थी. उसी दौरान उन्हें संगीत निर्देशक निखिल कामथ के साथ काम करने का एक मौका मिला और अरुण निकम का पहला संगीत प्रोजेक्ट शुरू हुआ. इस पहले प्रोजेक्ट का शीर्षक था ‘वाह तेरी बेवफाई’. “इससे मुझे वह आत्मविश्वास हासिल हुआ जो मैं हमेशा से करना चाहता था जो है सलमान सर के लिए एक कहानी. फिर प्रेम रतन धन पायो ’के सेट पर, मेरा सपना पूरा हुआ. मैं अंत में अपनी आइडल से मिला.”

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जब भिखारियों के साथ गुजारी रात…

उन्होंने यह भी कहा कि उन कठिन समय के दौरान जब उन्होंने सलमान से मिलने की कोशिश की तो उनके पास पैसे समाप्त हो गए और ऐसी स्थिति हो गई कि वह अक्सर सड़क पर भिखारियों के साथ भोजन करते थे. उस दौरान के कुछ पलो को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने खुद से पूछा था कि मैं कैसे निकलूंगा. तब भीतर से एक आवाज उठी, ‘कैसे मिलूं मैं ? ’कुछ इस तरह इस गाने का जन्म हुआ.”

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यह मेरा आखिरी मौका है…

अरुण कुमार निकम सलमान से दोबारा मिलना चाहते हैं. सिर्फ इसलिए नहीं कि वह भाई के बहुत बड़े फैन हैं बल्कि इसलिए क्योंकि वह एक अच्छे लेखक है और उनके लिए एक विशेष कहानी भी लिखी है. “मुझे सलमान भाई से सिर्फ एक दिन चाहिए. क्योंकि यह मेरे पास आखिरी मौका है. अगर इसके बाद कुछ नहीं हुआ, तो जाहिर है मुझे फिर से सब्जियां बेचने के लिए वापस जाना होगा. मेरे परिवार ने बहुत समय पहले ही मुझे छोड़ दिया था, हालांकि उस एक एल्बम के लॉन्च के बाद से, हम फिर से बात करने लगे. क्योंकि वे जानते हैं कि मैं अब में स्थिर हूं, ”यह जानते हुए कि वह अपने जीवन में कुछ कर रहा हूं. कठोर परिश्रम ने मेरे लिए यह संभव कर दिया है.”, जुनूनी प्रशंसक अरुण कुमार निकम ने कहा.

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लॉन्च में शामिल हुए ये सितारे…

मुंबई के आलीशान सहारा स्टार के सिनेथेक्यु में आयोजित कार्यक्रम में मुकेश ऋषि, सुदेश भोसले, पवन शंकर, संतोष शुक्ला, अभिनव गौतम और अर्शी खान के साथ अरुण कुमार निकम के अन्य टीम मेंबर जिन्होंने हर घड़ी उनका साथ दिया जिनमे अभिनेता विनोद सोनी, निर्माता दीपिका सोनी, ख्याति भट्ट, जय तिलेकर और जेठमल सोनी, वीडियो निर्देशक सागर सहाय, संगीत निर्देशक गौरव कुमार, दोस्त और समर्थक अशोक हदिया, मनोज राठौड़ और अजय सोनी, सुनील मेवावाला, मोहन दास, लेखक-निर्देशक अनुशा श्रीनिवासन अय्यर, सुरेश मिश्रा और अन्य भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे. अनूप जलोटा द्वारा ‘कैसे मिलू मैं ..?’

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